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हर हर महादेव
22/07/2025

हर हर महादेव

25/06/2025
19/09/2024

भादों का महीना और कौव्वे का गहरा राज़ है जो ऋषियों को पता था !!!

------पढ़ कर शेयर जरूर करना मेरे बन्धु-----

ऐसा क्या था कि हमारे ऋषि मुनि कौवों के लिए खीर बनाने को कहते थे?
और कहते थे कि कौवों को खिलाएंगे तो हमारे पूर्वजों को मिल जाएगा?

हमारे ऋषि मुनि क्रांतिकारी विचारों के थे।

*यह है सही कारण।*

तुमने किसी भी दिन पीपल और बरगद के पौधे लगाए हैं?
या किसी को लगाते हुए देखा है?
क्या पीपल या बड़ के बीज मिलते हैं?
इसका जवाब है ना.. नहीं....

बरगद या पीपल की कलम जितनी चाहे उतनी रोपने की कोशिश करो परंतु नहीं लगेगी।

कारण प्रकृति/कुदरत ने यह दोनों उपयोगी वृक्षों को लगाने के लिए अलग ही व्यवस्था कर रखी है।

यह दोनों वृक्षों के टेटे कौवे खाते हैं और उनके पेट में ही बीज की प्रोसेसीग होती है और तब जाकर बीज उगने लायक होते हैं।

उसके पश्चात कौवे जहां-जहां बीट करते हैं, वहां वहां पर यह दोनों वृक्ष उगते हैं।

पीपल जगत का एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो round-the-clock ऑक्सीजन O2 छोड़ता है और बरगद के औषधि गुण अपरम्पार है।

देखो अगर यह दोनों वृक्षों को उगाना है तो बिना कौवे की मदद से संभव नहीं है इसलिए कौवे को बचाना पड़ेगा।
और यह होगा कैसे?

मादा कौआ भादो महीने में अंडा देती है और नवजात बच्चा पैदा होता है।

तो इस नयी पीढ़ी के उपयोगी पक्षी को पौष्टिक और भरपूर आहार मिलना जरूरी है इसलिए ऋषि मुनियों ने
कौवों के नवजात बच्चों के लिए हर छत पर श्राघ्द के रूप मे पौष्टिक आहार की व्यवस्था कर दी।

जिससे कि कौवों की नई जनरेशन का पालन पोषण हो जाये......

इसलिए दिमाग को दौड़ाए बिना श्राघ्द करना प्रकृति के रक्षण के लिए नितांत आवश्यक है।

घ्यान रखना जब भी बरगद और पीपल के पेड़ को देखो तो अपने पूर्वज तो याद आएंगे ही क्योंकि उन्होंने श्राद्ध दिया था इसीलिए यह दोनों उपयोगी पेड़ हम देख रहे हैं।

🙏सनातन धर्म पे उंगली उठाने वालों, पहले सनातन धर्म को जानो फिर उस पर ऊँगली उठाओ। जब आपके विज्ञान का वि भी नही था हमारे सनातन धर्म को पता था कि किस बीमारी का इलाज क्या है, कौन सी चीज खाने लायक है कौन सी नहीं...? अथाह ज्ञान का भंडार है हमारा सनातन धर्म और उनके नियम, मैकाले के शिक्षा पद्धति में पढ़ के केवल अपने पूर्वजों, ऋषि मुनियों के नियमों पर ऊँगली उठाने के बजाय , उसकी गहराई को जानिये🙏

साभार : फेसबुक

08/01/2024

🙏 गायत्री मंत्र कब ज़रूरी है
☀सुबह उठते वक़्त 8 बार ❕✋✌👆❕अष्ट कर्मों को जीतने के लिए !!

🍚🍜 भोजन के समय 1 बार❕👆❕ अमृत समान भोजन प्राप्त होने के लिए !!

