15/06/2024
मदन प्रकाश चूर्ण Madan Prakash Churna
सामग्री ; ताल मखाना , मूसली , विदारीकन्द , सोठ , अश्वगन्धा , कौन्च के बीज , सेमर के फूल , बीज बन्द , शतावर , मोचरस , गोखरू , जायफल , घी में भूनी हुयी ऊड़द की दाल , , भान्ग और बन्सलोचन , यह सभी द्रव्य एक एक हिस्सा लेकर महीन से महीन चूर्ण बना लें और इस सभी वस्तुओं के चूर्ण के हिस्से के बराबर शक्कर लें और इस शक्कर को महीन से महीन पीसकर उपरोक्त चूर्ण में मिला लें /
यह अब पुरूष रोग को दूर करने की औषधि तैयार होगयी /
इस चूर्ण की मात्रा २ से ४ ग्राम तक है और इसे सुबह शाम गाय के दूध अथवा जो भी दूध मिले उसके साथ या जिन्हे दूध माफिक न आता हो , वे मलाई या रबड़ी मिलाकर या घी मिलाकर या मक्खन मिलाकर या इनमे से कुछ भी न मिले तो सादा पानी के साथ सेवन करना चाहिये /
आयुर्वेद की इस औषधि के सेवन से निम्नांकित फायदे होते हैं ;
१- यह पौष्टिक चूर्ण है , इसके शरीर की पुष्टता बढाता है /
२- यह रसायन गुण युक्त है इसलिये यह चूर्ण आयुर्वेदोक्त सप्त धातुओं की रक्षा करके रस , रक्त , मान्स , मेद , अस्थि , मज्ज , और शुक्र धातुओं की बृध्धि करता है /
३- यह बाजीकरण योग है इसलिये यह कमजोर मनुष्यों को सम्भोग करने के लिये अधिक वीर्यउत्पादन के लिये सम्र्थ बनाता है /
४- डायबिटीज के रोगियों के लिये यह चूर्ण किसी वरदान से कम नही है / डायबिटीज के रोगियों की सम्भोग अथवा मैथुन करने की क्षमता कमजोर हो जाती है/ इस चूर्ण के सेवन करने से डायबिटीज के रोगियों को दोतरफा फायदा होता है / इससे प्रमेह की शिकायत भी दूर होती है /
५- जिनका शुक्र , हस्त मैथुन या अन्य अप्राकृतिक तरीके अपनाने के बाद पानी जैसा पतला हो गया हो , इस चूर्ण के सेवन करने से वीर्य शुध्धि होकर गढा और प्राकृतिक हो जाताहै /
६- जिनके SEMEN में कोई भी विकृति हो , spermcounts कम हों या स्पेर्म न बन रहे हों , उन्हें इस औशधि का उपयोग जरूर करना चाहिये /
मदन प्रकाश चूर्ण को सभी प्रकार के शुक्र दोषों में उपयोग किया जा सकता है / शरीर की General Health Condition को improve करने के लिये तथा कु-पोषण से पीड़ित रोगियों के लिये यह एक लाभकारी औषधि है /
तिल सप्तक चूर्ण Til Saptak churn
इस चूर्ण को बनाना बहुत आसान है / इसको बनाने के लिये निम्न द्रव्यों की आवश्यकता होती है/
१- तिल
२- चीता यानी चित्रक
३- सोन्ठ
४- मिर्च काली
५- पीपल छोटी
६- वाय विडन्ग
७- बडी हरड़
इन सभी द्रव्यों का चूर्ण बना लें / चूर्ण बनाने के लिये पहले सभी द्रव्यों के छोटे छोटे टुकडे कर लें फिर मिक्सी अथवा इमाम दस्ते या खरल में डालकर महीन चूर्ण बना लें /
ईस प्रकार से महीन चूर्ण किया गया पदार्थ औषधि के उपयोग के लिये तैयार है /
“तिल सप्तक चूर्ण” को निम्न रोगों में उपयोगकरते है /
[अ] बवासीर नाशक यानी Piles / Hemorrhoids / Varicosis of all nature
[ब] पान्डु नाशक यानी Aneamia / Jaundice and like syndromes
[स] कृमि नाशक यानी De-wormicular/ Vermifugal / Anti-helmenthesis
[द] कास नाशक / खान्सी नाशक यानी Anti-tussive
[च] अग्निमान्द्य / मन्दाग्नि / भूख का खुलकर न लगना यानी Loss of Appetite / weak appetite
[छ] ज्वर / साधारण बुखार यानी Fever, Pyrexia
[ज] गुल्म रोग
चिकित्सा के उपयोग के लिये इस चूर्ण को ३ ग्राम से लेकर ६ ग्राम की मात्रा मे बराबर गुड़ मिलाकर सुबह और शाम सेवन करना चाहिये / आयु के हिसाब से मात्रा घटाई जा सकती है /