दादा गांधी मेमोरियल बेस्ट विजन आई हॉस्पिटल uklana mandi

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दादा गांधी मेमोरियल बेस्ट विजन आई हॉस्पिटल uklana mandi पुरानी मार्केट कमेटी फायर ऑफिस के सामने

14/02/2025
12/10/2024


गहराई से सोचो !
आपकी ज़िंदगी का कोच कौन है ??

#अनीता_अल्वारेज,
अमेरिका की एक पेशेवर तैराक हैं जो वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान परफॉर्म करने के लिए स्विमिंग पूल में जैसे ही छलांग लगाई , वो छलांग लगाते ही पानी के अंदर बेहोश हो गई ,

जहाँ पूरी भीड़ सिर्फ़ जीत और हार के बारे में सोच रही थी वहीं उसकी कोच एंड्रिया ने जब देखा कि अनीता एक नियत समय से ज़्यादा देर तक पानी के अंदर है ,

एंड्रिया पल भर के लिए सब कुछ भूल गई कि वर्ल्ड चैंपियनशिप प्रतियोगिता चल रही है , एक पल भी व्यर्थ ना करते हुए एंड्रिया चलती प्रतियोगिता के बीच में ही स्विमिंग पूल में छलांग लगा दी ,

वहाँ मौजूद हज़ारों लोग कुछ समझ पाते तब तक एंड्रिया पानी के अंदर अनीता के पास थी ,
एंड्रिया ने देखा कि अनीता स्विमिंग पूल में पानी के अंदर बेहोश पड़ी है ,

ऐसी हालत में ना हाथ पैर चला सकती ना मदद माँग सकती ,

एंड्रिया ने अनीता को जैसे बाहर निकाला मौजूद हज़ारों लोग सन्न रह गए , एंड्रिया ने अनीता को तो बचा लिया ,

लेकिन हम सबकी ज़िंदगी में बहुत बड़ा सवाल छोड़ गई !

इस दुनियाँ में ना जाने कितने लोग हम सबकी ज़िंदगी से जुड़े हैं कितनों से रोज़ मिलते भी होंगे ,

जो इंसान हर किसी से अपने मन की बात नहीं कह पाता कि असल ज़िंदगी में वह भी कहीं डूब रहा है , वह भी किसी तकलीफ़ से गुज़र रहा है , वह भी किसी बात को लेक़र ज़िंदगी से परेशान हो रहा है , लेकिन बता नहीं पा रहा है

जब इंसान किसी को अपने मन की व्यथा , अपनी परेशानी नहीं बता पाता तो मानसिक तनाव इतना बढ़ जाता है कि वह ख़ुद को पूरी दुनियाँ से अलग़ कर लेता है , सबकी नज़रों से दूर एकांत में ख़ुद को चारदीवारी में क़ैद कर लेता है ,

ये वक़्त ऐसा होता है कि तब इंसान डूब रहा होता है , उसका मोह ख़त्म हो चुका होता है , ना किसी से बात चीत ना किसी से मिलना जुलना ,

ये स्थिति इंसान के लिए सबसे ख़तरनाक होती है ,

जब इंसान अपने डूबने के दौर से गुज़र रहा होता है , तब बाक़ी सब दर्शकों की भाँति अपनी ज़िंदगी में व्यस्त होते हैं किसी को ख़्याल ना होता कि एक इंसान किसी बड़ी परेशानी में है ,

अगर इंसान कुछ दिन के लिए ग़ायब हो जाए तो पहले तो लोगों को ख़्याल नहीं आएगा , अगर कुछ को आ भी जाए तो लोग यही सोचेंगे , पहले कितनी बात होती थी अब वो बदल गया है या फिर उसे घमंड हो गया है या अब तो बड़ा आदमी बन गया है इसलिए बात नहीं करता , जब वो बात नहीं करता तो हम कियूँ करें !

या फिर ये सोच लेते हैं कि अब दिखाई ना देता तो वो अपनी ज़िंदगी में मस्त है इसलिए नहीं दिखाई देता ,

अनीता पेशेवर तैराक होते हुए डूब सकती है तो कोई भी अपनी ज़िंदगी में बुरे दौर से गुज़र सकता है , ये समझना ज़रूरी है

लेकिन उन लोगों से हट कर कोई एक इंसान ऐसा भी होगा जो आपकी मनोस्थिति तुरंत भाँप लेगा , उसे बिना कुछ बताये सब पता चल जाएगा , आपकी ज़िंदगी के हर पहलू पर हमेशा नज़र रखेगा , थोड़ा सा भी परेशान हुए वो आपकी परेशानी आकर पूछने लगेगा ,

आपके बेहवियर को पहचान लेगा , आपको हौसला देगा आपको सकारात्मक बनायेगा और एंड्रिया की तरह कोच बन कर आपकी ज़िंदगी को बचा लेगा ,

हम सबको ऐसे कोच की ज़रूरत पड़ती है…

ऐसा कोच कोई भी हो सकता है , आपका भाई , बहन , माँ , पापा ,
आपका कोई दोस्त , आपका कोई हितैषी , आपका कोई रिश्तेदार , कोई भी , जो बिना बताये आपके भावों को पढ़ ले और तुरंत एक्शन ले।

गहराई से सोचो आपकी ज़िंदगी का कोच कौन है ??

