16/08/2025
मेरे कान्हा,
हर समय आप मेरे साथ हैं, मैं आपको महसूस कर पाता हूँ।
मेरा अंतर्मन हर पल आपको निकट पाता है, इतनी गहराई से जुड़ाव के बाद भी यह मन अतृप्त ही है आपकीं चाह ओर बढ़ती जाती है । मेरा मन हर पल आपको ढूंढता है ।
आपके बिना एक-एक क्षण जैसे युगों के बराबर हो जाता है।
रात की चाँदनी में, जब मंद पवन बहती है,
मुझे लगता है आप बस अभी आकर मेरे आँगन में खड़े हो जाएंगे,
जब भी बांसुरी की मधुर ध्वनि कानों में गूंजती है, लगता है आप यहीं कहीं पास हैं,
लेकिन हाथ बढ़ाकर भी आपको छू नहीं पाता।
आप मेरे प्राणों की धड़कन, मेरी आत्मा की तान,
मेरी हर मुस्कान का आधार भी आप।
आपका जन्मदिन मेरे लिए केवल एक तिथि नहीं,
बल्कि वह क्षण है जब इस संसार को मेरी साँसों का कारण मिला था। मेने साक्षात आपके चमत्कार को देखा था ।
कान्हा, आज भी मेरी हर प्रार्थना में, हर विरह में, हर श्वास में—बस आप ही हैं।आप ही मेरे मिलन के स्वप्न हैं,
आप ही मेरे विरह की वेदना।
मेरी हर साँस, हर धड़कन,
बस आपका नाम जपते हैं— मेरे कान्हा कान्हा कान्हा
(योगेश्वर श्री कृष्ण के जन्मदिन पर विशेष स्वरचित भावनाएं )
योग गुरु डॉ.मिलिन्द्र त्रिपाठी
डायरेक्टर आरोग्य योग संकल्प केंद्र