22/07/2025
भारतीय मसालों की रसोई में मौजूद एक छोटा-सा तत्व – लौंग (Laung), आयुर्वेद के अनुसार एक चमत्कारी औषधि है। लौंग केवल स्वादवर्धक नहीं बल्कि औषधीय गुणों की खान है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे वात और कफ दोष नाशक माना गया है। इसकी तीक्ष्ण सुगंध, ऊष्ण प्रभाव और औषधीय तासीर शरीर की कई समस्याओं को मिटाने में सहायक है।
👉 संस्कृत नाम: लवंग
👉 वैज्ञानिक नाम: Syzygium aromaticum
👉 कुल: Myrtaceae
👉 प्रभाव: कफ-वात शामक, अग्निदीपक, शूलहर, मुखशुद्धिकर, ज्वरहर
🔷 लौंग के आयुर्वेदिक गुण (Laung ke Ayurvedic Gun):
रस: कटु (तीखा), तिक्त (कसैला)
गुण: लघु, तीक्ष्ण, रुक्ष
वीर्य: उष्ण (गर्म)
विपाक: कटु (पचने के बाद भी तीखा प्रभाव देता है)
दोष प्रभाव: कफ और वात को शांत करता है, पित्त को बढ़ा सकता है।
चरक संहिता और सुश्रुत संहिता दोनों में लौंग को वातनाशक और पाचनवर्धक कहा गया है।
🔷 लौंग के रहस्यमयी आयुर्वेदिक नुस्खे (Secret Remedies of Laung in Ayurveda):
1️⃣ गले में खराश और कफ की समस्या
उपाय: एक लौंग को शहद के साथ चूसें।
लाभ: गला साफ होगा, बलगम ढीला पड़ेगा, खांसी में राहत।
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2️⃣ दांत का दर्द और दुर्गंध
उपाय: लौंग के तेल की 2 बूंदें रुई में डालकर दर्द वाले दांत पर रखें।
लाभ: दर्द, सूजन, और सांस की बदबू में राहत।
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3️⃣ पाचन तंत्र को सुधारने वाला चूर्ण
उपाय: भुनी हुई लौंग, काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर चूर्ण बनाएं।
सेवन विधि: भोजन के बाद 1 चुटकी लें।
लाभ: गैस, अपच और भूख की कमी में लाभ।
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4️⃣ जुकाम और बंद नाक
उपाय: लौंग को तवे पर सेंक कर कपड़े में लपेटकर सूंघें।
लाभ: नाक खुलेगी, सिरदर्द में भी आराम मिलेगा।
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5️⃣ मुँह के छाले और गंध
उपाय: लौंग को पीसकर मिश्री के साथ मिलाकर छालों पर लगाएं।
लाभ: जलन शांत होती है और मुँह साफ रहता है।
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6️⃣ स्त्रियों की मासिक समस्याएं
उपाय: लौंग, अदरक, दालचीनी का काढ़ा बनाएं।
सेवन विधि: पीरियड्स के पहले 3 दिन तक दिन में दो बार पिएं।
लाभ: दर्द और ऐंठन में राहत।
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7️⃣ मानसिक तनाव और नींद न आना
उपाय: रात को दूध में लौंग का पाउडर डालकर पिएं।
लाभ: तनाव कम होगा, नींद अच्छी आएगी।
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8️⃣ त्वचा के फोड़े-फुंसियों पर प्रयोग
उपाय: लौंग पाउडर को नारियल तेल में मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
लाभ: सूजन कम होगी, बैक्टीरिया खत्म होंगे।
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9️⃣ श्वास रोगों के लिए
उपाय: लौंग, तुलसी, काली मिर्च, शहद मिलाकर सेवन करें।
लाभ: अस्थमा, खांसी, सांस की तकलीफ में राहत।
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🔷 लौंग का उपयोग कैसे करें? (How to Use Clove?)
समस्या विधि मात्रा समय
खांसी/गला दर्द शहद के साथ चूसें 1-2 लौंग दिन में 3 बार
दांत दर्द लौंग का तेल 1-2 बूंद दर्द होने पर
पाचन चूर्ण के रूप में 1 चुटकी भोजन के बाद
नींद दूध में 1 चुटकी पाउडर रात को
🔷 लौंग से बने आयुर्वेदिक उत्पाद:
लवंगादि वटी: मुख रोगों के लिए
दन्तमंजन चूर्ण: दांत-मसूड़ों की देखभाल
लवंग तेल: दर्द और कीटाणुनाशक
🔷 सावधानियां:
अत्यधिक सेवन से पित्त बढ़ सकता है, सीने में जलन हो सकती है।
गर्भवती महिलाएं या हाई बीपी रोगी डॉक्टरी सलाह के बाद ही लें।
लौंग का तेल हमेशा डायल्यूट करके ही लगाएं।
🔷 निष्कर्ष:
लौंग, एक अद्भुत प्राकृतिक औषधि है जो आपकी रसोई में पहले से मौजूद है। अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह छोटी-सी कली कई बड़े रोगों को मात दे सकती है। लौंग का महत्व केवल रसोई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सम्पूर्ण आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली का हिस्सा है।
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