🚶 बाहर जाते समय 3 बार ❕✌👆❕समृद्धि सफलता और सिद्धि के लिए !!

👏 मन्दिर में 12 बार ❕👐✌❕
प्रभु के गुणों को याद करने के लिए !!

😢छींक आए तब गायत्री मंत्र उच्चारण ☝1 बार अमंगल दूर करने के लिए !!

सोते समय 🌙 7 बार ❕✋✌ ❕सात प्रकार के भय दूर करने के लिए !!

कृपया सभी बन्धुओं को प्रेषित करें 👏👏 !!!ॐ , ओउम् तीन अक्षरों से बना है।
अ उ म् ।
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,

"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,

"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।

ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।

ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।

जानीए

ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक
और
अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...

1. ॐ और थायराॅयडः-
ॐ का उच्‍चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

2. ॐ और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।

3. ॐ और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।

4. ॐ और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।

5. ॐ और पाचनः-
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।

6. ॐ लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।

7. ॐ और थकान:-
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।

8. ॐ और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।

9. ॐ और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।

10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्‍द का उच्‍चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

11. ॐ दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।

आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण करेंगे। साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है।

🙏 आपके घर का वास्तु -                      आज बात करते हैं हमारे घर  के ब्रह्म स्थान की ! जिस प्रकार हमारे शरीर में नाभि...
23/12/2023

🙏 आपके घर का वास्तु -
आज बात करते हैं हमारे घर के ब्रह्म स्थान की ! जिस प्रकार हमारे शरीर में नाभि हमारे शरीर का सेण्टर भाग हैं और इससे पुरे शरीर की कायापलट हो सकती हैं, उसी प्रकार से ब्रह्म स्थान हमारे घर का मध्य भाग होता हैं ! किसी भी भवन के भीतर ब्रह्म स्थान का न केवल वास्तु की दृष्टि से बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बहुत जयादा महत्तव हैं, शास्त्र मान्यता है कि इस स्थान का सम्बन्ध ब्रह्मा जी से हैं, तो भवन बनाते समय और भवन बनाने के बाद इस स्थान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इस स्थान का सम्बद्ध हमारे घर कि सुख समृद्धि से भी होता हैं ! आज जबकि घरों के अंदर खुले आँगन कि परम्परा समापत होती जा रही हैं तो लोग अक्सर इस नियम कि अनदेखी करते हैं, जिसके कारन पैदा होने वाले वास्तु दोष कि वजह से पैदा होने वाली परशानियों से उन्हें जिंदगी भर उलझना पड़ता हैं !
वास्तु के अनुसार ब्रह्म स्थान को ईशान कोण कि भांति हमेशा साफ सुथरा और पवित्र रखना चाहिए ! ब्रह्म स्थान पर जूते, चप्पल, गन्दगी या कोई भी भारी वस्तुएं न रखें अन्यथा इससे बहुत बड़े वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं जिसका खामियाजा घर के अन्य सदस्यों को झेलना पड़ता हैं !
ब्रह्म स्थान को हल्का सा ऊँचा बनाना चाहिए ताकि यहाँ पानी डालते ही वो चरों तरफ बिखर जाये, परन्तु इस स्थान को ज्यादा ऊँचा नहीं करना चाहिए अन्यथा ये राक्षस मुखी भूमि हो जाती हैं ,इसकी चर्चा कभी भूमि के 17 प्रकार कोनसे हैं उस टॉपिक में करेंगे ! वास्तु शास्त्र के अनुसार ब्रह्म स्थान को खुला रखना चाहिए ताकि हवा के साथ आने वाली सकारात्मक ऊर्जा के परवाह में बाधा न आये ! बहम स्थान कि छत को यथासंभव ऊँचा बनाये व् इस स्थान पर कम से कम दीवारें बनायें !
!! जय माता दी !!

