Swasthya Setu

Swasthya Setu A social initiative to improve awareness of health.

कब्ज का  तीसरा  यौगिक उपाय : महाबन्ध महाबन्ध, जिसे "महान ताला" भी कहा जाता है, कब्ज सहित कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं क...
05/12/2025

कब्ज का तीसरा यौगिक उपाय : महाबन्ध

महाबन्ध, जिसे "महान ताला" भी कहा जाता है, कब्ज सहित कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं के लिए एक शक्तिशाली यौगिक उपाय माना जाता है। यह तीन मुख्य बंधों - मूल बंध (गुदा और जननांगों के बीच पेरिनियम क्षेत्र का संकुचन), उड्डियान बंध (पेट को अंदर और ऊपर खींचना), और जालंधर बंध (ठुड्डी को छाती से लगाना) - का एक साथ अभ्यास है। …...

महाबन्ध, जिसे “महान ताला” भी कहा जाता है, कब्ज सहित कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं के लिए एक शक्तिशाली यौगिक उपाय मा....

वशिष्ठ प्राणायाम: बीमारी ,थकावट और तनाव में ज्यादा असरदार  वशिष्ठ प्राणायाम (जिसे पेट से साँस लेने या डायफ्रामिक ब्रीदिं...
26/11/2025

वशिष्ठ प्राणायाम: बीमारी ,थकावट और तनाव में ज्यादा असरदार

वशिष्ठ प्राणायाम (जिसे पेट से साँस लेने या डायफ्रामिक ब्रीदिंग भी कहते हैं) एक सरल और लाभकारी अभ्यास है जो मन को शांत करता है, तनाव कम करता है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं, धीरे-धीरे सांस भरते हुए पेट फुलाएं और सांस धीरे-धीरे छोड़ते हुए पेट को सिकोड़ें। यदि हम सामान्य रूप से सांस लेने की अवधि को शारीरिक क्षमतानुसार बढ़ा लें तो ये दिक्कत दूर हो सकती है....

वशिष्ठ प्राणायाम (जिसे पेट से साँस लेने या डायफ्रामिक ब्रीदिंग भी कहते हैं) एक सरल और लाभकारी अभ्यास है जो मन को शा.....

अग्निसार एक यौगिक क्रिया है जिसमें पेट की मांसपेशियों को अंदर-बाहर हिलाया जाता है, जबकि सांस को बाहर रोककर रखा जाता है। ...
08/11/2025

अग्निसार एक यौगिक क्रिया है जिसमें पेट की मांसपेशियों को अंदर-बाहर हिलाया जाता है, जबकि सांस को बाहर रोककर रखा जाता है। 'अग्निसार' शब्द 'अग्नि' (पाचन अग्नि) और 'सार' (सार तत्व) से मिलकर बना है, जो पाचन की आंतरिक शक्ति को सक्रिय करने का प्रतीक है। यह क्रिया पेट के अंगों की मसाज करती है, जिससे पाचन तंत्र सक्रिय होता है और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं।यह क्रिया पाचन को सुधारने, पेट की चर्बी कम करने और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करती है। मूल रूप में इस अभ्यास को करने के लिए, श्वास को पूरी तरह बाहर निकालकर पेट को तेजी से अंदर और बाहर की ओर हिलाया जाता है, और यह प्रक्रिया कई बार दोहराई जाती है। …...

अग्निसार एक यौगिक क्रिया है जिसमें पेट की मांसपेशियों को अंदर-बाहर हिलाया जाता है, जबकि सांस को बाहर रोककर रखा जात.....

इसे अश्विनी मुद्रा भी कहते है जिसे बार बार किया जाता है l विधि: 1. एक शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें। आराम से इसे बैठ कर,...
05/11/2025

इसे अश्विनी मुद्रा भी कहते है जिसे बार बार किया जाता है l विधि: 1. एक शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें। आराम से इसे बैठ कर, खड़े होकर,लेटे हुए और चलते हुए भी कर सकते हैं। 2. गुदा द्वार का संकुचन करें: धीरे-धीरे अपने गुदा द्वार को अंदर की ओर संकुचित करें, जैसे कि आप मल को रोकने की कोशिश कर रहे हों। इस स्थिति को 5-10 सेकंड तक बनाए रखें। उसके बाद सामान्य स्थिति में लौटें । इसके 50-100 चक्र कर सकते है l इस क्रम में जन्नेद्रिय,गुदा द्वार और उसके बीच के श्रोणि प्रदेश में गति महसूस होती है l…...

