Gayatri Pariwar Sagar

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गायत्री परिवार:- हमारे गुरुदेव परम पूज्य पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के साहित्य,विचारों, गायत्री परिवार सागर एवं अन्य क्षेत्रो के गायत्री परिवार से जुड़े कार्यक्रम,आदोलन को इस पेज के द्वारा सभी लोगों तक डिजिटल मीडिया के माध्यम पहुचाने का प्रयास करते है।

🙏माता पिता एवं गुरुजनों के प्रति कृतज्ञता की भावना जीवन भर धारणा किये रहना आवश्यक है। यदि इन गुरुजनों का स्वर्गवास हो जा...
09/09/2025

🙏माता पिता एवं गुरुजनों के प्रति कृतज्ञता की भावना जीवन भर धारणा किये रहना आवश्यक है। यदि इन गुरुजनों का स्वर्गवास हो जाए तो भी मनुष्य की वह श्रद्धा स्थिर रहनी चाहिए। इस दृष्टि से मृत्यु के पश्चात पितृ जनों में मृत्यु की वर्ष तिथि के दिनः पर्व समारोहों पर श्राद्ध करने का श्रुति-स्मृतियों में विधान पाया जाता है।
🔷️श्रद्धा से श्राद्ध शब्द बना है। श्रद्धापूर्वक किये कार्य को श्राद्ध कहते हैं। श्राद्ध से श्रद्धा जीवित रहती हैं श्रद्धा को प्रकट करने का जो प्रदर्शन होता है, वह श्राद्ध कहलाता है। जीवित पितरों और गुरुजनों के लिए श्रद्धा प्रकट करने- श्राद्ध करने के लिए, उनकी अनेक प्रकार से सेवा-पूर्जा तथा संतुष्टि की जा सकती है, परतु स्वर्गीय पितरों के लिए श्रद्धा प्रकट करने का, अपनी कृतज्ञता को प्रकट करने का कोई निमित्त बनाना पडता हैं।
🔶️यह निमित्त है-श्राद्ध। मृत पितरों के लिए कृतज्ञता के इन भावों का स्थिर रहना. हमारी संस्कृति की महानता को ही प्रकट करता है। जिनके सेवा-सत्कार के लिए हिंदुओं ने वर्ष में १५ दिन का समय पृथक निकाल लिया है। पितृ भक्ति का इससे उज्ज्वल आदेश और कहीं मिलना कठिन है।
🔷️श्रद्धा तो हिंदू धर्म का मेरूदंड है। हिंदू धर्म के कर्मकांडो में आहे से अधिक श्राद्धतत्व भरा हुआ हैं। सूर्य, चंद्रमा, ग्रह, नक्षत्र, पृथ्वी, अग्नि, जल, कुंआ, तालाब, नदी, मरघट, खेत, खलिहान, भोजन, चक्की, चूल्हा. तलवार, कलम, जेवर, रुपया, घडा, पुस्तक, आदि निर्जीव पदार्थों की विवाह या अन्य संस्कारों में अथवा किन्ही विशेष अवसरों पर पूजा होती है। यहाँ तक कि नाली या घूरे तक की पूजा होती है। तुलसी, पीपल, वट, आंवला आदि पेड, पौधे तथा गौ, बैल, घोडा, हाथी आदि पशु पूजे जाते हैं।
🔶️ इन पूजाओं में उन जन्पदार्थों या पशुओं को कोई लाभ नहीं होता, परंतु पूजा करने वाले के मन में श्रद्धा एवं कृतज्ञता का भाव अवश्य उत्पन्न होता है। जिन जडचेतन पदार्थों से हमें लाभ मिलता है, उनके प्रति हमारी बुद्धि में उपकृत भाव होना चाहिए और उसे किसी न किसी रूप में प्रकट करना ही चाहिए। यह श्राद्ध ही तो हैं।

🙏पितरों को श्रद्धा दें वे शक्ति देंगे🙏पितर ऐसी उच्च आत्माएँ होती हैं, जो मरण और जन्म के बीच की अवधि को प्रेत बनकर गुजारत...
08/09/2025