जय माता दी
23/12/2023

जय माता दी

20/12/2023

🙏आज के दिन का विशेष उपाय -
जैसे जैसे परीक्षा नजदीक आती है, बच्चों का मन डोलने लगता है, घबराहट बढ़ने लगती है, याद किया हुआ भी भूलने लगता है ! निम्नलिखित उपायों से इन समस्यायों से माता रानी की कृपा से, उस अनंत शक्ति की कृपा से निजात पाई जा सकती है -
1 पढ़ते समय बच्चे का मुख उत्तर, पूर्व या ईशान दिशा की तरफ होना चाहिए !
2 तीन पीले रंग के फूल मां सरस्वती के सामने रखकर बच्चे अपने स्वर्णिम भविष्य की कामना करें और
प्रार्थना करने के बाद उन तीन फूलों में से दो फूल अपने स्टडी टेबल पर रखें !
3 पढ़ने से पहले 11 बार गायत्री मंत्र या मूल मंत्र का जाप करें !
4 स्टडी रूम में साफ़ सफाई रखें !
5 माता पिता और बड़े बुजुर्गों का आदर सम्मान करें !
6 एग्जाम देने के लिए जाने से पहले अपनी माता या बहन के हाथों से दही और चीनी खा कर जाएँ !
!! जय माता दी !!

17/12/2023

🙏 आपके घर का वास्तु -
आजकल एक बहुत बड़ी समस्या है कि घर के लोग मोबाइल का बहुत प्रयोग करते हैं, खासकर के बच्चे, इसका सबसे सरल उपाय है कि आप खुद मोबाइल का उपयोग ना करें तो बच्चे भी मोबाइल का प्रयोग नहीं करेंगे, परंतु ये आजकल के माहौल में संभव नहीं है!
हमारे घर का ईशान कोण (उत्तर पूर्व) मनोरंजन का कोना है, तो कभी भूले से भी इस कोण में मोबाइल चार्ज न करें, अन्यथा आप मोबाइल हाथ मे लेंगे काम के लिए और उस पर मनोरंजन करने लग जायेंगे! और इस दिशा को भगवान की दिशा मानकर बच्चों को इस कोने में बैठकर पढाई न करवाएं!
!! जय माता दी!!

17/12/2023

🙏 वास्तु शास्त्र ईशान दिशा (उत्तर पूर्व कोण) -                       किसी भी बिजनेस के सफल होने के लिए ये बेहद जरुरी है ...
13/12/2023

🙏 वास्तु शास्त्र
ईशान दिशा (उत्तर पूर्व कोण) -
किसी भी बिजनेस के सफल होने के लिए ये बेहद जरुरी है कि उसकी योजना बनाकर उस पर योजनाबद्ध तरीके से अमल किया जाये, ईशान दिशा आपको एक पारदर्शी सोच और शांति प्रदान करती है ! आप जो भी जीवन में प्लान बनते हैं या जीवन में जो भी उद्देशय रखते हैं अगर ईशान दिशा में दोष नहीं है है तो सफल होने के बेहतर चांस होते हैं ! लेकिन अगर आपके घर या व्यापारिक स्थान में इस दिशा में दोष है तो आप कभी भी एकाग्रचित होकर सोच नहीं सकते ! आप हमेशा खुद कि बनाई हुई योजनाओं में ही उलझते रहेंगे ! सब कुछ जानते हुए भी दिमाग बुझ बना रहता है, किसी योजना को बनाकर भूल जाते हैं और फिर उसी विषय पर दुबारा सोचने लगते हैं ! हमेशा इस परेशानी में रहेंग कि कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या किया जाए ! जिनके यह दोष होता है ऐसे घर में कोई न कोई डिप्रेशन का मरीज होता है या मालिक खुद ही इतना सोचने लग जाता है कि वह ही मानसिक रोगी हो जाता है ! यहाँ दोष होने से घर में चिड़चिड़ापन, बात बात पर काबू से बाहर होना आम बात होती है !
!! जय माता दी !!

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