Novus Edumoni Foundation

Novus Edumoni Foundation Educating peoples by training for economical growth as well as improving living conditions. Come Soon...

02/06/2025

नाम सत्यवान जागलान, पेशा प्राकृतिक चिकित्सा फोन नंबर 7015064596, आज़ बच्चों की छुट्टी शुरू हुई है तो बच्चों से सम्बंधित एक बिमारी है, नाम है डायबिटीज टाइप 1, मतलब पैंक्रियाज गैलंड इंसुलिन नहीं बनाती तो कुछ भी खाएं तो पहले पेट में टिका लगाकर इंसुलिन लेना होगा फिर खाना खाएं। फिर भी दिक्कत है जैसे पहले पूछा जाता है बेटा-बेटी को कि कितने भूखे हो, कितनी रोटियां खाओगे, बेटा-बेटी बोल देते हैं चार लेकिन खाते हैं दो, तो इंसुलिन खाने से पहले ज्यादा दे दिया, खाना कम खाया तो अब डर रहता है कि शुगर लेवल कम ना हो जाए, कम हो गया तो मौत भी हो सकती है, शुगर चैक करते रहे, कम हो गया तो चीनी दें।
मतलब जो ऐसे बच्चों को देख लेता है तो मन ही मन ऐसी कामना करते हैं कि ऐसी बिमारी तो दुश्मन को भी ना दें।
इस बिमारी के मैं विस्तार में नहीं जा रहा लेकिन यदि ऐसे बच्चे आपके आसपास है तो उन्हें आप मेरा नंबर दे सकते हैं ओर उनको मैं अपने पास रखकर ठीक कर सकता हूं, कम से कम 20/21 दिन रहना होगा, । यह बात भी मैं क्लियर कर देता हूं कि आजकल हस्पताल भी फाइव स्टार होटलों जैसे बन गये है, जबकि हमें समझना चाहिए कि हमें क्या यहां बसना है। अपना इलाज कराएं ओर घर जाएं तो ऐसी फाइव स्टार सुविधा मेरे पास नहीं है,। बेटा-बेटी ठीक हो जाएंगे यह गारंटी है।
सभी जेटीसी के भाई बहनों से निवेदन है कि पोस्ट को शेयर करें,। ऐसा कोई बच्चा आपके आसपास है तो उनके माता-पिता को बताएं। क्योंकि बिमारी को ठीक करने का मौसम भी होता है जैसे आजकल पथरी निकल नहीं सकती क्योंकि जितना भी हम पानी पीते हैं वो शरीर को ठंडा रखने में ही खर्च हो जाता है, पेशाब नहीं बनता लेकिन अक्तूबर सही समय होता है पथरी निकलने का।इसी तरह इस बिमारी को ठीक करने का यह सही समय है।तो दोबारा रिक्वेस्ट है कि शेयर करें पोस्ट को, पैसे की ज्यादा चिंता मत करें वैसे तो 21 दिन के तीस हजार रुपए है लेकिन कोई भाई जेटीसी पर है या नहीं भी है यदि पैसे की दिक्कत है तो फ्री भी है।

02/06/2025

Celebrating my 12th year on Facebook. Thank you for your continuing support. I could never have made it without you. 🙏🤗🎉

*साइटिका का इलाज*लक्षण – एक पैर मे पंजे से लेकर कमर तक दर्द होना गृध्रसी या रिंगण बाय कहलाता है। प्रायः पैर के पंजे से ल...
24/09/2024

*साइटिका का इलाज*

लक्षण – एक पैर मे पंजे से लेकर कमर तक दर्द होना गृध्रसी या रिंगण बाय कहलाता है। प्रायः पैर के पंजे से लेकर कूल्हे तक दर्द होता है जो लगातार होता रहता है।

*चिकित्सा – 1*
हारसिंगार (पारिजात) + निर्गुण्डी के 50-50 कोमल पत्ते को धो कर थोड़ा कूट ले या पीस ले। बहुत अधिक बारीक पीसने कि जरूरत नहीं है। लगभग 1 लीटर पानी मे धीमी आंच पर उबालें। जब 750 मिलीलीटर रह जाए तब छान कर व 1 ग्राम केसर डालकर, काँच के बोतल में रख ले। प्रतिदिन एक -एक कप 2 बार पिए ।
Φ इस काढ़े से 15 मिनट पहले और 1 घंटा बाद तक ठंडा पानी न पीए।

