16/09/2025
*पथरी का इलाज करने के लिए होम्योपैथिक दवाइयां — Homeopathic Medicines For Kidney Stone*
किडनी की पथरी को जड़ से निकाल फेंकने के लिए होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन फायदेमंद है। बिना किसी नुकसान के होम्योपैथिक दवाइयां पथरी को घोल देती हैं। पथरी में होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन करने से आपको दो बड़े लाभ मिलते हैं।
1.होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन करने से पथरी का आकार छोटा होता जाता है या फिर पथरी कई टुकड़ों में बंट जाती है। इससे स्टोन आसानी से शरीर के बाहर निकल जाते हैं।
2.पथरी को ठीक करने के लिए अगर एक बार होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन कर लिया जाए तो भविष्य में दोबारा किडनी स्टोन होने का खतरा कम हो जाता है।
Homeopathic Medicines For Kidney Stone
बेलाडोना (Belladonna)
आर्जेन्टम नाइट्रिकम (Argentum Nitricum)
बर्बेरिस वल्गैरिस (Berberis Vulgaris)
बेंजोइक एसिड (Benzoic Acid)
कोकास कैक्टि (Coccus Cacti)
कैन्थरिस (Cantharis)
लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum)
डायोस्कोरिया विलोसा (Dioscorea Villosa)
सारसपरिला (Sarsaparilla)
परेरा ब्रावा (Pareira Brava)
थलासपी बरसा पास्टोरिस (Thlaspi Bursa Pastoris)
1.बेलाडोना (Belladonna)
कॉमन नाम – डेडली नाईटशेड (Deadly Nightshade)
कब दी जाती है यह दवा?
जब लक्षण कम समय के लिए नजर आते हैं तब यह दवा दी जाती है। निम्नलिखित लक्षणों में यह दवा दी जाती है।
चेहरा लाल होने पर।
असहनीय दर्द होना।
खिंचाव के साथ दर्द का अनुभव होने पर। चुभता हुआ दर्द महसूस होना। दर्द वाली जगह को छूने पर तेज झनझनाहट भी होती है।
मूत्रनली (Urine Tube) में दर्द होना।
पेट का तापमान बढ़ने या पेट में दर्द और जलन होने पर।
किडनी स्टोन के साथ प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ जाने पर।
पेशाब की मात्रा में कमी या रुकावट होने पर।
2.आर्जेन्टम नाइट्रिकम (Argentum Nitricum)
कॉमन नाम – सिल्वर नाइट्रेट (Silver Nitrate)
कब दी जाती है यह दवा?
इस दवा का मुख्य उपयोग दर्द की स्थिति में किया जाता है। किडनी में अपशिष्ट पदार्थों के जमाव के कारण दर्द होने पर इस दवा का प्रयोग किया जाता है। निम्न लक्षणों में यह दवा दी जाती है।
मूत्र के साथ खून आना।
अचानक से पेशाब निकल जाना।
किडनी में चोट लगने जैसा अनुभव होना।
किडनी छूने या धक्का लगने से तेज दर्द होना।
मूत्र की मात्रा में कमी और रंग में बदलाव होना।
मूत्र मार्ग में सूजन और यूरिन करते वक्त दर्द होना।
बर्बेरिस वल्गैरिस
3.(Berberis Vulgaris)
कॉमन नाम – बारबेरी (Barberry)
यह दवा कब दी जाती है?
बाई तरफ की किडनी में अगर पथरी और दर्द की समस्या है तो यह दवा बहुत असर दिखाती है।निम्नलिखित लक्षणों में यह दवा दी जा सकती है :-
यूरिन के गंध में बदलाव आना।
पेशाब करते वक्त जलन होना।
दर्द का असर पेट और जांघों में भी दिखना।
खड़े होने, उठने, बैठने या चलने में तेज दर्द होने पर।
यूरिन में बलगम के साथ लाल रंग का पदार्थ निकलने पर। यह खून नहीं होता है।
किडनी के आस-पास तेज दर्द का अनुभव होने पर। कभी-कभी मसल्स सुन्न हो जाती हैं।
बेंजोइक एसिड (Benzoic Acid)
कब दी जाती है दवा
यूरिन में बदबू आने पर और यूरिन का रंग भूरा होने पर इस दवा को दिया जाता है। दवा का डोज देने के लिए नीचे बताए गए लक्षण जरूरी हैं।
पेशाब में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होना।
सांस लेने, शरीर को झुकाने से किडनी में दर्द होना।
किडनी के आस-पास दर्द। दर्द छाती तक पहुंचना।
यूरिन न करने पर भी मूत्र मार्ग (Urine Passage) में तेज दर्द और जलन होना।
पेशाब के रंग में बदलाव। पेशाब में ग्लूकोज, बलगम की मौजूदगी और लाल रेत के दाने निकलना।
4.कोकास कैक्टि (Coccus Cacti)
कॉमन नाम – कोचिनियल (Cochineal)
कब दी जाती है यह दवा
