खतलिंग धाम

खतलिंग धाम खतलिंग को पांचवाँ धाम बनाने का संकल्प

08/09/2023
05/08/2022
15/03/2022
सभी लोगों को मेरा प्रणाम हमारा बड़ा भाई राजेश कठैतआज जिंदगी और मौत के बीच में है मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि हमार...
03/01/2022

सभी लोगों को मेरा प्रणाम
हमारा बड़ा भाई राजेश कठैत
आज जिंदगी और मौत के बीच में है मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि हमारे बड़े भाई बहुत जल्दी स्वस्थ हो जाएं और आप लोगों का आशीर्वाद चाहिए और प्यार चाहिए अगर हम सब एक हो जाएं उनकी अभी इस बुरे टाइम पर मदद करें तो शायद वह ठीक होकर अपने घर आ सकते हैं वह अभी एम्स हॉस्पिटल में भर्ती है अगर कोई मदद कर सकते हो आपका बहुत-बहुत आभारी रहेंगे अगर मदद ना हो तो कोई नहीं यह आगे शेयर जरूर करें my salute to all Our elder brother Rajesh Kathait Today is between life and death, I pray to God that our elder brothers get well soon and need your blessings and love, if we all unite, help them at this bad time, then maybe they will be fine He can come to his home after he is admitted in AIIMS Hospital if anyone can help you will be very grateful if there is no help then no one must share this further

12/10/2021
11/07/2021

https://youtu.be/nuJK-ZcbsL4

पूरी वीडियो देखने के लिए लिंक पर जाए।।

यहा परवत खतलिंग महादेब का है इस देबिक परवत पर रात को भी सुरज कि रोसनी दिखाई देती है      जै खतलिग महादेव
13/10/2017

यहा परवत खतलिंग महादेब का है इस देबिक परवत पर रात को भी सुरज कि रोसनी दिखाई देती है
जै खतलिग महादेव

फूल माला मेक मंच नही । बडोनी जी के सपनों का खतलिंग गिलेशियर बनाओं पांचवा धाम चाहिये।स्वर्गीय बडोनी जी के असली मकस्त खतलि...
11/10/2017

फूल माला मेक मंच नही । बडोनी जी के सपनों का खतलिंग गिलेशियर बनाओं पांचवा धाम चाहिये।

स्वर्गीय बडोनी जी के असली मकस्त खतलिंग बनाओं पांचवा धाम खतलिंग से घुत्तू भिलंग पहुचे यात्रीयों में
श्रीमान सूर्यप्रकाश सेमवाल जी श्रीमान बीर सिह राणा जी
श्रीमान चन्द्र कणडारी जी व दिल्ल से आये हुये सहयात्रीयों को बहुत बहुत बधाईयां ।
व आप सभी के ज्जवे को वंदन ओर नमन।

भिलंगना क्षेत्र विकास समिति के सभी सदस्यों को सूचित किया जाता है कि आज खतलिंग महायात्रा में सम्मिलित होने वाले तीर्थ यात...
02/10/2017

भिलंगना क्षेत्र विकास समिति के सभी सदस्यों को सूचित किया जाता है कि आज खतलिंग महायात्रा में सम्मिलित होने वाले तीर्थ यात्रियों का जत्था सांय 4.00 बजे उत्तराखंड सदन वीर टीकेन्द्र जीत मार्ग चाणक्यपुरी से रवाना होगा। आप सभी गणमान्य व्यक्तियों से आग्रह किया जाता है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुँचकर महायात्रा की शोभा बढायें तथा इस यात्रा के सहभागी बने।
धन्यवाद,
"सादर"
शिव सिंह राणा
महासचिव
भिलंगना क्षेत्र विकास समिति

27/09/2017

खतलिंग-हिमालय जागरण महायात्रा -२०१७ आइये बढ़ते जलसंकट और वैश्विक ताप के बीच हिमालय के विकास सुरक्षा एवं संवर्धन का सामूहिक संकल्प लें.. ,डोक्लाम प्रकरण के बाद सामरिक दृष्टि से और अधिक संवेदनशील हो गए पांचवें धाम खतलिंग का स्व.इन्द्रमणि बडोनी का स्वप्न और हिमालय की बसावट एवं पर्यावरण जागरूकता का पद्म विभूषण श्री सुन्दरलाल बहुगुणा जी का संकल्प साकार करें....दिल्ली से खतलिंग महायात्रा...०२ अक्टूबर से दिल्ली से खतलिंग तक...आप सादर आमंत्रित हैं...

