Homoeopathy

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वजन बढ़ने की समस्या  मात्र दवा से कभी भी ठीक नही हो सकती।बल्कि में तो कहूंगी कि डाइट कंट्रोल और रेगुलर एक्सरसाइज के बाद भ...
19/07/2024

वजन बढ़ने की समस्या मात्र दवा से कभी भी ठीक नही हो सकती।बल्कि में तो कहूंगी कि डाइट कंट्रोल और रेगुलर एक्सरसाइज के बाद भी यदि वजन नही कम होता और अन्य कोई समस्या के कारण वजन बढ़ रहा है तभी दवा की तरफ जाएं।अधिकांशतः हम कैलोरी जितनी लेते हैं उतनी खर्च नही करते तो वजन कम नही होता।जितना ले रहे हैं उससे अधिक खर्च करेंगे तभी वजन कम होगा अन्यथा बढ़ेगा ।यही सीधा सा फार्मूला है।
होम्योपैथी में वजन कम करने की दवाएं जरूर हैं और काम भी करती हैं परंतु तभी जब आप अपना पार्ट अच्छे से प्ले करें।

18/07/2024

Don't call just message on messenger.

15/07/2024

होमियोपैथी दवाओं के एक्शन स्लो या क्विक
आपबीती 2

मेरी एक करीबी रिश्तेदार जो डिलीवरी के लिए मेरे पास आई हुई थीं।एक रात उन्होंने कहा कि लगता है कि पानी की थैली ब्रेक हो गयी है हम उन्हें ले कर हॉस्पिटल पहुंचे परन्तु लेबर पेन का अतापता नही था साथ ही बच्चेदानी का मुंह भी खुला नही था ।डॉ ने कहा कि लेबर induce किये जाने की जरूरत है जिसके लिए दवा चढ़ाई जानी है ।इन सब तैयारियों के बीच मेरे पास रखी दवा pulsatila 1M की दो खुराक 10 मिनट के अंतराल पर मैने उन्हें दे दी ये दवा घर से निकलने से पहले मैंने अपने साथ रख ली थी क्योंकि दर्द के कोई लक्षण उनके में दिखाई नही दे रहे थे।उनका स्वभाव बहुत ही शांत और सबमिसिव था ।(costitutional medicine)दवा देने के 20 मिनट के अंदर बिना कोई भी अंग्रेजी दवा induce किये उन्हें लेबर पेन शुरू हो गए और बिना किसी परेशानी के उन्होंने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया ।उनके पहले बच्चे के जन्म में भी उन्हें दर्द नही था और बच्चे के लिए फोर्सेप्स डिलीवरी करनी पड़ी थी। ये घटना तब की है जब मैंने सर्विस जॉइन नही की थी।
क्या अब भी आप कह सकते हैं कि होम्योपैथी धीरे काम करती है?