यह दवा तब बहुत असरदार होती है जब पेट और किडनी के आस-पास दर्द के साथ ऐंठन होती है। निम्नलिखित लक्षणों में यह दवा दी जाती है।
पथरी के साथ-साथ शरीर में यूरिक एसिड का लेवल अधिक होना।
बार-बार यूरिन की इच्छा होना और यूरिन करने के दौरान दर्द का अनुभव होना।
यूरिन का रंग अधिक गहरा होना। यूरिन में लाल रंग के कणों की मौजूदगी होना।
किडनी से लेकर मूत्राशय (Bladder) तक तेज दर्द का अनुभव होना। यूरिन मार्ग में खून के थक्के बनना।
कैन्थरिस (Cantharis)
कॉमन नाम – स्पेनिश फ्लाई (Spanish Fly)
कब दी जाती है यह दवा
पेशाब करने की तीव्र इच्छा होना।
पेशाब करते वक्त तेज दर्द होना।
दर्द यूरिन करने के पहले और बाद भी हो सकता है।
अचानक से दर्द उठना और उस वक्त पेशाब करने की इच्छा होना।
यूरिन से भूरे रंग के कण निकलना। यूरिन जेली (Jelly) की तरह हो होना।
बूंद-बूंद पेशाब निकलना या पेशाब के साथ लाल रंग का पदार्थ निकलना।
किडनी में तेज दर्द होने पर। यह दर्द पुरुषों के लिंग और रिप्रोडक्टिव ग्लैंड (टेस्टिस) तक पंहुच जाता है।
5.लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum)
कॉमन नाम – क्लब मास (Club Moss)
कब दी जाती है यह दवा
यह दवा उस व्यक्ति को दी जाती है जो बार-बार किडनी स्टोन की समस्या से पीड़ित होता है। कुछ लक्षण हैं जिनमें इस दवा को दिया जा सकता है।
गाढ़ा पेशाब निकलना।
पेशाब रोकने में दर्द होना।
पेशाब के साथ झाग निकलना।
पेशाब करने के बाद दर्द कम होना।
पेशाब रोकने पर तेज पसीना आना।
रात के समय अधिक पेशाब आना।
पेशाब करते वक्त जलन होना और खून के थक्के बनना।
मधुमेह के रोगियों के मूत्र में ग्लूकोज की मौजूदगी होना।
पेशाब करने के बाद प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate Gland) में दर्द होना।
दायीं किडनी में तेज दर्द का अनुभव होना। यह दर्द यूरिन मार्ग तक फैल जाता है।
6.डायोस्कोरिया विलोसा (Dioscorea Villosa)
कॉमन नाम – वाइल्ड यम (Wild Yam)
कब दी जाती है यह दवा
पथरी के कारण पेट में तेज दर्द होने पर यह दवा दी जाती है। नीचे बताए गए लक्षणों में भी यह दवा दी जाती है।
हाथ-पैर में दर्द होने पर।
आगे की ओर झुकने पर आराम और पीछे की ओर झुकने पर दर्द का अनुभव होना।
पथरी की समस्या होने के बावजूद जो बहुत अधिक चाय पीते हैं उन्हें भी यह दवा दी जाती है।
दाहिनी यूरिन ट्यूब में असहनीय दर्द होना। यह दर्द लिंग और स्पेर्मेटिक कॉर्ड तक पहुंच जाता है।
7.सारसापरिला (Sarsaparilla)
कॉमन नाम – स्माइलैक्स (Smilax)
कब दी जाती है यह दवा
पेशाब करते वक्त तेज दर्द होने पर यह दवा दी जाती है। इसके अलावा भी कुछ लक्षण हैं जिनमें यह दवा दी जाती है।
पेशाब का बूंद-बूंद निकलना।
पेशाब के साथ मिट्टी के जैसे दिखने वाले पत्थर निकलना।
किडनी में तेज दर्द आरम्भ होता है और फिर दर्द नीचे की ओर फैल जाने पर।
दाहिनी किडनी का दर्द मूत्राशय (Urinary Bladder) और यूरिन मार्ग तक पहुंच जाना।
यूरिन करने के दौरान दर्द होना और मूत्र का रंग लाल होना। खड़े होकर पेशाब करने से पस आना।
8.परेरा ब्रावा (Pareira Brava)
कॉमन नाम – (Virgin Vine)
यह दवा कब दी जाती है
पथरी की वजह से यूरिन मार्ग में समस्या होने पर यह दवा दी जाती है। नीचे दिए गए लक्षणों में भी यह दवा दी जा सकती है।
किडनी में दर्द के साथ प्रोस्टेट ग्रंथि में दर्द होना।
पेशाब करने की इच्छा होती है पर मूत्र नहीं निकलता है। ऐसी स्थिति में जोर लगाने पर किडनी में दर्द होता है।
ऐसी स्थिति जब रोगी को सिर झुकाकर पेशाब करना पड़े। सिर झुकाकर जमीन से लगने के बाद ही रोगी पेशाब कर पाता है।
9.थलासपी बरसा पास्टोरिस (Thlaspi Bursa Pastoris)
कॉमन नाम – शेफर्डस पर्स (shepherd’s purse)
कब दी जाती है यह दवा
बार-बार किडनी और पेट में दर्द होने पर यह दवा दी जाती है। कुछ मामलों में यह दवा देना फायदेमंद होगा जैसे कि :-
बहुत अधिक पेशाब आना और पेशाब में फॉस्फेट की अधिक मात्रा होना।
किडनी में तेज दर्द होना और मूत्र के साथ लाल रंग का पदार्थ निकलना।