09/08/2023
*सिरदर्द के प्राकृतिक उपाय :------*
एक बहुत ही सामान्य समस्या है हर तीसरे व्यक्ति को, सिर दर्द की परेशानी कभी ना कभी रहती है। लेकिन कई बार ये इतना ज्यादा तेज होता है कि इसे बर्दाश्त कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
ये उपाय इतने आसान हैं कि, आप अपने कार्यालय में काम करते-करते भी, आजमा सकते हैं और सिर दर्द दूर भगा सकते हैं।
*एक्युप्रेशर*
सिर दर्द होने पर, आप अपनी दोनों हथेलियों को सामने की तरफ ले आइए। इसके बाद, एक हाथ से दूसरे हाथ के अंगूठे और इंडेक्स फिंगर के बीच की जगह पर, हल्के हाथ से मसाज करें। यह तरीका दोनों हाथों से 2 से 4 मिनट तक करें । ऐसा करने से आपको सिरदर्द में तुरंत आराम मिलेगा।
*गर्म पानी नींबू का रस मिलाकर पीएं*
1 गिलास में गर्म पानी लीजिए और उसमें नींबू का रस डालकर पी लें। फिर देखिएगा आपको सिर दर्द से कितनी जल्दी राहत मिलती है। कई बार पेट में गैस बनने से भी सिर दर्द होने लगता है। उस स्थिति में भी, यह घरेलू उपाय अत्यंत लाभदायक है ।
*सेब पर नमक डाल कर खाएं*
अगर बहुत कोशिशों के बाद भी, आपका सिर दर्द जाने का नाम नहीं ले रहा है, तो 1 सेब काट लें और उस पर नमक डालकर खाएं। सिरदर्द में आराम के लिए, यह उपाय भी अत्यंत उत्तम है ।
*लौंग भगाएगी सिर दर्द*
आप तवे पर, लौंग की कुछ कलियों को गर्म कर लीजिए। इन गर्म हो चुकी लौंग की कलियों को, एक रूमाल में बांध लें। कुछ-कुछ देर पर, इस पोटली को सूंघते रहें। आप पाएंगे कि, सिर का दर्द धीरे - धीरे कम हो रहा है।
*तुलसी और अदरक का रस पीएं*
तुलसी और अदरक के प्रयोग से भी, सिर दर्द से मुक्ति पाने में उत्तम है। इसके लिए, तुलसी की पत्तियों का रस निकाल लें और फिर अदरक का भी रस निकालकर मिला लें।
इसके बाद, इसे माथे पर अच्छे से लगाएं। आप चाहे तो, इस रस को सिर दर्द से परेशान व्यक्ति को पिलाया भी जा सकता है। इससे सिर दर्द में काफी आराम मिलता है।
*लौंग के तेल से करें मालिश*
सिर दर्द को दूर करने के लिए, लौंग के तेल से माथे की मालिश करने से, सिर दर्द से, आपको कुछ ही मिनटों में आराम मिल जाएगा।
*नींबू चाय पिएं*
चाय में, नींबू मिला कर पीएं। इससे भी सिर दर्द से मुक्ति पाई जा सकती है। इसके लिए, नींबू को चाय में निचोड़कर पी जाइए।
*प्राकृतिक चिकित्सा के उपाय*
सिरदर्द के लिए अचूक प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा, मात्र पांच मिनट में, सिरदर्द "गायब"।
*नाक के दो हिस्से हैं , दायां स्वर और बायां स्वर।*
जिससे हम सांस लेते और छोड़ते हैं। पर, इनका अलग -अलग प्रभाव होता है, जिसका अंतर आप अनुभव कर सकते है ।
*दाहिना नासिका छिद्र "सूर्य" और बायां नासिका छिद्र "चन्द्र" के लक्षण को दर्शाता है या प्रतिनिधित्व करता है। सिरदर्द के दौरान, दाहिने नासिका छिद्र को, बंद करें और बाएं से सांस लें और देखेंगे । बस पांच मिनट में, आपका सिरदर्द " गायब " हो गया है और यकीन मानिए, यह उतना ही प्रभावकारी भी है, जितना किसी और औषधीय के सेवन से होता है।*
अगर आप थकान महसूस कर रहे हैं, तो बस इसका उल्टा करें। यानि, बायीं नासिका छिद्र को बंद करें और दायें से सांस लें और बस थोड़ी ही देर में "तरोताजा" अनुभव करेंगे।
*दाहिना नासिका छिद्र "गर्म प्रकृति" रखता है और बायां "ठंडी प्रकृति"।*
अधिकांश महिलाएं बाएं और पुरुष दाहिने नासिका छिद्र से, सांस लेते हैं और क्रमशः ठन्डे और गर्म प्रकृति के होते हैं सूर्य और चन्द्रमा की तरह।
*दाहिने नाक के छिद्र को बंद कर, बायीं नासिका छिद्र से सांस लें। बस ऐसा नियमित रूप से, एक महिना करें और स्वास्थ्य लाभ लें।*
प्रातः काल में उठते समय, अगर आप बायीं नासिका छिद्र से, सांस लेने में अच्छा अनुभव कर रहे हैं, तो आपको थकान जैसा अनुभव होगा , तो बस बायीं नासिका छिद्र को बंद करें, दायीं से सांस लेने का प्रयास करें और तरोताजा हो जायें।
*तो बस प्रकृति पर विश्वास करें, इन्हें उपाओं का प्रयोग करें और बिना औषधीय प्रयोग के स्वस्थ अनुभव करें भी और रहें भी।*
विशेष
*"आयुर्वेद का संबंध, हमारी संस्कृति व जीवन से है, इसे अपनाएं स्वस्थ जीवन पाएं।"*
अधिक से अधिक share भी करें।
*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath doctor)*
वैदिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र,
गली नं- 10, हरी नगर,
श्रद्धापूरी फेज -1,
कंकर खेडा, मेरठ (250001)
*M. 8126789235*