02/07/2024
गाॅव का हकीम: नीम वृक्ष
नीम भारतीय मूल का एक वृक्ष है।संस्कृति में इसे अरिष्ट कहते है यानि श्रैष्ठ,पूर्ण और कभी खराब न होने वाला माना जाता है। नीम के औषधीय गुणो के कारण ही इसे धरती का कल्प वृक्ष और गांव का दवाखाना भी माना जाता है।प्राकृतिक चिकित्सा की भारतीय प्रणाली ’आयुर्वेद‘ के आधार स्तंभ माने जाने वाले दो प्राचीन ग्रंथों ‘चरक संहिता’और ‘सुश्रुत संहिता’ में इसके लाभकारी गुणों की चर्चा की गई है। तभी तो हमारे ऋषियों ने नीम को ‘‘सर्व-रोग-निवारिणी‘‘ यानि ‘सभी बीमारियों की दवा’ माना है। नीम के पत्ते में 150 से ज्यादा रासायनिक रूप या प्रबंध होते है।इस धरती पर मिलने वाले पत्तो में सबसे जटिल नीम का पत्ता माना गया है। नीम के बारे में उपलब्ध प्राचीन ग्रंथों से पता चलता है कि चार हजार सालो से अधिक समय से इसे औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।इसके फल,बीज,तेल,पत्तो,जड,छाल में बीमारियों से लड़ने के गुण बताये गये है।वसन्त-ऋतु (विशेषतः चैत्र मास यानि 15 मार्च से 15 मई) में नीम के कोमल पत्तो के सेवन की सलाह दी गयी है। इससे खून साफ होता है साथ ही पूरे साल बुखार और चेचक रोग से बचाव होता है।नीम के अर्क में डायबिटिज,बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने का गुण होता है।नीम में शक्तिवर्धक और मियादी रोगो से लड़ने की क्षमता है। इसकी छाल मलेरिया और चर्म रोगो में काफी उपयोगी है।नीम की छाल,पत्तियों और बीजों में विभिन्न प्रकार के रसायनिक पदार्थो का एक समूह होता है जिसे लिमोनाइड्स कहते है।नीम के वृक्ष में मौजूद इन लिमोनाइड्स में बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण होते है जो मंुंहासे,छाले,खाज-खुजली,एक्जिमा को दूर करने में मदद करते है। नीम का अर्क मधुमेह,कैंसर,हृदय रोग,हर्पीस,एलर्जी,अल्सर,हिपेटाइटिस आदि रोंगो में मददगार है। नीम स्वाद में कड़वा जरूर होता है लेकिन औषधीय गुणो की खान है। जहां नीम के पत्ते त्वचा को स्वस्थ्य रखने और खून साफ करने का काम करती है तो वही छाल पाचन तंत्र को बेहतर करती है।नीम के पत्ते खाने से मुंह की दुर्गन्ध,दांत दर्द मिटाता है। नीम के पत्ते शरीर के अंदर हानिकारक वैक्टीरिया का नाश करने के साथ खून साफ करते है। यह चर्म रोग,कफ-कोल्ड में राहत देता है । नीम में मौजूद नेचुरल तत्व स्किन की देखभाल कर निखार लाते है। नीम में एंटीसेप्टिक, एंटी आॅक्सीडेंट,एंटी फंगल,एंटी वायरल,एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधन क्षमता मजबूत नही होती वे अक्सर बीमार पड़ जाते है। उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। नीम के सेवप से इम्यूनिटी बढ़ती है। कारण यह कि नीम फ्लेवोनोइड्स और पाॅलीफेनोल्स जैसे एंटीआॅक्सीडेंट होते है जो मुक्त कणों को बेअसर कर स्वास्थ्य को ठीक करता है। नीम में इम्यूनोमाॅड्यूलेटरी गुण मौजूद होते है जो मैक्रोफेज और लिम्फोसाइट्स जैसी प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधियों को विनियमित और बढ़ाने मे सहायक है। आप सप्ताह में दो से तीन बार नीम के पत्तो की चाय पिये ंतो काफी लाभ दायक रहेगा।
घर का डाॅक्टर: नीम
1 .नीम की छाल का लेप शरीर के चर्म रोगो और घाव को ठीक करता है।
2 मुंहासो से छुटकारा पाने के लिए नीम पत्ती पाउडर,दही और मुल्तानी मिट्टी पाउडर का पेस्ट बना कर चेहरे पर लगायें। सप्ताह में 2-3 बार यह लेप करने से आराम मिलता है।
3 शरीर की त्वचा पर दाद के चकत्ते हो तो नीम छाल के पाउडर को जैतून या अन्य तेल में मिलाकर लगाये।
4 रोज नीम की दातुन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ्य रहगे ।
5 नीम की पत्तियांे को पानी में उबाल कर नहाने से चर्म विकार दूर होते है।
6 सिर में डैड्रफ या खुजली होने पर नीम पत्ती पाउडर में पानी मिला कर पेस्ट बना ले।इस पेस्ट को सप्ताह में तीन बार बालो की जडंो में लगाये।
7 नीम की ताजा पत्तियो का रस नेत्र शोध का काम करता है।
8 सिर के बाल झड़ने पर नीम पत्ती पाउडर में मुल्तानी मिट्टी या एलोबेरा जैल मिला कर बनाये गये पेस्ट को बालो की जड़ में लगायें।
9 चहरे की आॅयली स्किन होने पर एक चम्मच नीम पत्ती पाउड़र,एक चम्मच चंदन पाउडर, थोड़ा सा गुलाब जल मिला कर पानी डाल कर पेस्ट बनायें। इस मिश्रण को सप्ताह में 2 बार लगाए।
10 नीम की ताजा पत्तियों के रस और शहद को 2ः1 के अनुपात में सेवन करने से पीलिया मे राहत मिलती है।
11 चेहरे पर पिंपल होने पर एक चम्मच नीम पत्ती पाउडर,एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी ,थोड़ा नीबू का रस,गुलाब जल डाल कर मिश्रण बनाये।इस पेस्ट को लगाने से मुंहासे दूर होने के साथ चहरे पर निखार आता है।
12 नीम के बीजों के चूर्ण को खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से बवासीर में काफी फ़ायदा मिलता है।
13 बाल झड़ना,सिर की त्वचा में इन्फेक्शन,रूसी,बालो का सही से विकास न होना बालो मे खुजली होने पर 3 चम्मच नीम पत्ती पाउडर मे 2 चम्मच दहीडाल कर पेस्ट बना ले।इस पैस्ट को सप्ताह में 2 से 3 बार लगाना है।
14 नीम और बेर के पत्तों को पीस कर इसका लेप बालो मे लगा कर एक घण्टे बाद बाल धोये।इससे बाल काले,घने और लम्बे होते है।
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