22/05/2020
*महत्वपूर्ण जानकारी Omega-3* 🤩
आपने अखबारों में, टी.वी. या और अन्य स्थानों पर अनेकों बार ओमेगा 3 का नाम सुना या पढ़ा होगा। क्या आपको पता है कि ओमेगा 3 है क्या? नहीं न? ओमेगा 3 एक फैटी एसिड है। वास्तव में, यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो आपको कई तरह के फायदे पहुंचाता है और अनेक रोगों से बचाने में मदद करता है। जब आप इसकी उपयोगिता के बारे में जानेंगे तो आश्चर्य मेें पड़ जाएंगे।
असल में, ओमेगा 3 फैटी एसिड के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है। हो सकता है आप भी इसके गुण के बारे में पहली बार पढ़ रहे हैं। अगर सही में ऐसा है तो आपको यह जानना बहुत जरूरी है क्योंकि इसकी कमी से बहुत गंभीर नुकसान हो सकता है।
*क्या है ओमेगा 3 फैटी एसिड ?* 🤔
ओमेगा 3 एक फैटी एसिड है। यह मुख्यतः तीन प्रकार का होता है जिनमें एएलए (अल्फा-लिनोलेनिक एसिड) ओमेगा पौधों में पाया जाता है, जबकि डीएचए (डोकोसाहेक्सानोइक एसिड) और ईपीए (इकोसापैनटोइनिक एसिड) ओमेगा पशु खाद्य पदार्थों में होता है। यह शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी पोषक तत्व है जिसकी पर्याप्त मात्रा से आपका शरीर स्वस्थ बना रहता है।
➖ *ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदेत्वचा के लिए फायदेमंद होता है।*
ओमेगा 3 फैटी एसिड आपकी त्वचा को मुलायम, नमी से युक्त, और झुर्रियों से मुक्त रखता है। त्वचा को डिहाइड्रेट होने से बचाता है। यह मुंहासों को आने से रोकता है। इतना ही नहीं यह सूर्य की रोशनी से त्वचा को होने वाले नुकसान से रक्षा करता है।
➖ *गर्भावस्था एवं गर्भस्थ शिशु को फायदा।*
गर्भावस्था के दौरान ओमेगा 3 फैटी एसिड के सेवन से गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु का शरीर भी निरोग रहता है। शिशु का शरीर और मस्तिष्क का सही ढंग से विकास होता है।
➖ *ह्रदय संबंधी रोगों में असरकारक होता है।*
ओमेगा 3 फैटी एसिड ह्रदय संबंधी रोगों से आज दुनिया भर में लाखों लोग पीड़ित हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड ऐसे रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। चिकित्सकों के अनुसार, जो लोग मछली खाते हैं उनको पर्याप्त मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड मिलता है। इससे सामान्य लोगों की अपेक्षा उनको ह्रदय संंबंधित रोग होने की कम संभावना रहती है।
इसके साथ ही ओमेगा 3 फैटी एसिड मेटाबोलिक सिंड्रोम को सही कर ह्रदय संबंधी जोखिम में भी सुधार करता है। हालांकि इससे संबंधित किसी तरह का प्रमाणिक तथ्य का अभी तक पता नहीं चला है।
➖ *मोटापा में लाभदायक।*
अमेरिका स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ) के अनुसार, ओमेगा 3 फैटी एसिड मोटापा में फायदा पहुंचाता है।
➖ *आंखों के लिए फायदेमंद होता है।*
ओमेगा 3 फैटी एसिड
इसके सेवन से आंखों की रेटिना स्वस्थ रहती हैं और इससे आंखों से संबंधित परेशानी के होने की संभावना कम हो जाती है।
➖ *उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को कम करना।*
ओमेगा 3 फैटी एसिड का काम उच्च रक्तचाप को कम करना और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) के लेवल को बढ़ाना भी है। रक्त के थक्के जो शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं ओमेगा 3 फैटी एसिड उसको बनने से रोकता है। इसके साथ ही यह सूजन को कम करता है और धमनियों के कार्य को गतिशील रखता है।
➖ *ऑटोइम्यून रोग में राहत पहुंचाता है।*
ओमेगा 3 फैटी एसिड
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, इस बीमारी में रोग प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर हो जाती है और शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने लगता है। *टाइप 1 डायबिटीज* इसका एक प्रमुख उदाहरण है। इसमें पैनक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन रुक जाता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड इसमें भी मदद पहुंचाता है।
➖ *मानसिक विकार में फायदेमंद।*
जो लोग मनोवैज्ञानिक विकार से पीड़ित होते हैं उनके शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी हो सकती है। इसकी कमी से आंत संबंधी रोग, भूलने की बीमारी (अल्जाइमर) जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।
➖ *कैंसर रोकने में असरकारक।*
ओमेगा 3 फैटी एसिड को कैंसर में भी फायदेमंद माना जाता है। एक शोध के अनुसार, जो लोग अधिक मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करते हैं उनमें कोलोन कैंसर होने की संभावना 55% कम हो जाती है। इसके साथ ही यह कैंसर के कई और प्रकार में भी फायदेमंद होता है। हालांकि इससे संबंधित प्रामाणिक तथ्यों का अभी तक पता नहीं चला है।
➖ *स्तन एवं प्रोस्टेट कैंसर के लिए फायदेमंद।*