*चिकित्सा -2*
एक चने के दाने जितना चूना को दही में मिलाकर प्रतिदिन खाना हैं।

*चिकित्सा -3*
त्रिफला प्रतिदिन सेवन करना है।
*चिकित्सा -4*
अजवाइन + मेथी रातभर पानी में भिगोकर रखनी है व सवेरे खाली पेट खानी हैं और यही पानी भी पीना है।

*चिकित्सा -5*
सुबह -शाम फिटकरी के तेज गरम पानी से झराई करनी है।

सुबह एरण्ड के बीजों की पोटली बनाकर व तवे पर गर्म करके सेंकना है ।
शाम को हल्दी, अरण्ड, नीम, के तेल से मालिश करना है।

*चिकित्सा -6*
गुग्गल व वातविध्वंसक
वटी 1-1 गोली दोनों समय
लें ।
*चिकित्सा -7*
हींग, अजवाइन, काला नमक, नींबू पानी के साथ सवेरे 11 बजे लेवे।

*सब्जियां :*
साबुत खीरा -2
पत्तागोभी
मक्का -1
आँवला -2
गाय का घी
लौकी का रस
सुहाजन
योगा
¤ सिर्फ़ गेहु आटा के जगह 5 आनाज वाला आटा काम में ले।
Φ चिकित्सा के लाभ के लिए 21 दिन जरूर प्रयोग करें।
Φ आचार न खाएं।
Φ पेट साफ रखे
Φ गैस न बनने देवे ।

45 दिन में इन विधि से सेवन करने पर सायटिका, जोडों का दर्द, कमर व घुटनों का दर्द
होना बन्द हो जाता है ।

आप को लगेगा अजीब बकवास है, किन्तु यह सत्य है👉🏻पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द...
18/06/2024

आप को लगेगा अजीब बकवास है, किन्तु यह सत्य है👉🏻

पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया है।

पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजॉर्बर है, बरगद 80% और नीम 75 % ।

इसके बदले लोगों ने विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया, जो जमीन को जल विहीन कर देता है...

आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ो ने ले ली है ।

अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नहीं रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही, और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही ।

हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगायें,
तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त भारत होगा । 🌳

वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए ।

पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है, जिसकी वजह शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं ।

वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है ।
इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए ।

मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु, सखा शंकरमेवच।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम, वृक्षराज नमस्तुते।।

अब करने योग्य कार्य ।

इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ायें ।
बाग बगीचे बनाइये, पेड़ पौधे लगाइये, बगीचों को फालतू के खेल का मैदान मत बनाइये.. जैसे मनुष्य को हवा के साथ पानी की जरूरत है, वैसे ही पेड़ पौधों को भी हवा के साथ पानी की जरूरत है ।

बरगद एक लगाइये, पीपल रोपें पाँच।
घर घर नीम लगाइये, यही पुरातन साँच।।

यही पुरातन साँच, आज सब मान रहे हैं।
भाग जाय प्रदूषण सभी अब जान रहे हैं ।।

विश्वताप मिट जाये, होय हर जन मन गदगद।
धरती पर त्रिदेव हैं, नीम पीपल और बरगद।।


तन औऱ बर्तन दोनों हमेशा शुध्द होना चाहिए।  #बर्तनों में खाना खाने और  #बनाने के फायदे -         १. भोजन धीरे-धीरे ही पकन...
08/06/2024