"खतलिंग विकाश पर्यटन मेला "2017 के शुभ अवसर पर आप सभी का हार्दिक अभिन्नदन स्वागत ।बडोनी जी के संकल्प को आगे बढाने के साथ...
19/09/2017

"खतलिंग विकाश पर्यटन मेला "
2017 के शुभ अवसर पर आप सभी का हार्दिक अभिन्नदन स्वागत ।
बडोनी जी के संकल्प को आगे बढाने के साथ साथ खतलिंग धाम को पांचवा धाम बनाने हेतु , इस पवन अवसर पर देश की राजधानी दिल्ली व प्रदेश की राजधानी देहरादून से आने वाले सम्मानित यात्रियों व समस्त क्षेत्र वाशियों का
हिर्दय की अन्नत:गहराईयों से कार्यक्रम में स्वागत हे अपने गरिमामयी उपस्थिति देकर कार्यक्रम की सोभा बढायें ।
स्वर्गीय बडोनी जी के संकल्प को आगे बढाकर यात्रा को खतलिंग तक अवशय पहुचाये .Post by - Lokendra bhatt ।सौजन्या से -भजन रावत
👏👏👏👏👏👏👏👏

24/05/2017

आइये जाने व्यवसाय एवं नौकरी के योग और कब होगा प्रमोशन/उन्नति…???

आपकी जन्म कुंडली में व्यवसाय या नौकरी के योग—
नौकरी या व्यवसाय का चयन व्यक्ति अपनी योग्यता के आधार पर करता है। सफलता भी इंसान की योग्यता और उसकी मेहनत पर निर्भर होती है। मेहनती और पढ़े-लिखे होने के साथ यदि आप ज्योतिष के आधार पर यह जानना चाहें कि आपका कार्य क्षेत्र कौनसा होगा अर्थात कैसी नौकरी मिलेगी, इन योगों के आधार पर समझ सकते हैं-
आजीविका का निर्धारण व्यक्ति की योग्यता शिक्षा, अनुभव से तो होता ही है, उसकी कुंडली में बैठे ग्रह भी प्रभाव डालते हैं। चंद्र, सूर्य या लग्न इनमें से जो भी ग्रह कुंडली में अधिक बली होता है, उससे दशम भाव में जो भी राशि पड़ती है, उस राशि का स्वामी जिस नवमांश में है, उस राशि के स्वामी ग्रह के गुण, स्वभाव तथा साधन से जातक धन प्राप्त करता है। जैसे- दशम भाव की राशि का स्वामी नवमांश में यदि कर्क राशि में स्थित है, तो व्यक्ति चंद्र ग्रह से संबंधित कार्य करेगा। ऎसा भी हो सकता है कि दशम भाव में कोई ग्रह नहीं हो, तो दशमेश ग्रह के अनुसार व्यक्ति व्यवसाय करेगा। साथ बैठे अन्य ग्रहों का प्रभाव भी व्यक्ति के व्यवसाय पर पड़ना संभव है।
इन ज्योतिष योग से मिलेगी व्यापार अथवा नौकरी—-

जब आप कैरियर के विषय में निर्णय लेते हैं उस समय अक्सर मन में सवाल उठता है कि व्यापार करना चाहिए अथवा नौकरी. ज्योतिष विधान के अनुसार अगर कुण्डली में द्वितीय, पंचम, नवम, दशम और एकादश भाव और उन में स्थित ग्रह कमजोर हैं तो आपको नौकरी करनी पड़ सकती है. इन भावों में अगर ग्रह मजबबूत हैं तो आप व्यापार सकते हें.

