Ayush clinic & ayurvedic panchkarma center shivpuri

Ayush clinic & ayurvedic panchkarma center shivpuri नाड़ी परिक्षण
पंचकर्म
Detox & Beauty therapy
स्वर्ण प्राशन

18/12/2024

आयुर्वेद के नियमों का उचित प्रयोग करने, सही भोजन और जीवनशैली रखने से जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाना संभव है। जोड़ों के दर्द को रोकने, सही देखभाल और उपचार के लिए आयुर्वेद सर्वश्रेष्ठ उपचार पद्धतियों में से एक है। यदि आपको, आपके परिवार या दोस्तों में किसी को जोड़ों के दर्द की समस्या है, तो आयुर्वेद का रुख करने के लिए यह सही समय है।

आयुर्वेद अवधारणा
जोड़ों की तकलीफों के समाधान, रख-रखाव और उपचार के लिए आयुर्वेद की अपनी अवधारणा और नैदानिक सोच है।

जोड़ अस्थि व मज्जा धातु से मिलकर बनते हैं। जोड़ों को बांध कर रखने वाले लिगामेंट रक्त धातु से बने होते हैं, जो पित्त दोष के अधीन होती है। श्लेषक कफ, जोड़ों को चिकनापन प्रदान करता है, जबकि जोड़ों की गति के लिए वात का महत्व है।

जोड़ों में इन सभी दोषों का बहुत जटिल संतुलन होता है और जरा भी असंतुलित होने पर जोड़ों की संरचना व कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है, जिसका परिणाम होता है- जोड़ों में दर्द।
आयुर्वेद के अनुसार खाए गए भोजन को जठराग्नि पचाती है। जब जठराग्नि मंद पड़ जाती है, तो पाचन गड़बड़ा जाता है। खराब पाचन के कारण शरीर में आम एकत्रित होता है और जब ये विषाक्त पदार्थ यानी आम जोड़ों में इकट्ठा होने लगता है, तो वात के मार्ग को अवरुद्ध करता है, जिसके कारण जोड़ों का दर्द पैदा होता है।

जोड़ों में दर्द के लक्षण -

- जोड़ों को मोड़ने में परेशानी होन
- जोड़ों का लाल होना
- जोड़ों में खिंचाव महसूस होना
- जोड़ों पर कठोरता होना
- चलने- फिरने में दिक्कत होना
- जोड़ों में अकड़न आना
- जोड़ों में सूजन और दर्द
- जोड़ों में कमजोरी होना

जोड़ दर्द के कारण -
- हड्डियों में रक्त की आपूर्ति में रूकावट आना
- हड्डियों में मिनरल्स यानि की खनिज की कमी होना
- जोड़ों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ना
- जोड़ों में इंफेक्शन होना
- हड्डियों का टूटना
- मोच आना या चोट लगना
- हड्डियों में ट्यूमर आदि की शिकायत होना
- कार्टिलेज का फटना या घिस जाना

04/04/2024

*🌹किडनी प्रॉब्लम TREATMENT OF KIDNEY FAILURE🌹आज सब उपाय फ्री के ही लगभग जो बताएंगे।।हमे उम्मीद है की आप किडनी रोगीयों तक यह पोस्ट आप जरूर पहुंचाएंगे।।जनहित में जारी✍️Ayush Ayurveda आपकी सेवा के लिए हर समय तैयार है।।*

*👉उपाय;-पीपल के पत्ते का रस,नीम के पत्ते का रस सवेरे और शाम आधा-आधा कप किसी किडनी पेशेंट को पिला दो 2 से 3 महीना।मगर ध्यान रहें आंखों की रोशनी कमजोर होती है इसे लगातार लेने पर इसलिए आंवले का मुररबा भी जरूर दे रोगी को,,ओर कोई समस्या हो तो नजदीकी योग्य वैद्य से परामर्श ले।।*

*2️⃣ 50 ग्राम मक्के के भुट्टे के बाल को मसलकर 2 लीटर पानी में धीमी आंच पर उबालें। जब 1 लीटर पानी हो जाए उसे छानकर पीने लायक हो जाए तो थोड़ा-थोड़ा दिन भर करके पिलाएं।*

*3️⃣गोखरू ओर पुनर्नवा का काढ़ा पीए सुबह शाम।*

*4️⃣मकोय(पलपोटन) ओर सहजन की सब्जी खाएं बनाकर खूब*

*5️⃣ किडनी रोगियों पर जैसे दवा कार्य करती है उसी प्रकारी उसकी सही डाइट यानी भोजन कार्य करता है,इसलिये सुयोग्य वैद्य या डॉक्टर से डाइट चार्ट बनवाकर उसे अपनाएं।बिना खानपान के सही तरीके से दवाओं से कोई विशेष लाभ होने वाला नही है।*

*👉इसके इलावा अगर किसी रोगी साथी को किडनी की ज्यादा ही समय है,या डायलसिस पर है तो संपर्क कर सकते है।Ayush Ayurveda*
9329707844,
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*👉अन्य किसी भी रोग की जानकारी चाहिए हो या गम्भीर रोगों की दवा मंगवानी हो तो केंद्र के नम्बर पर ही सम्पर्क करें।*

