व्यास ज्योतिष एवं वैदिक कर्मकांड

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व्यास ज्योतिष एवं वैदिक कर्मकांड Pandit Omprakash Vyas is a known Astrologer with more than 40 years of rich experience in the field of Astrology, Meditation & Vedic Science.

06/02/2022
🌼गीता जयंती (मोक्षदा एकादशी) की शुभकामनाएँ🌼आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवतगीता का उपदेश दिया था।महाभारत य...
14/12/2021

🌼गीता जयंती (मोक्षदा एकादशी) की शुभकामनाएँ🌼
आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवतगीता का उपदेश दिया था।

महाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया वह श्रीमद्भगवद्गीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं।

गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव भारतीय परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है। उपनिषदों को गौ (गाय) और गीता को उसका दुग्ध कहा गया है। इसका तात्पर्य यह है कि उपनिषदों की जो अध्यात्म विद्या थी, उसको गीता सर्वांश में स्वीकार करती है। उपनिषदों की अनेक विद्याएँ गीता में हैं। जैसे, संसार के स्वरूप के संबंध में अश्वत्थ विद्या, अनादि अजन्मा ब्रह्म के विषय में अव्ययपुरुष विद्या, परा प्रकृति या जीव के विषय में अक्षरपुरुष विद्या और अपरा प्रकृति या भौतिक जगत के विषय में क्षरपुरुष विद्या। इस प्रकार वेदों के ब्रह्मवाद और उपनिषदों के अध्यात्म, इन दोनों की विशिष्ट सामग्री गीता में संनिविष्ट है। उसे ही पुष्पिका के शब्दों में ब्रह्मविद्या कहा गया है।

महाभारत के युद्ध के समय जब अर्जुन युद्ध करने से मना करते हैं तब भगवान श्री कृष्ण उन्हें उपदेश देते है और कर्म व धर्म के सच्चे ज्ञान से अवगत कराते हैं। श्री कृष्ण के इन्हीं उपदेशों को “भगवत गीता” नामक ग्रंथ में संकलित किया गया है। 🌼🌼🌼🌷🌷🌷

**अभागे**कहते है भाग्य में जितना सुख, कर्म फल लिखा होता है उतना ही मिलता, परंतु कुछ ऐसे भी होते है जो उस सुख और उसके फल ...
09/08/2021

**अभागे**
कहते है भाग्य में जितना सुख, कर्म फल लिखा होता है उतना ही मिलता, परंतु कुछ ऐसे भी होते है जो उस सुख और उसके फल का भी लाभ नहीं उठा पाते है ।
भगवान नाम स्मरण अपने आप में सभी सुखों और कर्म फलों से बड़ा है जिन्हें उसका महत्व पता है वो जब समय मिलता है तब भगवान नाम स्मरण कर लेते है, और कुछ ऐसे भी है जिन्हें इसका लाभ मिल रहा है तो उठा नही रहे।
एक नाम है "महामृत्युंजय", मृत्युंजय जो मृत्यु को जीतने वाला हो, और महामृत्युंजय स्वयं महादेव है उनका यह नाम के स्मरण मात्र करने से हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार होता है । महाकाल की नगरी अवंतिका नगरी (उज्जयिनी) में एक द्वार है उसका नाम "महामृत्युंजय द्वार" रखा है परंतु कुछ अभागे उसे लाल गेट बोलते है और इस भगवन महानाम स्मरण के अवसर से हाथ धो बैठे है ।
भगवान महाकाल सबकी रक्षा करे ।