—–जातक का लग्न यदि स्थिर राशि [2, 5, 8, 11] का है, तो व्यक्ति स्थिर आमदनी वाला व्यवसाय करता है। बलवान लग्नेश शारीरिक शक्ति, हिम्मत, जोश से व्यवसाय कराता है। बलवान सूर्य आत्म विश्वास की क्षमता बढ़ाता है। बुध बलवान होकर कार्य क्षमता में उन्नति के विचार की शक्ति देता है। स्थिर राशि का चंद्र स्थिर व्यापार कराने में विशेष सहायक होता है।

——-चर राशि के चंद्रमा वाले लोग बार-बार व्यवसाय व्यापार में पैसा फंसाकर व्यवसाय बदलते हैं। राशि [3, 7, 11] लग्न वाले लोगों को जनसंपर्क वाले व्यवसाय नहीं करने चाहिए, क्योंकि ऎसे व्यक्ति को जल्दी गुस्सा आता है।

——–इसी प्रकार जल तत्व राशि [4, 8, 12] लग्न वाले व्यक्ति को भी व्यवसाय के झंझट में नहीं फंसना चाहिए, क्योंकि ऎसा व्यक्ति अपने व्यवहार के कारण व्यवसाय में नाकाम रहता है। व्यवसाय की सफलता तब ही संभव होती है, जब 2, 9, 10, 11 भाव के स्वामी कुंडली में त्रिक भाव [6, 8, 12] में निर्बल, अशुभ, पापयुक्त या पापकर्लरी योग में नहीं हों। कर्म स्थान का ग्रह उच्च का हो, तो स्वतंत्र व्यवसाय से आय संभव है। बलवान सूर्य भी स्वतंत्र व्यवसाय दर्शाता है।

——-पंचमेश उच्च, त्रिकोण स्थान में होने पर व्यक्ति ने जिस विषय की पढ़ाई की है, उसी से संबंधित व्यवसाय करता है। पंचम स्थान में यदि उच्च का ग्रह है, तो व्यक्ति रेस, लॉटरी, जुआ-सट्टे से धन कमाता है। लाभेश उच्च या त्रिकोण स्थान में होता है, तो विदेशी वस्तुओं से लाभ संभव है।

——दशम भाव में चंद्र-शुक्र की युति होने पर व्यक्ति जवाहरात का व्यवसाय करता है। चंद्र-शनि की युति खनिज पदार्थ का व्यवसाय करना भी दर्शाता है। प्रवास कारक चंद्र, व्यवसाय कारक बुध की युति ट्रेवल संबंधी व्यवसाय कराती है।

——चंद्र, बुध का संबंध 3, 7, 9 भाव से हो और गुरू बलवान हो, तो ट्रेवल एजेंसी का कार्य संभव है। उच्च का चंद्र व्यक्ति को एजेंट बनाता है। केंद्र में शनि और मंगल की युति व्यक्ति को उद्योगपति बनाती है। यदि मंगल, शनि, शुक्र कुंडली में उच्च के होते हैं, तो सौंदर्य प्रसाधन एवं विदेशी महंगी चीजों से संबंधित उत्पादन का व्यवसाय कराती हैं।

——-मंगल और राहु की युति शुभ भाव में हो, तो व्यक्ति कम समय में अकल्पित कमाई शीघ्रता से करता है। कुंडली में बुध, शनि ग्रह उच्च के हों और मंगल रूचक योग बने, तो व्यक्ति अच्छा लेखक, मंत्री, पत्रकार बन सकता है। उच्च का शुक्र और नेपच्युन मेडिकल, विदेशी वस्तु, ब्यूटी पार्लर, संगीत, सिनेमा, नाटक जैसे कार्य कराता है।

——षष्ठम भाव में शुभ ग्रह और षष्ठेश शुभ ग्रह के साथ हो तथा षष्ठेश बलवान हो तो आप नौकरी करेंगे। कर्मेश का संबंध षष्टम से हो या छठे भाव के स्वामी का संबंध लाभ भाव या धनभाव से होता है तो व्यक्ति नौकरी करना पसंद करता है।
षष्ठम भाव का स्वामी बलवान हो, षष्ठेश उच्च का हो या त्रिकोण में हो तो व्यक्ति उच्च पद प्राप्त करता है। छठे भाव स्थित ग्रह या षष्ठेश स्वगृही या उच्च का होता है, तो जातक सरकारी एवं बड़ी कंपनी में नौकरी करने वाला होगा।
——-दसवें, ग्यारहवें और छठे स्थान के ग्रहों का परिवर्तन व्यक्ति को विदेश में उच्च पद दिलाता है। दशम भाव में शनि उच्च या स्वग्रही होने पर व्यक्ति की उन्नति होती है।
——-बलवान सूर्य दशम भाव में रहकर सरकारी नौकरी कराता है। दशम भाव में सूर्य की दृष्टि भी सरकारी नौकरी का योग बनाती है।