🙏पितरों को श्रद्धा दें वे शक्ति देंगे🙏
पितर ऐसी उच्च आत्माएँ होती हैं, जो मरण और जन्म के बीच की अवधि को प्रेत बनकर गुजारती हैं और अपने उच्च स्वभाव संस्कार के कारण दूसरों की यथासभव सहायता करती रहती हैं।
🔷️इनमें मनुष्यों की अपेक्षा शक्ति अधिक होती है। सूक्ष्म जगत् से संबंध होने के कारण, उनकी जानकारियाँ भी अधिक होती हैं। उनका जिनसे संबंध हो जाता है, उन्हें कई प्रकार की सहायताएँ पहुँचाती हैं। भविष्य ज्ञान होने से वे संबद्ध लोगों को सतक भी करती हैं तथा कंई प्रकार की कठिनाइयों को दूर करने एवं सफलताओं के लिए सहायता करने का भी प्रयल्न करती हैं।
🔶️ऐसी दिव्य प्रेतात्माएँ अर्थात् पितर सदाशयी, सद्भाव संपन्न और सहानुभूतिपूर्ण होती हैं। वे कुमार्गामिता से असंतुष्ट होती तथा सन्मागे पर चलने वालों पर प्रसत्न रहती हैं।
🔷️पितर वस्तुतः देवताओं से भिन्न किन्तु सामान्य मनुष्यों से उच्च श्रेणी की श्रेष्ठ आत्माएँ हैं। वे अशरीरी होती हैं, देहधारी से सपर्क करने की उनकी अपनी सीमाएँ होती हैं। हर किसी से वे संपर्क नहीं कर सकतीं। कोमलता और निर्भीकता, श्रद्धा और विवेक दोनों का जहाँ उचित सतुलन-सामजस्य हो ऐसी अनुकूल भावभूमि ही पितरों के संपर्क के अनुकूल होती है।
🔶️सर्व साधारण उनकी छाया से डर सकते है, जबकि डराना उनका उद्देश्य नहीं होता । इसलिए वे सर्व साधारण को अपनी उपस्थितिका आभास नहीं देतीं। वे उपयुक्त मनोभूमि एवं व्यक्तित्व देखकर ही अपनी उपस्थिति प्रकट करतीं और "सत्परामर्श, सहयोग-सहायता"तथा सन्मार्ग-दर्शन करती है।

🔷️पितर-लोक ऊपर का ही लोक माना जाता है। यहाँ अवस्थित आत्माओं में सात्त्विकता का प्राधान्य होता है। उसी सत्व-गुण का प्रकाश वे अपने सपर्क में आए सत्पात्रों को देते हैं। साथ ही पितर मुक्त नहीं होते। अपनी उन्नति में सहयोग की उन्हें भी अपेक्षा होती हैं। सद्भावनाएँ संप्रेषित करने पर उन्हें ऐसा ही भावात्मक सहयोग प्राप्त होता है। प्रकाशपूर्ण मार्गदर्शन का सत्कर्म करने पर पितर भी सद्गति, के अधिकाधिक अधिकारी बनते हैं। इसलिए उन्हें ऐसे सत्कर्म में सहयोग देना भी उनकी प्रगति में सहयोग देना ही है। ऐसा सहयोग।

07/09/2025

तर्पण कार्यक्रम गायत्री शक्ति पीठ सागर

🌿✨ केंद्रीय विद्यालय-3 ढाना में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सफल आयोजन ✨🌿आज केंद्रीय विद्यालय धना में नशा मुक्ति संग...
06/09/2025

🌿✨ केंद्रीय विद्यालय-3 ढाना में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सफल आयोजन ✨🌿

आज केंद्रीय विद्यालय धना में नशा मुक्ति संगोष्ठी एवं वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन बड़े ही उत्साह व श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ।

👉 संगोष्ठी में श्री मनीष श्रीवास्तव जी ने विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में वैज्ञानिक ढंग से जागरूक किया और जीवनभर नशा न करने का संकल्प दिलाया।
👉 श्री नेत्रराम जी ने बच्चों को प्रेरित करते हुए परिवार व समाज में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया साथ ही श्री आदित्य भाई के साथ मिलकर सभी को नशा मुक्त भारत का संकल्प दिलवाया।
👉 इसके उपरांत श्री पप्पू यादव जी एवं श्री आदित्य नेमा भाई ने शिक्षकगण व विद्यार्थियों के साथ मिलकर मिलकर शिक्षक दिवस के अवसर पर भावपूर्ण वृक्षारोपण किया और हर विद्यार्थी ने एक-एक पौधा लगाया। साथ ही परम पुज्य गुरुदेव के साहित्य स्टॉल के साथ विद्यार्थियों को गुरुदेव के साहित्य का दर्शन एवं वितरण कराया गया।

