07/01/2025
#शूलयोग: ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण योग,
शूल योग ज्योतिष शास्त्र में एक विशेष प्रकार का योग है जो किसी व्यक्ति के जन्म कुंडली में बनता है। यह योग ग्रहों की स्थिति के आधार पर बनता है और व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव डालता है।
शूल योग क्या होता है?
जैसा कि यह नाम से ही पता चलता है कि शूल शब्द कितना ख़राब यानि कितना खतरनाक शब्द है,
पहले के जमाने में जब इंसान को सजा दी जाती थी तो उसे शूल यानि एक तीखी चीज़ सुई के नोक जितनी तीखी चीज़ पर उसे बैठा दिया जाता था, वह ना तो मर सकता और न ही जीवन जी सकता था, एक दर्द की तरह वह तड़फता रहता है,
यह योग वैसा ही है,
जब किसी कुंडली में 7 ग्रह 3 राशियों में आ जाते हैं तो शूल योग बनता है। राहु केतु को ग्रह नहीं माना जाता इसमें सिर्फ़ सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि ये 7 ग्रह
यह योग अशुभ माना जाता है और व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है।
यह योग व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार के उतार-चढ़ाव ला सकता है।
शूल योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न प्रकार से पड़ता है। जैसे
* स्वास्थ्य: शूल योग वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।,
* धन: शूल योग के कारण व्यक्ति को धन हानि हो सकती है।
* करियर: शूल योग के कारण व्यक्ति के करियर में बाधाएं आ सकती हैं।
* व्यक्तिगत जीवन: शूल योग के कारण व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन में कलह हो सकती है।
शूल योग के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे:
* धार्मिक कार्य: नियमित रूप से पूजा-पाठ करना और धार्मिक कार्य करना।
* दान: जरूरतमंदों को दान करना।
* मंत्र जाप: शूल योग से संबंधित मंत्रों का जाप करना।
नोट: शूल योग का प्रभाव व्यक्ति के जन्म कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करता है। इसलिए, शूल योग के प्रभाव को जानने के लिए किसी ज्योतिषी से संपर्क करना सबसे अच्छा होता है।
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