——यदि चंद्रमा केंद्र या त्रिकोण में बली होकर स्थित हो, तो जातक सरकारी नौकरी करता है।
——लग्न या चतुर्थ स्थान का गुरू सरकारी नौकरी के योग बनाता है। यदि दशमेश लाभ स्थान में है, तो भी जातक सरकारी नौकरी करेगा।
——कारकांश कुंडली में सूर्य स्थित हो, तो जातक सरकारी नौकरी करता है।
आपकी कुंडली के दशम भाव में ग्रह और आजीविका एवं आय—-

कुण्डली के दशम भाव में चन्द्रमा सूर्य होने पर पिता अथवा पैतृक सम्पत्ति से लाभ मिलता है. इस सूर्य की स्थिति से यह भी पता चलता है कि आप पैतृक कार्य करेंगे अथवा नहीं. चन्द्रमा अगर इस भाव में हो तो माता एवं मातृ पक्ष से लाभ की संभावना बनती है. चन्द्रमा से सम्बन्धित क्षेत्र में कामयाबी की प्रबल संभावना रहती है. मंगल की उपस्थिति दशम भाव में होने पर विरोधी पक्ष से लाभ मिलता है.

रक्षा विभाग अथवा अस्त्र शस्त्र के कारोबार से लाभ होता है. बुध दशम भाव में होने पर मित्रों से लाभ एवं सहयोग मिलता है. बृहस्पति की उपस्थिति होने पर भाईयों से सुख एवं सहयोग मिलता है. बृहस्पति से सम्बन्धित क्षेत्र में अनुकूल लाभ मिलता है. शुक्र सौन्दर्य एवं कला के क्षेत्र में तरक्की देता है. शनि की स्थिति दशम में होने पर परिश्रम से कार्य में सफलता मिलती है. टूरिज्म के कारोबार में कामयाबी मिलती है. लोहा, लकड़ी, सिमेंट, रसायन के काम में सफलता मिलती है.

——दशम भाव में सूर्य-बुध होने पर व्यक्ति पत्रकार बनता है।
——दशम भाव में सूर्य+शनि की युति पायलेट या मैनेजमेंट में कार्य करने का सूचक है।
——-दशम भाव में चंद्र+मंगल की युति जातक को रंग-रसायन के कार्य करने को प्रेरित करती है।
——-दशम भाव में गुरू या गुरू की दृष्टि प्रोफेसर के कार्य में रूचि को दर्शाती है।
——-षष्ठेश+दशमेश का युति, प्रतियुति या दृष्टि संबंध व्यक्ति से कोर्ट-कचेरी का काम कराता है।
——-उच्च, स्वगृही मंगल सेना में उच्च पद दिलाता है। दशम भाव में मंगल या मंगल की दृष्टि हो तो व्यक्ति फौज या पुलिस विभाग में नौकरी करता है।
——-दशम भाव में चंद्र या दशमेश चंद्र जमीन या जल से संबंधित कार्य कराता है। चंद्र प्रभाव वाले व्यक्ति कैशियर बनते हैं।
——-लाभेश और लाभ स्थान स्थित ग्रह उच्च, स्वग्रही हो, तो जातक विदेश में नौकरी करता है।
——-दशम, षष्ठम और एकादश भाव के ग्रहों का परिवर्तन योग जातक को विदेश में उच्च पद दिलाता है।
——-द्वितीय स्थान में स्थित ग्रह या द्वितीयेश उच्च का या स्वग्रही होता है, तो जातक को उच्च पद, मान-सम्मान मिलता है।