17/08/2024

कल सायरा बानो और धर्मेंद्र की फिल्म "ज्वार भाटा" देख रहा था फिल्म धर्मेंद्र एक होटल के मालिक होते हैं बाद में उन्हें अपने करोड़पति दादाजी मिल जाते हैं और धर्मेंद्र करोड़पति बन जाते हैं, फिल्म में धर्मेंद्र नाजुक दिल के व्यक्ति होते हैं और हर किसी की मदद करते रहते हैं करोड़पति बनने से पहले भी वह अपने होटल में लोगों को उधार में खाना खिलाया करते थे।

फिल्म आगे बढ़ती है और वह खलनायकों की वजह से अदालत तक पहुंच जाते हैं और खलनायकों की मंडली जिसे फिल्म में "चांडाल चौकड़ी" कहा गया है वो उनकी दौलत को पाने के खातिर उन्हें पागल साबित करने की कोशिश में लग जाती है।

करोड़पति बनने के बाद धर्मेंद्र जिन-जिन लोगों की मदद करते हैं वही सब लोग अदालत में आकर जरूरत से ज्यादा मदद करने के कारण उन्हें पागल कहते हैं और उनके खिलाफ गवाही देते हैं, वह फिल्म थी और धर्मेंद्र उसमें नायक थे इसलिए धर्मेंद्र अंत में बच गए लेकिन असल जिंदगी में किसी की अत्यधिक मदद करने के बाद आप बच पायेंगे इस पर मुझे संदेह है।

हम उस समय में जी रहे हैं जहां आदमी हनुमान जी को भी मंगलवार के अलावा बाकी के दिन याद नहीं करता तो आप यह बात तो भूल ही जाइए कि आप किसी की मदद करेंगे और वह आपके प्रति एहसानमंद रहेगा, मुझे लगता है जब तक व्यक्ति सामने से मदद के लिए ना कहे उसकी मदद मत कीजिए और कोई मदद मांगे तो व्यक्ति की उतनी ही मदद कीजिए जिसमें आपको नुकसान ना हो, क्योंकि इतनी बड़ी दुनिया में आप सबकी गरीबी नहीं मिटा सकते सबके रोगों को दूर नहीं कर सकते सबके दुःखों को कम नहीं कर सकते हां लेकिन लोग आपका फायदा जरूर उठा सकते हैं।

मैं यह नहीं कहता कि आप किसी की मदद मत किजिए मदद किजिए जरूर कीजिए, लेकिन इतना ध्यान रखिए की मदद करने के बाद ऐसी स्थिति ना आ जाए कि आपको ही मदद मांगने की जरूरत पड़ जाए यह महर्षि दधीचि की तरह हड्डियां दान करने का युग नहीं है।😊

09/04/2023

खेत में काम करते समय आँखो में चोट लगना स्वाभाविक है। चोट लगने के बाद किसान, जमींदार या मजदूर दवा की दुकान या अपने परिवार के सदस्यों या पड़ोसियों से आई ड्रॉप मांग लेते है जो की ज्यादतर स्टेरॉयड ग्रुप की होती है ।

फसलों की पत्तियों से टहनियों या तिनकों की चोट से फफुन्दी (Fungus ) का इन्फेक्शन होता है और आँख मे घाव (Corneal Ulcer) बन जाता है । उस घाव मे ये Steroid ड्रॉप जहर का काम करती है और घाव को काफी तेजी से बढ़ा देता है और आंख पूरी तरह से या तो खराब हो जाती है या फिर आंख को निकलना भी पड़ता है ।

ऐसे मरीज हर रोज एक आंख के डॉक्टर के पास 4-5 आते है, अब आप अनुमान लगा सकते है की हर रोज कितनी आंखें खराब होती है ।

इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको बताना चाहता हूँ की अगर कभी भी आँखो मे पत्ते से चोट लगती है तो हाँथों को साफ पानी से धोकर, आंख को भी साफ पानी से धो लें और किसी भी आँख के डॉक्टर से सम्पर्क करें। अगर आपको आंख के डॉक्टर नही मिलते है और आप किसी दवाई की दुकान से ड्रॉप लेते हैं तो Steroid की ड्रॉप बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें। मैं फार्मासिस्ट एवं ग्रामीण चिकित्सक बंधुओं से कहना चाहूंगा की Steroid ड्रॉप का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। Steroid ड्रॉप्स आंखो को काफी नुक्सान पहुंचाती है और नेत्र चिकित्सक भी बाद मे इसे ठीक नही कर पाते है और आंख की रोशनी खत्म हो जाती है ।

अगर किसी ड्रॉप के अन्त मे D, P, DM या Dx लिखा हो तो वो Steroid ड्रॉप है,जैसे की Ciplox-D, Moxigram-D, Oflakem-D, Predforte, Oflacin-Dx, Apdrop-DM, Ofax-D इत्यादि।

धन्यवाद :
Best vision eye care centre uklana mandi

Rajkumar from bhudakhera  cataract surgery done on 19/03/20023
20/03/2023

Rajkumar from bhudakhera cataract surgery done on 19/03/20023

16/03/2023

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