ASTRO SOLUTION

ASTRO SOLUTION आपकी हर समस्या का समाधान

14/03/2025

होली के पर्व की बहुत बहुत शुभकामनाएं
राम राम

🛕🛕Astro Solution 🛕🛕आप सभी को पंडित अशवनी आचार्य की तरफ से होली के महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।आप सदा खुश रहे महादेव आ...
12/03/2025

🛕🛕Astro Solution 🛕🛕आप सभी को पंडित अशवनी आचार्य की तरफ से होली के महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।आप सदा खुश रहे महादेव आपकी हर मनोकामना पूरी करें । इसके लिए भगवान नारायण का ध्यान करते हुऐ इस उपाय को होली के दिन जरूर करें ।ॐ नमो नारायण
1- एक सूखा नारीयल
2 - एक पान का पत्ता
3- सात लोंग
4- सात इलाइची
5- कपूर
6 - थोड़ी पीली सरसों
7 - सात काली मिर्च
सभी सामान को पान के पते पर रख कर अपने घर के चूल्हे ओर घर के सभी सदस्यों के ऊपर से सात बार उबार सर के उपर से घुमा कर होलिका दहन में डाल कर सात बार परिक्रमा करें । अपने मन मे घर की सुख समृद्धि की कामना करे ।
ओर इस मन्त्र का जप करे
🛕ॐ नामों भगवते मम ऊपरी मम परिवार सदस्य ऊपरी आधी व्याधि जरा पीड़ा मृत्युतुल्य कष्ट पर मंत्र पर तंत्र पर क्रत्य डाकिनी शाकिनी भूत प्रेत पिशाच नजर टोना टोटका भस्म कुरु कुरु स्वाहा ।
इस मंत्र का जप करते हुए स्वाहा करें ।
🌹पंडित अशवनी आचार्य 🌹
🌹+91- 9929244277🌹

If you want to work with anyone, you must talk to him on video call ,the truthful worker will talk to you . Or he will m...
07/03/2025

If you want to work with anyone, you must talk to him on video call ,the truthful worker will talk to you . Or he will make excuses . You can talk to us on video call and fode solution to your problem as well.
Only you have to know the truth . So
Call or whatsapp your solution
Video call available

दिपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं
12/11/2023

दिपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं

हर हर महादेव
01/10/2023

हर हर महादेव

✍️✍️✍️✍️ *सामर्थ्य का अर्थ यह नहीं कि आप दूसरों को कितना झुका सकते हो अपितु यह है, कि आप स्वयं कितना झुक सकते हो। जीवन क...
26/09/2023

✍️✍️✍️✍️

*सामर्थ्य का अर्थ यह नहीं कि आप दूसरों को कितना झुका सकते हो अपितु यह है, कि आप स्वयं कितना झुक सकते हो। जीवन की महानता और कुछ नहीं केवल सामर्थ्य के साथ विनम्रता का आना ही तो है। जहाँ समर्थता होती है, वहाँ कई बार विनम्रता का अभाव ही देखा जाता है।*

*सामर्थ्य आते ही व्यक्ति के अन्दर सम्मान का भाव भी जागृत हो जाता है। सम्मान पाने वाले नहीं देने वाले बनो। बल का उपयोग स्वयं सम्मान प्राप्त करने के लिए नहीं, दूसरों के सम्मान की रक्षा के लिए करो। भगवान श्री कृष्ण बलवान होने के साथ-साथ पूरे जीवन शीलवान बने रहे।*

*भला वह सामर्थ्य भी किस काम का ? जो व्यक्ति की नम्रता का हरण व अहंकार को पुष्ट करता हो। अत: झुक के जीना सीखो ताकि दूसरों के आशीर्वाद भरे हाथ सहजता से आपके सिर तक पहुँच सकें। बिना झुके विवाद मिल जाएगा, आशीर्वाद नहीं।*

*सुनसान जंगल में एक लकड़हारे से पानी का लोटा पीकर प्रसन्न हुआ राजा कहने लगा―**हे पानी पिलाने वाले ! किसी दिन मेरी राजधानी...
14/09/2023