*""सदा मुस्कुराते रहिये""*
*हँसते रहिये हंसाते रहिये*


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*👉जानकारी अच्छी लगें तो अधिक से अधिक शेयर करें, खुदतक सीमित न रखें, जनहित में जारी!*

ISRO Team congratulations!For soft landing in moon..
23/08/2023

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21/08/2023
21/04/2022

आयुर्वेद 🌿

आयुर्वेद 🌿
20/04/2022

आयुर्वेद 🌿

रसायन चिकित्सा आयुर्वेद के अनुसार शरीर में रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र सात धातु होते हैं। इसमें रस पहले आ...
19/04/2022

रसायन चिकित्सा
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र सात धातु होते हैं। इसमें रस पहले आता है। इससे ही रसायन चिकित्सा बनी है। इसका विवरण चरक संहिता में है।
यह आयुर्वेद के आठ अंगों में से एक है। वैसे तो यह हर उम्र के लोगों के लिए होती है लेकिन आयुर्वेद के अनुसार जरा (बुढ़ापा) और रोगों को नष्ट करने में रसायन चिकित्सा का विशेष महत्व है। इससे स्वस्थ व्यक्ति सेहतमंद रहता है और उम्र बढऩे की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।

ओज बढ़ाता है रसायन-
रसायन शब्द रस और आयन से मिलकर बना है। इसका अर्थ ‘रस प्राप्ति का मार्ग’ है। अत: रसायन उसे भी कहते हैं जो ओज की वृद्धि करे। ओज का संबंध हमारी रोग प्रतिरोध शक्ति (इम्यूनिटी) से है। रसायन न केवल रोगनाशक है अपितु स्वास्थ्य रक्षक भी है। बल्य और मेद्य औषधियों को रसायन में शामिल किया जाता है। रसायनों में अश्वगंधा, सतावरी, ब्राह्मी आदि मुख्य हैं। खाद्य समग्री जैसे ज्वार, बाजार आदि भी इसमें आते हैं। इनके सेवन में कुछ बातों का ध्यान रखते हैं,जैसे- मौसमी हो और कीटनाशक का इस्तेमाल न किया गया हो।

बीमारी नहीं, शरीर का इलाज होता-
बीमारी का नहीं बल्कि मरीज के शरीर का इलाज किया जाता है। पहले लक्षणों को ठीक किया जाता है क्योंकि जब शरीर स्वस्थ रहेगा तो बीमारियां खुद ही दूर हो जाती हैं। आयुर्वेद से इलाज में पहले रसायन का इस्तेमाल कर इम्युनिटी बढा़ते हैं। यह शरीर के क्षरण को रोकता है।

रसायन चिकित्सा के लाभ-
आयुर्वेद के अनुसार रसायन को लेने वाला की आयु, स्मरण शक्ति एवं बुद्धि वृद्धि होती है। साथ ही तरुण वय (वृद्धावस्था में भी युवा जैसा), शरीर व इंद्रियों में उत्तम बल की प्राप्ति, उदारता, वाक सिद्धि एवं सुरीला स्वर आदि गुणों की वृद्धि होती है। हालांकि बाजार में मिलने वाले रसायनों की गुणवत्ता परखना जरूरी होता है।
विषैले तत्व पंचकर्म से निकालते है
रसायन औषधि लेने से पहले शरीर और मन की शुद्धि जरूरी है। इसमें शोधन का महत्व भी है। शरीर में कई तरह के विषैले तत्व व मल होते हैं जो बीमारी को बढ़ाते हैं। इसलिए रसायन देने से पहले शोधन कर शरीर से दूषित तत्वों को बाहर निकालते हैं। रसायन औषधि धातु और ओज को बढ़ाए, इसके लिए पंचकर्म करते हैं।
अधिक जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें
-आयुष क्लीनिक & आयुर्वेदिक पंचकर्म सेंटर
झांसी रोड,
शिवपुरी
☎ 9329707844
☎ 9993474449

नारियल एक उपयोगी फल के रूप में जाना जाता है,नारियल में कई तरह के विटामिन और खनिज होते हैनारियल पानी पीने से इम्यून सिस्ट...
18/04/2022

नारियल एक उपयोगी फल के रूप में जाना जाता है,नारियल में कई तरह के विटामिन और खनिज होते हैनारियल पानी पीने से इम्यून सिस्टम अच्छा रहता है. साथ ही इसमें मौजूद साइटोकाइनिन बढ़ती उम्र के लक्षणों को आने से रोकता है

नारियल के फायदे -
-डायबिटीज के लिए :- कच्चे नारियल का सेवन रोजाना डायबिटीज के मरीजों को करना चाहिए। यह बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि नारियल इंसुलिन बनने में सहायता करता है।लेकिन नारियल के पानी मे शुगर की मात्रा अधिक ह जो शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है diabetic patients इसलिए पानी न लेl

-किडनी स्टोन के प्रिवेंशन के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल लेने की सलाह दी जाती है नारियल पानी पीने से स्टोन फॉर्मेशन को कम करने में मदद

