15/06/2023
चेहरे पर चिंता की लकीरें। क्या होगा पता नही?
जीवन की आश लगाए मरीज के परिजनों का प्रश्न, जिसका उत्तर देने में असमर्थ महसूस करने की विवशता और अनिश्चितता से उहापोह मन। क्या करूं? कही न बचा पाने पर बदनामी न हो? रेफर ही कर देना ठीक है। परंतु अंतरात्मा ये मानने को तैयार नहीं। इतनी कम उम्र? हे ईश्वर ये क्या हो गया? ये पहुंच पाएगी पटना? SpO2 ( ऑक्सीजन लेवल) 30 % और लगातार चमकी।Gasping breathing है। रास्ते में मृत्यु हो गई तो कभी खुद को माफ कर पाऊंगा? आखिर जब क्रेटिकल केयर को कैरियर चुना है तो जिंदगी मौत के बीच जूझना ही पड़ेगा। परंतु इस बार दिल को यकीन नही हो पा रहा था कि बचा पाऊंगा इस प्यारी सी बच्ची को।
खैर डरते डरते वेंटीलेटर पर ले लिया, अब जाने ईश्वर।
जूनियर _ बॉस CXR देखे हैं, b/ l ground glass appearance है। Lung field तो कही दिखाइए नही पड़ रहा है। Cerebral edema काहे develop कर गया? ABG इतना खराब, नही बचेगी....न BP है, न आउटपुट. गड़बड़ा गई तो कहीं हंगामा न करे। बहुत रिस्क खेलते हैं। रेफर कर दीजिए।
Me_ बात तो ठिके कह रहे हो। परंतु पहुंचेगी नहीं। और अगर पटना जाए तो बड़े अस्पतालों में जाए तब न। पता चला कि कही किसी के चक्कर में पड़ के इधर उधर चली गई तो पता नहीं और गड़बड़ा ही जायेगी। कोई नही, अपना कर्तव्य करना है। परंतु इस बार तो मेरा भी हिम्मत जवाब दे रहा था। संभावना क्षीण दिख रही थी। पता नही...
और ऐसी ही असमंजस से निकल कर मौत को हराते हुए जब अचानक हंसते मुस्कुराते OPD में वही आपका मरीज फॉलो अप में आ जाए तो अचानक मन अत्यधिक प्रसन्न हो जाता है। यही सबसे बड़ी फीस है। ईश्वर को धन्यवाद।
आज का दिन अत्यंत ही बढ़िया हो गया। ऐसे में लगता है समस्तीपुर आना सफल रहा।
सभी को हार्दिक बधाई।
खासकर मरीज के परिजनों को जिन्होंने अपना धैर्य नहीं खोया और विश्वास बनाए रखा। और कमला इमरजेंसी हॉस्पिटल के सभी कर्मियों को जो दिन रात एक कर देते हैं।
आज ये बच्ची जब फॉलो अप में आई तो एक और ऐसी ही क्रिटिकल मरीज डिस्चार्ज हो रही थी।
ईश्वर को धन्यवाद। 🙏🙏🙏
Rajesh Kumar Jha