14/07/2024

वार्ट्स या मस्से होम्योपैथिक की मोनोपोली मानी जाती है और ये पूरी तरह सत्य भी है।मुश्किल तब होती है जब लोग थूजा नामक दवा को ही एकमात्र दवा मस्से के लिए समझ अपनी तरफ से किसी भी potency में लेना शुरू कर देते हैं।और फर्क न पडने पर होम्योपैथी के ही विरुद्ध फतवा जारी कर देते हैं।अरे भाई,जिसविधा का आप abcd नही जानते ,जिसकी philosophy आप नही समझते ,दवा के सिलेक्शन के सिद्धांत नही जानते फिर भी साधिकार उसे अवैज्ञानिक और pseudopathy सिद्ध करने में लग जाते हैं।
निस्संदेह थूजा वार्ट्स की एक प्रभावशाली दवा है परंतु दवा के चुनाव के सिद्धांत पर खरे उतरने के बाद ही ।अन्यथा कॉस्टिकम,antimcrud,dulcamara, नेट्रम म्योर,इत्यादि अनेकों दवाओं से मस्से ठीक होते देखे ,सुने और किये हैं मैंने।
मजे की एक बात बताऊँ मुझे होम्योपैथी के रास्ते पर डालने वाली घटना भी एक मस्से से ही जुड़ी है।मेरे पिताजी उस समय देवरिया में पोस्टेड थे ,हम लोग जिन्होंने तत्कालीन प्रचलन के अनुसार अपनी शिक्षा सरकारी स्कूलों में पिताजी के ट्रांसफर के अनुसार जगह बदल बदल कर प्राप्त की तो मैंने वहां सरकारी बालिका विद्यालय कस्तूरबा GGIC से इंटर 2nd ईयर में एडमिशन लिया। वहीं से बाद में मेडिकल के लिए CPMT भी दिया जिसमें मुझे होम्योपैथी में एडमिशन मिला असंतुष्ट थी,दिमाग मे सपने थे सर्जन बनने के उम्र भी कुछ खास नही थी ।तो ये तय पाया कि अगले साल फिर इम्तिहान दिया जाएगा तब तक के लिए एडमिशन ले लेते हैं जो मिला है।इसी बीच मे मेरी दाहिनी पलक के ऊपर एक छोटा मास्सा निकल आया और धीरे धीरे बढ़ने लगा ।एक तो लड़की ऊपर से ससमने दिखता ये मस्सा सर्जरी का विकल्प भी इतना आसान नही समझ आ रहा था आखिर आंख का मामला था।उस समय राघव नगर जहां हमरहते थे एक होम्योपैथी के डॉ साहब रहते थे डॉ BNRay sahb ये हुआ कि उनसे दवा ले ली जाए फिर सोचेंगे।दवा ली गयी एक खुराक ले ली रोज वाली दवा खाई तो खाई या नही खाई ये भी याद नही।परन्तु एक दिन अचानक एक हफ्ते के अंदर ही जहां मास्सा था उधर दिमाग गया,फिर हाथ भी परन्तु वो तो था ही नही।हम सब को बेहद हैरानी हुई और संतोष भी और उसके बाद मैंने भी संतुष्ट मन से होम्योपैथी को ही अपना कार्यक्षेत्र बनाने का फैसला पूरे मन से लिया ।यही डॉ RAY गोरखपुर जिला अस्पताल में मेरी पोस्टिंग के दौरान मेरे जिला होम्यो अधिकारी भी रहे ।तब उनको मैंने इस घटना का जिक्र करते हुए धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
तो भाई होम्योपैथी है तो कुछ भी संभव है ये मेरा मानना है।

13/07/2024

नर्व इंजरी;जिन पार्ट्स में नर्व्स की बहुतायत हो जैसे नाखून ,स्पाइनल इंजरी।आजकल किसी आपरेशन के लिए स्पाइन में इंजेक्शन देते हैं सुन्न करने के लिए इनके आफ्टर इफेक्ट्स कई बार रह जाते हैं सीवियर बैक पेन जो ऑपरेशन के बाद से बना हुआ है।इसमें भी hypericum और ledumpal मेडिसिन्स बहुत अच्छा रिस्पॉन्स देती हैं।इंज्ररी किस तरह की है और किसे अफेक्ट कर रही है जैसे मसल,लिगमेंट बोन ,bruise, crushed क्लीन कट,सर्जिकल ,इन सबके आधार पर अलग दवाएं जिस तरह होम्योपैथी में दी जाती हैं इसकी मिसाल अन्य किसी जगह नही मिलती इसे पढ़ने और इनके रेस्पॉन्स को देखना अपने आप मे रोमांचक और अभिभूत कर देने वाला है।

13/07/2024

होमियोपैथी दवाओं के एक्शन स्लो या क्विक ?
आपबीती
दांत के दर्द में रुट कैनाल ट्रीटमेंट लेने के बाद पेनकिलर इंजेक्शन का असर मद्धिम होने लगा और घर पहुंचते पहुंचते असह्य हो गया ।घर मे पेन किलर दवाओं को न रखने की आदत होने के कारण दर्द के लिए कुछ भी ले पाना सम्भव नही था ।ऐसा लगा कि ट्रीटमेंट में कोई नर्व रुट खुली रह गयी है ,इस दर्द को वो समझ सकते हैं जिन्होंने इस दर्द को झेला है ।लगा कि फौरन ही वापस डेंटिस्ट के पास जाना पड़ेगा ।किस्मत से होम्योपैथिक दवा के डिब्बे में देखने पर hypericum 1M की दवा मिल गयी जो कि नर्व इंजरी के लिए इंडिकेटेड बेहतरीन दवा है।जिसे जबान पर रखते ही फ्रैक्शन ऑफ सेकण्ड्स में वो असहय दर्द ऐसा गायब हुआ मानो कभी था ही नही।
क्या अब भी आप कह सकते हैं कि होम्योपैथी धीरे काम करती है?