🌺 इस अवसर पर सभी साथी, सभी शिक्षक एवं आदरणीय प्राचार्य श्री विनोद जी ने गायत्री परिवार के अभियानों की सराहना करते हुए हार्दिक आभार व्यक्त किया।
🙌 आदरणीय डॉक्टर अनिल खरे जी एवं सभी वरिष्ठों का भी विशेष आभार जिनकी सक्रिय भागीदारी से यह कार्यक्रम सफल हुआ।

🌱🚭
नशा मुक्त समाज और हरित भविष्य की ओर एक सराहनीय कदम।

06/09/2025
05/09/2025

गणेशोत्सव l दीप महायज्ञ l गायत्री परिवार सागर....

🌿 वृक्षारोपण एवं शिक्षक सम्मान कार्यक्रम – राहतगढ़ 🌿👉 आयोजन स्थलमुक्तिधाम, राहतगढ़ – 51 पौधेपुलिस थाना परिसर, राहतगढ़ – ...
05/09/2025

🌿 वृक्षारोपण एवं शिक्षक सम्मान कार्यक्रम – राहतगढ़ 🌿
👉 आयोजन स्थल
मुक्तिधाम, राहतगढ़ – 51 पौधे
पुलिस थाना परिसर, राहतगढ़ – 21 पौधे

👉 विशेष अवसर
♦️माँ भगवती महिला मंडल के अथक प्रयास से वृहद वृक्षारोपण
🔷️सी.एम. राइस स्कूल, राहतगढ़ में शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान
♦️भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा की जानकारी एवं पत्रक वितरण
🔷️प्राचार्य द्वारा परीक्षा आयोजन हेतु संकल्प

👉 मुख्य योगदान
♦️बहिन सुनीता भार्गव एवं प्रतिज्ञा शिलाकारी बहिन जी के प्रयासों से संभव
🔷️गायत्री परिवार सागर का सक्रिय सहयोग
👉 गायत्री परिवार वरिष्ठ परिजनों की उपस्थिति
♦️श्री आर.एल. शुक्ला, श्री आर.पी. यादव
🔷️महिला मंडल से – बहिन रितु सारस्वत, बहिन गायत्री गुप्ता, बहिन संध्या साहू, बहिन संध्या पांडे, आदरणीय शिलाकरी चाची जी
🔶️प्रखर प्रज्ञा मंडल – श्री लखनलाल पटेल, श्री अच्छे लाल साहू, श्री जेपी शर्मा, श्री अनिल शर्मा
🔷️युवा प्रकोष्ठ – श्री मनीष श्रीवास्तव, श्री रामकुमार चौरसिया, श्री सुनील साहू सपरिवार, श्री तनुज पांडे व अन्य
👉 प्रशासनिक सहयोग
♦️एसडीएम श्री सेन साहब
🔷️एसडीओपी साहब
♦️टीआई साहब
🔷️नगर पालिका अध्यक्ष
♦️पीडब्ल्यूडी विभाग अधिकारीगण
🔷️सी.एम. राइस स्कूल के प्राचार्य एवं शिक्षकगण
🌸 सभी की उपस्थिति व सहयोग से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
🙏गुरुदेव की कृपा से सभी कार्य सफलता और सौहार्द के साथ संपन्न हुए।
🙏जय गुरुदेव🙏

🙏 जन्मदिन की मंगल शुभकामनाएँ 🙏🙏आदरणीय श्री डी.पी. साहू जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई 🙏इस पावन अवसर पर ईश्वर, ...
04/09/2025

🙏 जन्मदिन की मंगल शुभकामनाएँ 🙏
🙏आदरणीय श्री डी.पी. साहू जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई 🙏
इस पावन अवसर पर ईश्वर, गायत्री माता एवं गुरुदेव-वंदनीया माताजी के दिव्य आशीर्वाद से
आपका जीवन सुख-समृद्धि, स्वस्थ्य, दीर्घायु एवं सद्गुणों से परिपूर्ण हो।
आपका हर दिन नव ऊर्जा, नव उमंग और यशस्विता से आलोकित होता रहे।
🎂✨ जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ ✨🎂
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