—–लग्न भाव स्थित शनि, कर्मेश, लाभेश, भाग्येश धनेश के साथ युति-प्रतियुति, दृष्टि आदि से संबंध बनता है, तो व्यक्ति अपने कòरियर की शुरूआत नौकरी से करता है।
——दशमेश द्वादश भाव में हो तो व्यक्ति नौकरपेशा ही होगा। दशम भाव में शनि या शनि की दृष्टि ही व्यक्ति को जीवनभर नौकरी कराती है। चाहे वह क्लार्क हो या आई.ए.एस. अधिकारी।

ये हें व्यवसाय में फ़लदायी मंत्र —

मंत्र शास्त्र स्न.कारोबारी परेशानियों से बचाता है ‘श्री लक्ष्मी गणेश मंत्र’ मानव जीवन के घटनाचक्र को जानने एवं पूर्वानुमान की प्रक्रिया बतलाने वाले महर्षि पाराशर ने व्यापार एवं आर्थिक स्थिति का विचार बड़े ही तर्कसंगत ढंग से किया है। उनका मानना है कि जन्मकुंडली में लग्न, पंचम एवं नवम भाव लक्ष्मी के स्थान होने के कारण धनदायक होते हैं यथा –

‘लक्ष्मीस्थानं त्रिकोणं स्यात्’ तथा
‘प्रथमं नवमं चैव धनमित्युच्यते बुधै:’।

कुंडली में चतुर्थ एवं दशम स्थान इच्छाशक्ति एवं कर्मठता के सूचक होने के कारण धन कमाने में सहायक होते हैं। दूसरी ओर षष्ठ, अष्टम एवं व्यय भाव, जो कर्ज, अनिष्ट एवं हानि के सूचक हैं, व्यापार में हानि और परेशानी देने वाले होते हैं।

आपके कारोबार में परेशानी सूचक योग—-

महर्षि पाराशर ने अपनी कालजयी रचना ‘मध्यपाराशरी’ में व्यापार में हानि एवं परेशानी के सूचक निम्न योग बताए हैं-

लग्नेश एवं चंद्रमा, दोनों केतु के साथ हों और मारकेश से युत या दृष्ट हों।
लग्नेश पाप ग्रह के साथ छठे, आठवें या 12 वें स्थान में मौजूद हो।
पंचमेश एवं नवमेश षष्ठ या अष्टम भाव में हों।
लग्नेश, पंचमेश या नवमेश का त्रिकेश के साथ परिवर्तन हो।
लग्नेश जिस नवांश में हो, उसका स्वामी त्रिक स्थान में मारकेश के साथ हो।
कुंडली में भाग्येश ही अष्टमेश या पंचमेश ही षष्ठेश हो और वह व्ययेश से युत या दृष्ट हो।
जातक की कुंडली में केमद्रुम, रेका, दरिद्री, या भिक्षुक योग हो।
लग्नेश षष्ठभाव में और षष्ठेश लग्न या सप्तम भाव में हो तथा वह मारकेश से दृष्ट हो।
ये हें परेशानी से बचने का उपाय—

वैदिक चिंतनधारा में व्यक्ति के विचार एवं निर्णयों को विकृत करने वाला तत्व ‘विघ्न’ तथा उसके काम-धंधे में रुकावटें डालने वाला तत्व बाधा कहलाता है। इन विघ्न-बाधाओं को दूर करने की क्षमता भगवान श्रीगणोश जी में है। मां लक्ष्मी तो स्वभाव से ही धन, संपत्ति एवं वैभव स्वरूपा हैं, इसीलिए व्यापार एवं काम-धंधे में आने वाली विघ्न-बाधाओं को दूर कर धन-संपत्ति प्राप्त करने के लिए श्रीलक्ष्मी गणोशजी के पूजन की परंपरा हमारे यहां आदिकाल से है।

22/04/2017
पर्यावरण को न बचाया गयातो वो दिन जल्दी ही आएगाजब धरती पे हर इंसानबस ‘पानी पानी’ चिल्लाएगा
22/04/2017

पर्यावरण को न बचाया गया
तो वो दिन जल्दी ही आएगा
जब धरती पे हर इंसान
बस ‘पानी पानी’ चिल्लाएगा

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