
30/08/2025
Intersteing case:
77 वर्षीय महिला को गंभीर पेट दर्द की वजह से अस्पताल ले जाया गया। शुरुआत में डॉक्टरों को लगा कि शायद पेट में कोई ट्यूमर है।
लेकिन जांच में एक चौंकाने वाली बात सामने आई—डॉक्टरों ने पाया कि उनके शरीर के अंदर पिछले 40 साल से भी ज़्यादा समय से एक कैल्सिफाइड भ्रूण मौजूद था।
इस दुर्लभ स्थिति को लिथोपेडियन या “स्टोन बेबी” कहा जाता है। यह तब होता है जब गर्भावस्था गर्भाशय (womb) के बाहर विकसित होती है और शरीर भ्रूण को बाहर नहीं निकाल पाता। संक्रमण से बचने के लिए शरीर भ्रूण के चारों ओर कैल्शियम की परत चढ़ा देता है, जिससे वह पत्थर जैसी कठोर संरचना में बदल जाता है।
डॉक्टरों ने इस ममीकृत भ्रूण को सुरक्षित तरीके से निकाल दिया। ऐसे मामले बेहद दुर्लभ होते हैं—पूरे चिकित्सा इतिहास में अब तक लगभग 300 ही दर्ज किए गए हैं। यह महिला इसे चुपचाप दशकों तक अपने भीतर ढोती रही, जिससे यह अब तक के सबसे लंबे दर्ज मामलों में से एक बन गया।
हाल के कुछ वर्षों में भारत में भी कई केस रिपोर्ट हुए हैं,जिनमें से ये रिसेंट केस रिपोर्ट है
Thats why in surgical language abdomen is called यानि जादूगर का पिटारा