इसे अश्विनी मुद्रा भी कहते है जिसे बार बार किया जाता है l  विधि: 1. एक शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें। आराम से इसे  बैठ क....

कब्ज़ पर नियंत्रण हेतु गुदा द्वार का उसी प्रकार संकुचन करें जैसे जानवर करता है । जानवरों में क़ब्जियत नहीं होती है , उसक...
04/11/2025

कब्ज़ पर नियंत्रण हेतु गुदा द्वार का उसी प्रकार संकुचन करें जैसे जानवर करता है । जानवरों में क़ब्जियत नहीं होती है , उसका प्रमुख कारण है कि वे सभी गुदा द्वार को संकुचित करने में मास्टर होते हैं । ऋषियों ने अश्विनी क्रिया नाम से इसे बनाया जिससे मनुष्यों में भी क़ब्ज़ जैसी समस्या का निवारण हो जाय ।...

कब्ज़ पर नियंत्रण हेतु  गुदा द्वार का उसी प्रकार संकुचन करें जैसे जानवर करता है । जानवरों में क़ब्जियत नहीं होती ह....

मुंह से सीटी बजाते हुए सांस छोड़ना, जिसे 'पर्स्ड-लिप ब्रीदिंग' (होंठ सिकोड़कर सांस लेना) भी कहा जाता है, विश्राम के लिए ...
02/11/2025

मुंह से सीटी बजाते हुए सांस छोड़ना, जिसे 'पर्स्ड-लिप ब्रीदिंग' (होंठ सिकोड़कर सांस लेना) भी कहा जाता है, विश्राम के लिए एक प्रभावी तकनीक है। यह आपके तंत्रिका तंत्र को शांत करने और तनाव को कम करने में मदद कर सकती है। इसके पीछे के कारण इस प्रकार हैं: श्वसन दर धीमी करना: जब आप सीटी बजाने जैसी स्थिति में होंठ सिकोड़कर सांस छोड़ते हैं, तो सांस छोड़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इससे आपकी श्वास दर धीमी हो जाती है, जो घबराहट और तनाव को कम करती है।...

मुंह से सीटी बजाते हुए सांस छोड़ना, जिसे ‘पर्स्ड-लिप ब्रीदिंग’ (होंठ सिकोड़कर सांस लेना) भी कहा जाता है, विश्राम के ....

योग साधना का लक्ष्य सिर्फ़ अधिक अभ्यास करना नहीं, बल्कि विश्राम के माध्यम से निरोगी एवं ऊर्जावान बनना है। योग में विश्रा...
29/10/2025

योग साधना का लक्ष्य सिर्फ़ अधिक अभ्यास करना नहीं, बल्कि विश्राम के माध्यम से निरोगी एवं ऊर्जावान बनना है। योग में विश्राम सक्रिय ऊर्जा पैदा करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अधिक अभ्यास के क्रम में जब मांसपेशियों को बार-बार और केवल खिंचाव का अभ्यास दिया जाता है, तो उनकी स्वाभाविक स्मृति में संतुलन की जगह केवल तनाव अंकित हो जाता है।मांसपेशियों में बना यह निरंतर खिंचाव, विशेष रूप से उन लोगों में जो योग या व्यायाम के अभ्यास में भी अधिक करने को ही लक्ष्य मानते हैं, हृदय पर अतिरिक्त दबाव उत्पन्न करता है। दीर्घकाल में यह स्थिति हृदयघात (Heart Attack) जैसे गंभीर परिणाम ला सकती है। मैंने ऐसे अनेक योग अभ्यासियों को देखा है, जो अत्यंत अनुशासित अभ्यास के बावजूद अचानक हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं।...

योग साधना का लक्ष्य सिर्फ़ अधिक अभ्यास करना नहीं, बल्कि विश्राम के माध्यम से निरोगी एवं ऊर्जावान बनना है। योग में .....

मन में नाराजगी, कड़वाहट,दुर्भाव, विरोध ,असंतोष आदि  रखने का मतलब है ,प्रतिदिन जहर का एक चम्मच पीना l किसी को गाली देने क...
02/03/2025

मन में नाराजगी, कड़वाहट,दुर्भाव, विरोध ,असंतोष आदि रखने का मतलब है ,प्रतिदिन जहर का एक चम्मच पीना l किसी को गाली देने का मतलब है ,उसके भीतर सोए हुए साँप को छेड्ना ताकि वह आसानी से काट सके l निंदा करने का मतलब अपने भीतर सो रहे अजगर को जगाना ताकि नकारात्मकता बढ़े नकारात्मकता अर्थात अग्नि स्नान करना है l आलोचना करने का मतलब है सोए हुए शेर को जगाना,देर सबेर कंपन्न उस तक पहुँचते ही है,जो लौट कर एक दिन वापस आते ही है l

मन में नाराजगी, कड़वाहट,दुर्भाव, विरोध ,असंतोष आदि रखने का मतलब है ,प्रतिदिन जहर का एक चम्मच पीना l किसी को गाली देने .....