18/03/2021

🌼🌼पंचम वेद🌼🌼📚
🌼सनातन धर्म में वेदों की संख्या चार है:
ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
किन्तु इन सब के अलावा एक और धर्म ग्रंथ है जिसे “पंचम वेद” की संज्ञा दी गई है, जिसे महाभारत कहा जाता है। जिसकी रचना महर्षि वेदव्यास जी ने की थी।
🌼महाभारत को ‘पंचम वेद’ कहा गया है। यह ग्रंथ हमारे राष्ट्र के मन-प्राण में बसा हुआ है। यह भारत की राष्ट्रीय गाथा है। इस ग्रंथ में भारत (आर्यावर्त) का समग्र इतिहास वर्णित है। अपने आदर्श स्त्री-पुरुषों के चरित्रों से हमारे देश के जन-जीवन को यह प्रभावित करता रहा है। इसमें सैकड़ों पात्रों, स्थानों, घटनाओं तथा विचित्रताओं व विडंबनाओं का वर्णन है।
🌼महाभारत में कई घटना, संबंध और ज्ञान-विज्ञान के रहस्य छिपे हुए हैं। महाभारत का हर पात्र जीवंत है, चाहे वह कौरव, पांडव, कर्ण और श्रीकृष्ण हो या धृष्टद्युम्न, शल्य, शिखंडी और कृपाचार्य हो। महाभारत सिर्फ योद्धाओं की गाथाओं तक सीमित नहीं है। महाभारत से जुड़े श्राप, वचन और आशीर्वाद में भी रहस्य छिपे हैं।
🌼महाभारत का महत्व सांस्‍कृतिक दृष्टि से बहुत अधिक है। यह अपने आप में संपूर्ण साहित्‍य है। इसके शान्ति पर्व में राजनीति के विषयों का व्‍यापक एवं गम्‍भीर प्रति पादन है। इसके पात्रों को श्री व्यास जी ने उपदेश का आधार बनाया है, जिससे लोग कर्तव्‍य की शिक्षा ले सकें । यह एक ऐसा धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें प्रत्‍येक श्रेणी का मनुष्‍य अपने जीवन के अभ्‍युदय की सामग्री प्राप्त कर सकता है। बाणभट्ट ने श्री व्यास जी को कवियों का निर्माता कहा है, क्योंकि महाभारत से कवियों को काव्‍य सृष्टि के लिए प्रेरणा मिलती रही है। गीता में कर्म , ज्ञान और भक्ति का सुन्दर समन्वय है। महाभारत में श्री व्यास जी ने कहा है कि धर्म शाश्वत है। अत: इसका परित्‍याग किसी भी दशा में भय या लोभ से नहीं करना चाहिए। शान्ति पर्व में कहा गया है कि राजधर्म के बिगड़ने पर राज्य तथा समाज का सर्वनाश हो जाता है। मानव जीवन को धर्म, अर्थ और काम के द्वारा मोक्ष की ओर ले जाने की प्रक्रिया महाभारत में अच्‍छी तरह बताई गई है। इसलिए धर्म, राजनीति, दर्शन आदि सभी विषयों का यह अक्षय कोष है।
''घर पर महाभारत को नहीं रखना चाहिए''…… ऐसा प्रलाप विधर्मियों हिन्दू-द्वेषियों द्वारा फैलाया गया है! हिन्दुओं की आक्रमण एवं प्रतिकार क्षमता की धार को कुंद करने हेतु! महाभारत हम सब के घरों में नियमित अध्ययन के उद्देश्य से घर के मंदिर में रखी होती तो आज सहिंष्णु हिन्दुओ की बुद्धि आज विधर्मियों के षड्यंत्रों को समझने में तनिक भी देर न करती।

🌼व्यास ज्योतिष एवं वैदिक कर्मकांड🌼
9425987744

महाशिवरात्रि पर्व की मंगलमय हार्दिक शुभकामनाएं
11/03/2021

महाशिवरात्रि पर्व की मंगलमय हार्दिक शुभकामनाएं

वसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। इसी दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। इस दिन सरस्वती...
16/02/2021

वसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। इसी दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। इस दिन सरस्वती पूजा भी की जाती है। वसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले की जाती है। इस समय को पूर्वाह्न भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
इस साल यानि 2021 में वसंत पंचमी 16 फरवरी, दिन मंगलवार की है। शास्त्रों में वसंत पंचमी को ऋषि पंचमी के नाम से भी उल्लेखित किया गया है। इस दिन को होली के शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है, जो कि इसके 40 दिन बाद आती है। वहीं इस दिन को विद्या की देवी माता सरस्वती के प्रकटोत्सव के रूप में भी मनाया जाता हैं। मां सरस्वती के अलावा कई जगह पर इस दिन भी भगवान विष्णु (भगवान श्री सत्यनारायण) की पूजा की जाती है। इस दिन सभी लोग जो माता सरस्वती की पूजा करते है, वो अपने कलम और किताबों को पूजते है, क्योंकि ये सभी हमें ज्ञान प्राप्त करने में सहयोग करती है।
माता सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। ये विद्या और बुद्धि प्रदाता हैं। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी भी हैं। माँ सरस्वती की पूजा करने से अज्ञान भी ज्ञान का दीप जलाता हैं। इस दिन लोग अपने घरों में पील रंग के व्यंजन बनाते है, कुछ पीले रंग के चावल बनाते है तो कुछ केसर का उपयोग करते |

देव प्रबोधिनी एकादशी पर्व पर भगवान श्री शालिग्राम और देवी तुलसी माता का विवाह
26/11/2020

देव प्रबोधिनी एकादशी पर्व पर भगवान श्री शालिग्राम और देवी तुलसी माता का विवाह

।। अथ श्री कार्तिक शुक्ल एकादशी देव प्रबोधिनी एकादशी कथा विधी फल।।प्रात: ब्रम्हमुहूर्त मे उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धा...
24/11/2020

।। अथ श्री कार्तिक शुक्ल एकादशी देव प्रबोधिनी एकादशी कथा विधी फल।।
प्रात: ब्रम्हमुहूर्त मे उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत करने का संकल्प लें।
ब्रम्हाजी बोले की प्रबोधिनी नामक एकादशी का माहात्म्य सब पापो का नाश करने वाला और पुण्य को बढ़ाने वाला और बुद्धिमान मनुष्य को मुक्ति देने वाला है ।
जो दिव्य अगस्त्य के फूल से जनार्दन का पूजन करता है उसके आगे हे मुनिश्रेष्ठ ! देवेंद्र भी हाथ जोड़ते है ।। हे विप्रेन्द्र ! तप द्वारा सन्तुष्ट किये गए हरि वह नहीं करते जो अगस्त्य के पुष्पों से शोभित ऋषिकेष भगवान करते है ।। जो कार्तिक में बड़ी भक्ति से बिल्वपत्रों द्वारा कृष्ण का पूजन करते हैं उनको मेरे कहीं हुई मुक्ति मिलती है और वो दस हजार जन्मो के सब पाप जला देते है ।
एक बार भोजन करने से एक जन्म का और रात्रि भोजन करने से दो जन्म का और उपवास करने से सात जन्म का पाप नष्ट हों जाता है। जो चातुर्मास व्रत को निर्विघ्न समाप्त करता है वो कृतार्थ हो जाता है और फिर मनुष्य का जन्म नहीं पाता है यह सब करने से व्रत पूर्ण होता है इसके पड़ने और सुनने से गौ दान का फल प्राप्त होता है ।।
तुलसी विवाह मुहूर्त
गोरज लग्न सायं :- ५:०० से ७:३० तक जय

श्री बांके बिहारी लाल जी की जय 🙏🙏
13/08/2020

श्री बांके बिहारी लाल जी की जय 🙏🙏

जन्माष्टमी महोत्सव दर्शनश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं  जय श्री कृष्णा 🙏श्री सत्यनारायण भगवान की जय🙏
12/08/2020

जन्माष्टमी महोत्सव दर्शन

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

जय श्री कृष्णा 🙏
श्री सत्यनारायण भगवान की जय🙏

स्वामी श्री सत्यनारायण भगवान की जय, एकादशी दर्शन 🙏🙏
30/07/2020

स्वामी श्री सत्यनारायण भगवान की जय, एकादशी दर्शन 🙏🙏

श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की जय 🙏🙏
25/07/2020

श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की जय 🙏🙏

स्वामी श्री सत्यनारायण भगवान एकादशी दर्शन 🙏🙏
16/07/2020

स्वामी श्री सत्यनारायण भगवान एकादशी दर्शन 🙏🙏

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