31/05/2024

डॉ चेतना त्रिपाठी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक होम्योपैथी ,लखनऊ मण्डल के पद से अभी सेवानिवृत्त हुई हूँ और गोमतीनगर लखनऊ में अभी अपनी क्लिनिक स्थापित कर रही हूँ ।पूर्व में मैने गोरखपुर ,बनारस लखनऊ जैसे महानगरों में जिला अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान की हैं।मेरे मातापिता मेरे साथ ही रहते हैं ।उनकी अनेक परेशानियों का उपचार होम्योपैथी के द्वारा ही करती चली आयी हूँ ।मेरा इतना लम्बा चिकित्सकीय अनुभव ये बताता है कि लक्षण के आधार पर ढ़ी जाने वाली ये छोटी मीठी गोलियां उन बड़े बड़े लक्षणों को यूं अंतर्ध्यान कर देती हैं जो आगे चल कर बड़ी बड़ी नामवर बीमारियों का रूप ले सकते हैं।
घर का ही एक छोटा सा उदाहरण बताती हूँ ।मेरे पिता जी जिनकी अवस्था आज 89 वर्ष है आज से तकरीबन 15 या 16 वर्ष पूर्व अचानक सोते सोते बिस्तर से गिर पड़ते थे और कई बार नींद में चलने लगते है और कहीं टकरा जाते थे।मेरी पोस्टिंग उस समय वाराणसी में थी।पिता जी उस वक्त गोरखपुर में रहते थे।कभी छुट्टी में वहां जाने पर इस बाबत उन्होंने चर्चा की।सारे लक्षण देख कर जो दवाई सेलेक्ट हुई मै अपने हाथ से उसकी दो डोज़ उन्हें दे कर आई ।जिससे ये समस्या हल हो गयी। वर्षों बाद एक बार फिर ऐसा महसूस होने पर उसी दवा की एक उच्च शक्ति देने पर फिर आज तक ये समस्या नही आई।अब इसे अगर मर्ज के नज़रिए से देखें तो geriatrics की एक पूरी ब्रांच वृद्ध जनो की समस्या की नज़र है।जिसमे एल्ज़ीमर्स ,पारकिनसन्स डिमेंशिया जैसे न जाने कितने रोगों में आपको ये लक्षण।मिल सकता है। रोडवेज में GM पदसे रिटायर एक अधिकारी जो मेरे पिता के साथ भी काम कर चुके थे (पिताजी रिटायर्ड RTO हैं)के पारकिनसन्स से कांपते हाथों में होम्योपैथिक इलाज से आती स्थिरता की मैं स्वयमसाक्षी हूँ जब तक मेरा ट्रांसफर नही हो गया ।मैंने जो महसूस किया है कि होम्योपैथी में भविष्य की अनन्त संभावनाएं छिपी हैं बशर्ते इसे उचित रिसर्च और संसाधन प्रदान किये जायें।

होम्योपैथिक जगत से किसी भी रूप में जुड़े समस्त चिकित्सक ,कर्मचारी,लाभान्वितों को महात्मा के जन्मदिवस पर बधाई
10/04/2024

होम्योपैथिक जगत से किसी भी रूप में जुड़े समस्त चिकित्सक ,कर्मचारी,लाभान्वितों को महात्मा के जन्मदिवस पर बधाई

आरोग्य2024 22 से 25 फ़रवरी 2024  Ayush for one health .Happy to be the part of it .
23/02/2024

आरोग्य2024 22 से 25 फ़रवरी 2024 Ayush for one health .Happy to be the part of it .

Calcarea jod
31/05/2023

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