तन औऱ बर्तन दोनों हमेशा शुध्द होना चाहिए। #बर्तनों में खाना खाने और #बनाने के फायदे -
१. भोजन धीरे-धीरे ही पकना चाहिए
आयुर्वेद के अनुसार, अगर भोजन को #पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो उसे धीरे-धीरे ही पकना चाहिए। साथ ही भोजन में मौजूद सभी प्रोटीन शरीर को खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं। भले ही मिट्टी के बर्तनों में खाना बनने में वक्त #थोड़ा ज्यादा लगता है, लेकिन इससे सेहत को पूरा लाभ मिलता है। इसके अलावा आयुर्वेद में इस बात को भी बताया गया है कि जो भोजन धीरे-धीरे पकता है, वह सबसे ज्यादा #पौष्टिक होता है,जबकि जो खाना जल्दी पकता है उसके पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैैं।
२. सस्ते और आसानी से मिल जाते हैं मिट्टी के बर्तन। भारत में मिट्टी के बर्तन, बाकी धातुओं के बर्तनों के मुकाबले #काफी सस्ते होते हैं। मिट्टी से बने ये बर्तन अलग-अलग आकारों और साइज में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और ये काफी सस्ते भी होते हैं। मिट्टी से बने इन बर्तनों को घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग करके भी खरीद सकते हैं।
३. मिट्टी से बने बर्तनों में पकाया गया खाना जायकेदार होता है। अगर खाने में #सौंधी-सौंधी खुशबू पसंद है, तो मिट्टी के बर्तन में पका हुआ खाना एक अलग स्वाद का अनुभव कराता है। मिट्टी के बर्तन में जब खाना पकाया जाता है, तो आंच में पकने से उसमें मिट्टी की खुशबु और मसालों का जायका मिल जाता है, जो खाने के स्वाद को दो गुना कर देता है।
४. कांच और सिरेमिक के बर्तनों की तरह ही मिट्टी के बर्तन भी हर #साइज और आकार में मिल जाते हैं। जिन पर बेहद #खूबसूरत कलाकारी और रंगों का समायोजन भी होता है। अपनी सुबह की चाय का मजा कुल्हड़ में लिया जा सकता है। इसके अलावा पानी को ठंडा करने के लिए मटकी का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये बर्तन डाइनिंग टेबल को पारम्परिक रूप भी देते हैं।
५. इंसान के शरीर को रोज १८ प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व मिलने चाहिए, जो केवल मिट्टी से ही आते हैं। एलुमिनियम के प्रेशर कूकर से खाना बनाने से ८७ प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। पीतल के बर्तन में खाना बनाने से केवल ७ प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं। कांसे के बर्तन में खाना बनाने से केवल ३ प्रतिशत ही पोषक तत्व नष्ट होते हैं। केवल मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से पूरे १०० प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं और यदि मिट्टी के बर्तन में खाना खाया जाए तो उसका भी अलग से ही स्वाद आता है। प्रेशर कुकर एल्यूमीनियम का होता है जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है। इससे टी.बी, डायबिटीज, अस्थमा और पेरेलिसिस भी हो सकता है। प्रेशर कूकर के भाप से भोजन पकता नहीं है बल्कि उबलता है। आयुर्वेद के अुनसार खाना पकाते समय उसे हवा का स्पर्श और सूर्य का प्रकाश मिलना जरूरी है।
६. आम धारणा के विपरीत मिट्टी के इन बर्तनों में ऊष्मा को अवशोषित करने की क्षमता तांबे और लोहे के बर्तनों के मुकाबले ज्यादा नहीं होती, इसलिए ज्यादा गरम होने पर इनके टूटने का खतरा रहता है. लेकिन धीमी आंच पर आसानी से इनमें खाना बनाया जा सकता है। इनमें रोजाना दाल, चावल और सब्जी पकाया जा सकता है। भोजन को पकाते समय सूर्य का प्रकाश और हवा का स्पर्श होना आवश्यक है। भोजन को अधिक तापमान में पकाने से उसके शूक्ष्म पोषकतत्त्व नष्ट हो जाते हैं। भोजन को प्रेशर कुकर में पकाने से भोजन पकता नहीं है, बल्कि भाप और दबाव के कारण टूट जाता है, जिसे हम पका हुआ भोजन कहते है। इनकी सबसे अच्छी बात यह है कि इनको हम माइक्रोवेव में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
७. दूध और #दूध से बने उत्पादों के लिए सबसे उपयुक्त हैं मिट्टी के बर्तन। बंगालियों की सबसे पसंदीदा चीज मिष्टी दोई खाने के लिए बंगाल जाने की जरूरत नहीं है। हम अपने घर पर ही मिट्टी की हांडी में इसे बना सकते हैं। इसी तरह इसमें दही भी जमा सकते हैं। इसमें गरमा गर्म दूध डालकर पीने से दूध बहुत ही स्वादिष्ट लगता है, मिट्टी की खुशबू दूध के स्वाद को कई गुना कर देती है।

आप को लगेगा अजीब बकवास है, किन्तु यह सत्य है...पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्...
06/06/2024

आप को लगेगा अजीब बकवास है, किन्तु यह सत्य है...

पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया है...

पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजॉर्बर है, बरगद 80% और नीम 75 %...

इसके बदले लोगों ने विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया, जो जमीन को जल विहीन कर देता है...

आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ो ने ले ली है...

अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नहीं रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही, और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही...

हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगायें,
तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त भारत होगा.. 🌳🌳

वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए...

पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है, जिसकी वजह शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं...

वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है..
इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए-

मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु, सखा शंकरमेवच।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम, वृक्षराज नमस्तुते।।

अब करने योग्य कार्य...

इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ायें..
बाग बगीचे बनाइये, पेड़ पौधे लगाइये, बगीचों को फालतू के खेल का मैदान मत बनाइये.. जैसे मनुष्य को हवा के साथ पानी की जरूरत है, वैसे ही पेड़ पौधों को भी हवा के साथ पानी की जरूरत है..

बरगद एक लगाइये, पीपल रोपें पाँच।
घर घर नीम लगाइये, यही पुरातन साँच।।

यही पुरातन साँच, आज सब मान रहे हैं।
भाग जाय प्रदूषण सभी अब जान रहे हैं ।।

विश्वताप मिट जाये, होय हर जन मन गदगद।
धरती पर त्रिदेव हैं, नीम पीपल और बरगद।।

🌳🌳शेयर करे। घर के बाहर जरुर पेड लगाए

05/06/2024

Life long air conditioner

Meri Sadak enables citizens to register their feedback regarding roads.Meri Sadak application was introduced as part of ...
26/02/2024

Meri Sadak enables citizens to register their feedback regarding roads.

Meri Sadak application was introduced as part of the government's Citizen Feedback system. The application was meant for grievance redressal relating to roads built under Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana (PMGSY) and Other Roads (Non-PMGSY). The application allows the citizens to register a complaint regarding the pace of work, quality of work, land disputes etc. for a PMGSY and Non PMGSY road along with photographs of the site. The complaints are handled by the respective State Quality Coordinators (SQCs) of the Nodal Department in the State Governments.

Launched in 2015, the Mobile App has been revamped with a view to empower the citizens and make it more user friendly.

11/08/2022

Happy Rakshabandhan
Todays Reality

23/06/2022

. ईश्वर की कृपा

संतों की एक सभा चल रही थी. किसी ने एक दिन एक घड़े में गंगाजल भरकर वहां रखवा दिया ताकि संतजन जब प्यास लगे तो गंगाजल पी सकें.

संतों की उस सभा के बाहर एक व्यक्ति खड़ा था. उसने गंगाजल से भरे घड़े को देखा तो उसे तरह-तरह के विचार आने लगे.

वह सोचने लगा- अहा! यह घड़ा कितना भाग्यशाली है! एक तो इसमें किसी तालाब पोखर का नहीं बल्कि गंगाजल भरा गया और दूसरे यह अब सन्तों के काम आयेगा. संतों का स्पर्श मिलेगा, उनकी सेवा का अवसर मिलेगा. ऐसी किस्मत किसी किसी की ही होती है.

घड़े ने उसके मन के भाव पढ़ लिए और घड़ा बोल पड़ा- बंधु मैं तो मिट्टी के रूप में शून्य पड़ा था. किसी काम का नहीं था. कभी नहीं लगता था कि भगवान् ने हमारे साथ न्याय किया है.

फिर एक दिन एक कुम्हार आया.
उसने फावड़ा मार-मारकर हमको खोदा और गधे पर लादकर अपने घर ले गया. वहां ले जाकर हमको उसने रौंदा. फिर पानी डालकर गूंथा. चाकपर चढ़ाकर तेजी से घुमाया, फिर गला काटा. फिर थापी मार-मारकर बराबर किया.

