22/02/2023
मुख्यमंत्री जी मानते है की चिकित्सा एक सेवा का कार्य हैं तो कुछ सवाल RTH के संदर्भ में मन में आते हैं।
1. चिकित्सकों को व्यवसायिक दरों पर बिजली क्यो दी जा रही हैं?
2. क्यों इनसे फायर सैफ्टी के नाम पर लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं?
3. सरकार ने भृष्टाचार को बढ़ाने के लिए क्यों 50 से अधिक सर्टीफिकेट हॉस्पिटल पर लागू किये, उनकी अलग से फीस रखी हैं और रिश्वत अलग से, अगर यह सेवा का कार्य है तो इन्हे क्यो माफ नहीं किया?
4. अगर यह सेवा का कार्य है तो क्यो सरकारी अधिकारी आए दिन निजी अस्पतालो मे inspection के नाम पर रिश्वत लेते है।
5. निजी अस्पताल लाखों करोड़ों रुपये के लोन लिए पैसों से बने अस्पताल मे फ्री मे केसे इलाज दे पाएगा?
6. क्यों चिकित्सा को व्यवसाय माना और उसे कन्जयूमर एक्ट में लिया। पहले स्थिति काफी बेहतर थी, इस एक्ट के बाद से मरीज का इलाज जटिल व महंगा हो गया है।
-हॉस्पिटल को जमीन, बिजली पानी, कंस्ट्रक्शन, भवन , एम्बुलेंस इनकम टैक्स आदि में व्यावसायिक दरों में सर्वाधिक वसूली होती है जिसे संचालक या चिकित्सक को भरना होता है। बाजार में हॉस्पिटल के नाम पर हर वस्तु या सेवा की दर दुगुनी हो जाती है, उसे को भरेगा।
-सरकार को जब वसूली करनी होती है तब इसे व्यवसाय मानती है और जब वह सरकारी अस्पतालो की व्यवस्था नहीं सुधार पा रही हैं तो इसकी सारी जिम्मेदारी निजी अस्पतालो पर थोपना चाह रही हैं। ये सरकार का दोगलापन क्यों है?
- सरकार आजादी के इतने सालों के बाद भी करोड़ो अरबो रुपये खर्च करके भी जनता को सरकारी अस्पतालो मे क्यो सुविधा नहीं दे पा रही हैं?इतने रुपये लगाने के बाद भी क्या कारण है की सरकारी अस्पतालो मे चिकित्सक , स्टाफ, मशीनों की कमी हैं, जिस कारण से लोगो को private hospital मे जाना पड़ रहा है । क्यों आज भी private hospital ज्यादा बेहतर सुविधाए दे पा रहे है।
- सरकार ने निजी क्षेत्र के केवल कुछ प्रतिशत हॉस्पिटल को जमीने कम लागत मे दी है वो भी उनके जहां मंत्रियों के रिश्तेदार उनके स्वामित्व में है । क्यूँ बाकी 95 प्रतिशत से अधिक हॉस्पिटल को महंगी जमीने खरीदनी पड़ रही है। वो निःशुल्क सेवा कब तक दे पाएंगे।
- चिकित्सा विज्ञान को समझने मे एक चिकित्सक् पूरी जिंदगी लगा देता है वो चीज एक BA, MA पढा प्रधान, या कला, पॉलिटिकल साइंस, साइकोलॉजी, होम साइंस , रसायन सास्त्र, भौतिकी, भूगोल पढ़ के बना IAS कैसे enquiry कर पाएगा।
-ऐसी कौन सी बीमारी है जो इमर्जेंसी नहीं है,? एक हर्निया कभी भी obstruction मे जा सकता है, एक cataract कभी भी rupture हो सकता है तो फ्रैक्चर से कभी भी compartment सिंड्रोम हो सकता हैं। क्रोनिक हार्ट failure कभी भी इमर्जेंसी मे बदल सकता है तो सामन्य बुखार से भी seizure (मिर्गी) आ सकती है।
कही ये ऐसा तो नहीं की सरकार जिसका प्रमुख कार्य इसकी जनता को अच्छा इलाज जरुरतमंदो को सही समय पर देना हो उसमे यह विफल हो रही है जिसका ठीकरा यह निजी अस्पतालो पे डाल रही हैं । उन्ही अस्पतालो और चिकित्सको पे जिन्होंने कोरोना जेसी आपदा के समय सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर राजस्थान को कोरोना की लडाई मे no 1 state बनाया.
-या मुख्यमंत्री जी को यह लग रहा हैं की RTH के नाम पे कुछ वोट मिल जाए, क्यो की चिरंजीवी योजना तो पुरानी सरकार के द्वारा संचालित भामाशाह - आयुसमान योजना का दूसरा नाम हैं.
राइट टू हेल्थ, सरकार की जिम्मेदारी है, इसे सरकारी अस्पतालों में ही लागू किया जाए।
डॉ० एन एस गढ़वाल
गढ़वाल ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल
सीकर