
14/10/2020
ये छोटी सी गलती महंगी से महंगी दवाई के असर को फेल कर देगी
सरवत
sarwat.fatima@intoday.com
एलोपैथी दवाइयों के साथ ये गलतियां न करें
डॉक्टर विजय रंजन, एमडी मेडिसिन, ग्रीनलैंड हॉस्पिटल, गोरखपुर
-दवाई का कोर्स पूरा न करना. कई बार ऐसा देखा जाता है कि डॉक्टर जितने दिन दवाई खाने की सलाह देते हैं, मरीज़ उतने दिन दवा नहीं खाते. बीच में ही छोड़ देते हैं. इसके कारण अगर दोबारा वही बीमारी होने पर सेम दवा असर नहीं करती है. कई बार डॉक्टर दवाई देते हैं. पेशेंट ठीक नहीं होता. ब्लड कल्चर में पता चलता है कि वो दवाई पहले से शरीर रेसिस्ट कर रहा है. असर नहीं हो रहा. वजह एक ही है. पेशेंट ने दवाई पहले कभी ली होगी फिर छोड़ दी होगी.
-टीबी की दवाई लंबी चलती है. लेने में इंसान को तकलीफ़ होती है. पर अगर आप इस दवा को बीच में छोड़ देंगे तो आपको ये दवाई दोबारा से शुरू करनी पड़ेगी. और उतनी ही ड्यूरेशन तक खानी पड़ेगी. बार-बार दवा छोड़ने और शुरू करने से ये मल्टी ड्रग रेसिस्टेंस में बदल जाएगा. इसे MDRTB बोलते हैं और ये कभी ठीक नहीं हो सकता.
-दवा की टाइमिंग. आमतौर पर लोग फॉलो नहीं करते हैं. अगर डॉक्टर ने कहा ये नाश्ते से पहले खाना है. ये नाश्ते के बाद खाना है. पर लोग अपनी सुविधा अनुसार दवाई लेना शुरू कर देते हैं. ये नहीं करना चाहिए
बात चाहे एलोपैथी की हो या होमियोपैथी. कुछ ग़लतियां हम दोनों तरह की दवाइयों के साथ करते हैं
-डॉक्टर को दिखाने जाते हैं तो डॉक्टर को अपनी पुरानी दवा के बारे में ज़रूर बताएं. कई बार आप डॉक्टर को पूरी दवा नहीं बताते हैं. डॉक्टर नई दवा लिख देता है जो पुरानी दवा से बिलकुल सेम होती है. आपको डबल डोज़ की दवा मिल जाती है
-स्टेजिंग. शुरुआती दौर में अगर कोई लक्षण दिख रहे हैं किसी बीमारी के तो ओवर द काउंटर कोई भी दवाई न लें. ओवर द काउंटर दवा लेना आपके लिए ख़तरनाक हो सकता है
तो इनमें से कौन-कौन सी गलतियां आप भी करते हैं?
पता चल गया न क्या अंजाम हो सकता है. अब आते हैं होमियोपैथी पर. इनमें किन ग़लतियों को आपको अवॉयड करना है.
डॉक्टर अनुजा फुल्सुंदर, नासिक
इस बारे में हमें बताया नासिक में रहने वाली होमियोपैथी डॉक्टर अनुजा फुल्सुंदर ने.
-होमियोपैथी में कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते, कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि होमियोपैथी धीरे-धीरे असर करती है. पर ये सच नहीं है
-कई बीमारियां लंबे समय से चल रही होती हैं. ऐसी बीमारियां तुरंत दवाई से ठीक नहीं होतीं. लंबा कोर्स करना पड़ता है
-डायरिया और बुखार जैसी स्थिति में दवाई से तुरंत असर दिखता है
-मरीज़ डॉक्टर को पूरी जानकारी नहीं देता. होमियोपैथी में शारीरिक और मानसिक स्थिति के आधार पर दवाई दी जाती है
होमियोपैथी दवाइयों का असर पूरी तरह बीमारियों की प्रकृति पर निर्भर करता है
-कई लोगों को ऐसा लगता है कि होमियोपैथी और एलोपैथी साथ में नहीं कर सकते. पर ऐसा नहीं है. कई ऐसी बीमारियां हैं जिसमें होमियोपैथी और एलोपैथी साथ में ली जा सकती हैं
-लहसुन, चाय, प्याज़, कॉफ़ी जैसी चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए, होमियोपैथी उपचार के दौरान. असल बात ये है कि होमियोपैथी दवाइयों का अवशोषण होने के लिए ये दवाई लेने से 20 मिनट पहले और बाद में किन्हीं भी स्ट्रांग एसेंस वाले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
तो अगर अपनी सेहत से प्यार है तो इन ग़लतियों को ज़रूर अवॉयड करिए.