*सुनसान जंगल में एक लकड़हारे से पानी का लोटा पीकर प्रसन्न हुआ राजा कहने लगा―*
*हे पानी पिलाने वाले ! किसी दिन मेरी राजधानी में अवश्य आना, मैं तुम्हें पुरस्कार दूँगा,*
*लकड़हारे ने कहा―बहुत अच्छा।*
*इस घटना को घटे पर्याप्त समय व्यतीत हो गया, अन्ततः लकड़हारा एक दिन चलता-फिरता राजधानी में जा पहुँचा और राजा के पास जाकर कहने लगा―*
*मैं वही लकड़हारा हूँ, जिसने आपको पानी पिलाया था,*
*राजा ने उसे देखा और अत्यन्त प्रसन्नता से अपने पास बिठाकर सोचने लगा कि- इस निर्धन का दुःख कैसे दूर करुँ ?*
*अन्ततः उसने सोच-विचार के पश्चात् चन्दन का एक विशाल उद्यान (बाग) उसको सौंप दिया।*
*लकड़हारा भी मन में प्रसन्न हो गया। चलो अच्छा हुआ। इस बाग के वृक्षों के कोयले खूब होंगे, जीवन कट जाएगा।*
*यह सोचकर लकड़हारा प्रतिदिन चन्दन काट-काटकर कोयले बनाने लगा और उन्हें बेचकर अपना पेट पालने लगा।*
*थोड़े समय में ही चन्दन का सुन्दर बगीचा एक वीरान बन गया, जिसमें स्थान-स्थान पर कोयले के ढेर लगे थे। इसमें अब केवल कुछ ही वृक्ष रह गये थे, जो लकड़हारे के लिए छाया का काम देते थे।*
*राजा को एक दिन यूँ ही विचार आया। चलो, तनिक लकड़हारे का हाल देख आएँ। चन्दन के उद्यान का भ्रमण भी हो जाएगा। यह सोचकर राजा चन्दन के उद्यान की और जा निकला।*
*उसने दूर से उद्यान से धुआँ उठते देखा। निकट आने पर ज्ञात हुआ कि चन्दन जल रहा है और लकड़हारा पास खड़ा है।*
*दूर से राजा को आते देखकर लकड़हारा उसके स्वागत के लिए आगे बढ़ा।*
*राजा ने आते ही कहा― भाई ! यह तूने क्या किया ?*
*लकड़हारा बोला― आपकी कृपा से इतना समय आराम से कट गया। आपने यह उद्यान देकर मेरा बड़ा कल्याण किया।*
*कोयला बना-बनाकर बेचता रहा हूँ। अब तो कुछ ही वृक्ष रह गये हैं। यदि कोई और उद्यान मिल जाए तो शेष जीवन भी व्यतीत हो जाए।*
*राजा मुस्कुराया और कहा― अच्छा, मैं यहाँ खड़ा होता हूँ। तुम कोयला नहीं, प्रत्युत इस लकड़ी को ले-जाकर बाजार में बेच आओ।*
*लकड़हारे ने दो गज [ लगभग पौने दो मीटर ] की लकड़ी उठाई और बाजार में ले गया।*
*लोग चन्दन देखकर दौड़े और अन्ततः उसे तीन सौ रुपये मिल गये, जो कोयले से कई गुना ज्यादा थे।*
*लकड़हारा मूल्य लेकर रोता हुआ राजा के पास आय और जोर-जोर से रोता हुआ अपनी भाग्यहीनता स्वीकार करने लगा।*
******
*इस कथा में चन्दन का बाग मनुष्य का शरीर और हमारा एक-एक स्वास चंदन का वृक्ष और अज्ञानता वस हम इस चंदन के वृक्ष को कोयले में तब्दील कर रहे हैं*

*लोगों के साथ बैर, द्वेष, क्रोध, लालच, ईर्ष्या, मनमुटाव, को लेकर खिंच-तान आदि की अग्नि में हम इस

Address

07 Dal Colony Near Jeen Mata Mandir 3 E Chhoti
Sri Ganganagar
335001

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when ASTRO SOLUTION posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Practice

Send a message to ASTRO SOLUTION:

Share