बात यहीं नहीं रूकी. उसके बाद आंवे के आग में झोंक दिया जलने को

इतने कष्ट सहकर बाहर निकला तो गधे पर लादकर उसने मुझे बाजार में भेज दिया. वहां भी लोग ठोक-ठोककर देख रहे थे कि ठीक है कि नहीं?ठोकने-पीटने के बाद मेरी कीमत लगायी भी तो क्या- बस 20 से 30 रुपये!

मैं तो पल-पल यही सोचता रहा कि हे ईश्वर सारे अन्याय मेरे ही साथ करना था.

रोज एक नया कष्ट एक नई पीड़ा देते हो. मेरे साथ बस अन्याय ही अन्याय होना लिखा है! भगवान ने कृपा करने की भी योजना बनाई है यह बात थोड़े ही मालूम पड़ती थी!

किसी सज्जन ने मुझे खरीद लिया और जब मुझमें गंगाजल भरकर सन्तों की सभा में भेज दिया. तब मुझे आभास हुआ कि कुम्हार का वह फावड़ा चलाना भी भगवान् की कृपा थी.
उसका वह गूंथना भी भगवान् की कृपा थी.

आग में जलाना भी भगवान् की कृपा थी और बाजार में लोगों के द्वारा ठोके जाना भी भगवान् की कृपा ही थी. अब मालूम पड़ा कि सब भगवान् की कृपा ही कृपा थी!
परिस्थितियां हमें तोड़ देती हैं. विचलित कर देती हैं- इतनी विचलित की भगवान के अस्तित्व पर भी प्रश्न उठाने लगते हैं क्यों हम सबमें शक्ति नहीं होती ईश्वर की लीला समझने की, भविष्य में क्या होने वाला है उसे देखने की.
इसी नादानी में हम ईश्वर द्वारा कृपा करने से पूर्व की जा रही तैयारी को समझ नहीं पाते. बस कोसना शुरू कर देते हैं कि सारे पूजा-पाठ, सारे जतन कर रहे हैं फिर भी ईश्वर हैं कि प्रसन्न होने और अपनी कृपा बरसाने का नाम ही नहीं ले रहे.

पर हृदय से और शांत मन से सोचने का प्रयास कीजिए, क्या सचमुच ऐसा है या फिर हम ईश्वर के विधान को समझ ही नहीं पा रहे?

आप अपनी गाड़ी किसी ऐसे व्यक्ति को चलाने को नहीं देते जिसे अच्छे से ड्राइविंग न आती हो तो फिर ईश्वर अपनी कृपा उस व्यक्ति को कैसे सौंप सकते हैं जो अभी मन से पूरा पक्का न हुआ हो. कोई साधारण प्रसाद थोड़े ही है ये, मन से संतत्व का भाव लाना होगा.

ईश्वर द्वारा ली जा रही परीक्षा की घड़ी में भी हम सत्य और न्याय के पथ से विचलित नहीं होते तो ईश्वर की अनुकंपा होती जरूर है. किसी के साथ देर तो किसी के साथ सबेर.

यह सब पूर्वजन्मों के कर्मों से भी तय होता है कि ईश्वर की कृपादृष्टि में समय कितना लगना है. घड़े की तरह परीक्षा की अवधि में जो सत्यपथ पर टिका रहता है वह अपना जीवन सफल कर लेता है.

तो क्या करना चाहिए? धैर्य कैसे रखना चाहिए? इंसान है तो उसका टूटना स्वाभाविक है पर नहीं टूटे इसके लिए क्या करें?

संतोष का मार्ग ही विकल्प है. जो प्राप्त है वह भी पर्याप्त है जब यह सोचना शुरू कर देंगे तो आत्मिक आनंद मिलने लगा.