शरीर मेरी धारणाओं और विचारों का प्रतिबिंब है l हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका हमारे सोचे हुए प्रत्येक विचार और कहे हुए प्...
02/02/2025

शरीर मेरी धारणाओं और विचारों का प्रतिबिंब है l हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका हमारे सोचे हुए प्रत्येक विचार और कहे हुए प्रत्येक शब्द का जवाब देती है l आप जो मान रहे हैं ,कर रहे हैं ,कह रहे हैं या सोच रहे हैं का प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता हैं lशरीर के हर एक अंग पर पड़ता है l एक एक शब्द की,उसके अर्थ की ,उससे जुड़े भाव की अपनी ऊर्जा होती जो ह मारे स्थूल, प्राण ,सूक्ष्म शरीर को बदलती है ,उस पर अपना प्रभाव छोड़ता है l …...

शरीर मेरी धारणाओं और विचारों का प्रतिबिंब है l हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका हमारे सोचे हुए प्रत्येक विचार और कहे .....

सीधे आराम से खड़े हो जाए या बैठ जाए ,कमर सीधी रखें l मुहं को सिकोड़ कर होठों को उपर करते हुए नथुनों से सटा दे ,फिर नाक स...
28/11/2024

सीधे आराम से खड़े हो जाए या बैठ जाए ,कमर सीधी रखें l मुहं को सिकोड़ कर होठों को उपर करते हुए नथुनों से सटा दे ,फिर नाक सिकोड़ते हुए,ऊपर करते हुए श्वास भरना है l श्वास छोड़ने से पूर्व उपर किए मुहं को निचे करे व होठों को अंदर दांतों की तरफ दबा लें l अब जोर से रगड़ते हुए श्वास छोड़े l इस प्रक्रिया में ठुड्डी न हिलाए l…...

सीधे आराम से खड़े हो जाए या बैठ जाए ,कमर सीधी रखें l मुहं को सिकोड़ कर होठों को उपर करते हुए नथुनों से सटा दे ,फिर नाक स.....

फेफड़ों के प्रति आभार,क्षमा याचना और प्रार्थना प्रिय फेफड़ों, मेरे प्राणाधार आपको प्रणाम ! आप तो जीवन के आधार हो,जब तक श्व...
21/11/2024

फेफड़ों के प्रति आभार,क्षमा याचना और प्रार्थना प्रिय फेफड़ों, मेरे प्राणाधार आपको प्रणाम ! आप तो जीवन के आधार हो,जब तक श्वास -तब तक आश l इधर आपने श्वास लेना बंद किया उधर चैतन्य देह से विदा l सिर्फ आप ऑक्सीज़न ही नहीं ग्रहण करते है बल्कि इसके साथ प्राण भी ग्रहण करते है, इसलिए हम आपके आभारी हैं l श्वास के लयबद्ध होने पर ही जीवन में मधुरता, आनंद का एहसास होता है l…...

फेफड़ों के प्रति आभार,क्षमा याचना और प्रार्थना प्रिय फेफड़ों, मेरे प्राणाधार आपको प्रणाम ! आप तो जीवन के आधार हो,जब तक...

प्रिय फेफड़ों,  मेरे प्राणाधार आपको प्रणाम ! आप तो जीवन के आधार हो,जब तक श्वास -तब तक आश l इधर आपने श्वास लेना बंद किया उ...
21/11/2024

प्रिय फेफड़ों, मेरे प्राणाधार आपको प्रणाम ! आप तो जीवन के आधार हो,जब तक श्वास -तब तक आश l इधर आपने श्वास लेना बंद किया उधर चैतन्य देह से विदा l सिर्फ आप ऑक्सीज़न ही नहीं ग्रहण करते है बल्कि इसके साथ प्राण भी ग्रहण करते है, इसलिए हम आपके आभारी हैं l श्वास के लयबद्ध होने पर ही जीवन में मधुरता, आनंद का एहसास होता है l…...

प्रिय फेफड़ों, मेरे प्राणाधार आपको प्रणाम ! आप तो जीवन के आधार हो,जब तक श्वास -तब तक आश l इधर आपने श्वास लेना बंद किया उध...

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