अगर शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड की बहुत अधिक कमी हो गई तो स्तन और प्रोस्टेट कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है। हालांकि अब तक इससे संबंधित किसी तरह का प्रामाणिक तथ्य का पता नहीं चला है।
➖ *ओमेगा 3 फैटी एसिड से अस्थमा की रोकथाम।*
अस्थमा (कफ, सांसों का उखड़ना, सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आना) फेफड़े से जुड़ी एक क्रोनिक बीमारी है। यह फेफड़े में संक्रमण और सूजन के कारण होती है। यह छोटे बच्चों में अधिक देखा जाता है। शोध के अनुसार, शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा से छोटे एवं किशोरावस्था के बच्चों को अस्थमा में आराम मिलता है।
➖ *लीवर के फैट को कम करता है।*
ओमेगा 3 फैटी एसिड एनआईएच के अनुसार, यह लीवर को फैटी होने से रोकने में मदद पहुंचाता है। इसके साथ ही लीवर की सूजन को भी कम करता है।
➖ *हड्डी एवं जोड़ों के रोग में भी फायदा करता है।*
ओमेगा 3 फैटी एसिड आज कई लोग ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया से पीड़ित हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने में मदद कर हड्डी की शक्ति में सुधार लाता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम होता है। यह गठिया से भी मदद करता है। ओमेगा -3 की खुराक लेने वाले मरीजों के अनुसार यह जोड़ों के दर्द में कमी लाता है और मांसपेशियों में मजबूती देता है। इतना ही नहीं यह पीठ दर्द और जकड़न आदि परेशानियों में भी राहत पहुंचाता है।
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*विटामिन ई के फायदे* 🤩
आपने विटामिन-ई के बारे में कई बार सुना होगा अाैर पढ़ा भी होगा। कई फलों, तेलों और ड्राय फ्रूट्स में विटामिन-ई पाया जाता है, और यह सेहत के साथ-साथ सौंदर्य के लिए भी बेहद लाभदायक होता है।
खासतौर पर सोयाबीन, जैतून, तिल के तेल, सूरजमुखी, पालक, ऐलोवेरा, शतावरी, ऐवोकेडो के अलावा कई चीजों में विटामिन-ई की मात्रा मौजूद होती है।
*आइए जानते हैं, विटामिन-ई के ऐसे ही कुछ लाभ :*
*1.* बेहतरीन क्लिंजर - विटामिन-ई का उपयोग कई तरह के सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। इसका अहम कारण है, कि यह एक बेहतरीन क्लिंजर है, जो त्वचा की सभी परतों पर जमी गंदगी और मृत कोशिकाओं की सफाई करने में सहायक है।
*2.* आरबीसी निर्माण- शरीर में रेड ब्लड सेल्स यानि लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने में विटामिन-ई सहायक है। प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन- ई का सेवन बच्चे को एनीमिया यानि खून की कमी से बचाता है।
*3.* मानसिक रोग - एक शोध के अनुसार विटामिन-ई की कमी से मानसिक रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। शरीर में विटामिन-ई की पर्याप्त मात्रा मानसिक तनाव और अन्य समस्याओं को कम करने में मदद करती है।
*4.* एंटी एजिंग - विटामिन-ई में भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो त्वचा पर बढ़ती उम्र के असर को कम करते हैं। इसके अलावा यह झुर्रियों को भी कम करने और रोकने में बेहद प्रभावकारी है।
*5.* हृदय रोग - शोध के अनुसार जिन लोगों के शरीर में विटामिन ई की मात्रा अधिक होती है, उन्हें दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। यह मेनोपॉज के बाद महिलाओं में होन वाले हार्ट स्ट्रोक की संभावना को भी कम करता है।
*6.* प्राकृतिक नमी - त्वचा को प्राकृतिक नमी प्रदान करने के लिए विटामिन-ई बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा यह त्वचा में कोशिकाओं के नवनिर्माण में भी सहायक है।
*7.* यूवी किरणों से बचाव - सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने में विटामिन-ई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सनबर्न की समस्या या फोटोसेंसेटिव होने जैसी समस्याओं से विटामिन-ई रक्षा करता है।
*8.* विटामिन-ई का प्रयोग करने पर अल्जाइमर जैसी समस्याओं का खतरा कम होता है, इसके अलावा यह कैंसर से लड़ने में भी आपकी मदद करता है। एक शोध के अनुसार जिन लोगों को कैंसर होता है, उनके शरीर में विटामिन-ई की मात्रा कम होती है।
*9.* विटामिन ई की पर्याप्त मात्रा डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद करती है। यह ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम, इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ एलर्जी से बचाव में भी उपयोगी होता है।
*10.* यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करता है और शरीर में वसीय अम्लों के संतुलन को बनाए रखने में सहायता करता है। इसके साथ ही यह थायराइड और पिट्यूटरी ग्रंथि के कार्य में होने वाले अवरोध को रोकता है।
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