संसार का सबसे बड़ा सुखी वह है जो मन के मौज में रहता है. आप यह क्यों नहीं सोचते कि ईश्वर ने आपको जितना दिया है संसार में अनगिनत लोग हैं उन्हें तो उतना भी नहीं मिला है. बस उसे क्यों देखते हो जिसे आपसे ज्यादा प्राप्त है।

तीन बुरी ख़बरें  देखकर आज की परिस्थिथियो मे सभी ढलती उम्र के व्यक्तियों को अपने जीवन पर विचार करना ही चाहिये। 🧐🧐🧐{1} _12...
10/06/2022

तीन बुरी ख़बरें देखकर आज की परिस्थिथियो मे सभी ढलती उम्र के व्यक्तियों को अपने जीवन पर विचार करना ही चाहिये। 🧐🧐🧐

{1} _12000 करोड़ की रेमण्ड कम्पनी का मालिक आज बेटे की बेरुखी के कारण किराये के घर में रह रहा है।_

{2} _अरबपति महिला मुम्बई के पॉश इलाके के अपने करोड़ो के फ्लैट में पूरी तरह गल कर कंकाल बन गयी! विदेश में बहुत बड़ी नौकरी करने वाले करोड़पति बेटे को पता ही नहीं माँ कब मर गयी।

{3} _सपने सच कर आई. ए. एस. का पद पाये बक्सर के क्लेक्टर ने तनाव के कारण आत्महत्या की।_

ये तीन घटनायें बताती हैं जीवन में पद पैसा प्रतिष्ठा ये सब कुछ काम का नहीं। यदि आपके जीवन में खुशी संतुष्टी और अपने नहीं हैं तो कुछ भी मायने नहीं रखता।

वरना एक क्लेक्टर को क्या जरुरत थी जो उसे आत्महत्या करना पड़ा।

खुशियाँ पैसो से नहीं मिलती अपनों से मिलती है।_
क्योकि सीता जब राम के
पास थी तो उसे सोने का
हिरण चाहिए था मगर वही सीता जब सोने के
लंका मे गयी तो
उन्हे राम चाहिए था
इसलिए पैसा तो होता है
पर सब कुछ नही होता
पैसा बहुत कुछ है, लेकिन सब कुछ नही है।

जीवन आनन्द के लिए है, चाहे जो हों बस मुस्कुराते रहो...?_

_यदि आप चिंतित हो, तो खुद को थोड़ा आराम दों l

ये अंग्रेजी वर्ण हमें सिखाते हैं :-

A B C....?
Avoid Boring Company​
_​मायूस संगत से दूरी​_

_D E F...?_
Dont Entertain Fools​
_​मूर्खो पर समय व्यर्थ मत करों_

_G H I...?_
Go For High Ideas​
_​ऊँचे विचार रखो​_

_J K L M...?_
Just Keep A Friend Like Me​
_*मेरे जैसा मित्र रखों*

_N O P...?_
Never Overlook The Poor n Suffering​
_​गरीब व पीड़ित को कभी अनदेखा मत करों_

_Q R S...?_
Quit Reacting To Silly Tales​_
_​मूर्खो को प्रतिक्रिया मत दो​_

_T U V...?_
Tune Urself For Ur Victory​
_​खुद की जीत सुनिश्चित करों_

_W X Y Z...?_
We Xpect You To Zoom Ahead In Life​
_​हम आपसे जीवन मे आगे देखने की आशा करते हैं_

यदि आपने चाँद को देखा, तो आपने ईश्वर की सुन्दरता देखी!

यदि आपने सूर्य को देखा, तो आपने ईश्वर का बल देखा!

और यदि आपने आईना देखा तो आपने ईश्वर की सबसे सुंदर रचना देखी!

इसलिए स्वयं पर विश्वास रखो.

जीवन में हमारा उद्देश्य होना चाहिए :-

​9, 8, 7, 6, 5, 4, 3, 2, 1, 0​

_9 - गिलास पानी_
_8 - घण्टे नींद_
_7 - यात्रायें परिवार के साथ_
_6 - अंकों की आय_
_5 - दिन हफ्ते में काम_
_4 - चक्का वाहन_
_3 - बेडरूम वाला फ्लैट_
_2 - अच्छे बच्चें_
_1 - जीवन साथी_
_0 - चिन्ता...?_
🙏🏽🕉🙏🏽

18/05/2022

Real Education not a Degree.

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Sri Ganganagar
335001

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