-ब्लड प्रेशर कंट्रेल करने में मदद करता है

-डिहाइड्रेशन में फायदेमंद

-इम्युनिटी बढ़ाने के लिए :- रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कच्चे नारियल का सेवन करना चाहिए। नारियल में प्रचुर मात्रा में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-पैरासाइटिक गुण होते है। जो शरीर में संक्रमण को आने से रोकते है

-ऊर्जा बढ़ाने के लिए :- कच्चे नारियल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। जो शरीर की चर्बी को कम व ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है

- खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायता करते है।

-हड्डियों को मजबूत रखने के लिए :- कच्चे नारियल में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और मैग्नीशियम होते है। जो हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है

-दांतो के लिए :- जिन लोगो को दांतो से जुडी कोई समस्या है। तो कच्चे नारियल का सेवन करे। कच्चे नारियल में कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे खनिज होते है। जो दांतो की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होता है।

-कैंसर की रोकथाम :- कैंसर (Cancer) की रोकथाम करने के लिए सूखे नारियल बहुत फायदेमंद होते है। यह शरीर की कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सहायता करती है। सूखे नारियल में कई तरह के पोषक तत्व होते है। जो कोलन कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से बचाव करने में मदद करता है।

-कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए :- सूखे नारियल का सेवन करने से पाचन सम्बंधित सभी समस्याओं से बचने में मदद करता है।

-एनीमिया में लाभ

-कच्चे नारियल में प्रचुर मात्रा विटामिन के व आयरन होता है। जो बालो को स्वस्थ बनाने में सहायता करते है। जिससे बाल सुंदर और चमकदार लगने लगते है।

-महिलाओं को त्वचा में कील मुंहासे की समस्या है। तो इन समस्याओं को दूर करने के लिए कच्चे नारियल का तेल चेहरे पर लगाना चाहिए। कच्चे नारियल का सेवन करने से त्वचा में खुजली और जलन की समस्या नहीं होती है।

-महिलाओं को शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाने के लिए रोजाना नारियल का सेवन करना चाहिए। जिससे त्वचा में ऑक्सीजन बढ़ता है एव रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में सहायता मिलती है। शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलने से रक्त परिसंचरण पर्याप्त मात्रा में होता है। इससे त्वचा जवान, स्वस्थ और निखरने लगती है।

-आयुष क्लीनिक & आयुर्वेदिक पंचकर्म सेंटर
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ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पंचवदनाय दक्षिण मुखे. कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय. रामदूताय स्वाहा. ॐ दक्षिणमुखाय...
16/04/2022

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पंचवदनाय दक्षिण मुखे. कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय. रामदूताय स्वाहा. ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः श्री रूद्र अवतार के जन्मोत्सव की अनंत शुभकामनाएं🙏🏻🚩🚩🚩🚩
-आयुष क्लीनिक & आयुर्वेदिक पंचकर्म सेंटर
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लू लगना(हीट स्ट्रोक)अनुभूत योग मधुकादि हिम का प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा वात पित्त ,कफ दोष की असामान्य अवस्था में...
15/04/2022

लू लगना(हीट स्ट्रोक)
अनुभूत योग
मधुकादि हिम का प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा वात पित्त ,कफ दोष की असामान्य अवस्था में प्रयोग कराया जाता है । विशेषकर पित्त जन्य बुखार,लू लगने के कारण
मुलेठी
विहिदाना
गावजवां
गुलबनफ्सा
रेखाखतमी
मुनक्का
लिहसोड़ा
सभी की 10-10gm की मात्रा लेकर मोटा दरदरा पीस लिया।
1चम्मच की मात्रा मिट्टी या कांच के बर्तन में रात को भिगो दें । सुबह अच्छे से मसलकर मिश्री मिलाकर छानकर पीएं
फायदे
पित्त जन्य व्याधियों में उपयोगी होता है
गर्मी में लू लगने के कारण आने वाला बुखार जुकाम के लिए लाभदायक है ।
#जिन रोगियों को दमा खांसी और कफ की समस्या रहती है रोगियों को हिम की जगह पर काढ़ा बनाकर पीना चाहिए
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वत्सनाभ “जहरों का राजा” एक जहरीली जड़ी-बूटी है और इसका व्यापक रूप से आयुर्वेद में जहरीले घटकों के उन्मूलन के बाद उपयोग क...
14/04/2022

वत्सनाभ “जहरों का राजा” एक जहरीली जड़ी-बूटी है और इसका व्यापक रूप से आयुर्वेद में जहरीले घटकों के उन्मूलन के बाद उपयोग किया जाता है वत्सनाभ लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती हैयह जड़ी-बूटी के रूप में शरीर के अंदर तीनों दोषों वात, पित्त और कफ को संतुलित रखने में मदद करता है मुख्य रूप से बढ़े हुए कफ और पित्त दोष को संतुलित करने में मददगार
- बहुत तेज ज्वर को दूर करने में सहायक
-आंतरिक व बाहरी सूजन को दूर करें
-खांसी को खत्म करने में मददगार
-मूत्राशय से संबंधित रोगों को दूर करने में मददगार
-रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक
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