21/02/2022
*सहजन ( Moringa) સરગવાની શીંગ તથા પાન*
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दुनीया का सबसे ताकतवर पोषण पुरक आहार है। सहजन से 300 से अधिक रोगो मे बहुत फायदेमंद इसकी जड़ से लेकर फुल, पत्ती, फली, तना, गोन्द हर चीज़ उपयोगी होती है सहजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
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इसमें दूध की तुलना में 4 गुना कैल्शियम और दुगना प्रोटीन पाया जाता है। प्राकृतिक गुणों से भरपूर सहजन इतने औषधीय गुणों से भरपूर है कि इसकी फली के अचार और चटनी कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक हैं। यह सिर्फ खाने वाले के लिए ही नहीं, बल्कि जिस जमीन पर यह लगाया जाता है, उसके लिए भी लाभप्रद है।
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सहजन पेड़ नहीं मानव के लिए कुदरत का चमत्कार। इनका सेवन कर कई बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है, इसका बॉटेनिकल नाम ‘मोरिगा ओलिफेरा‘ है हिंदी में इसे सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा नाम से भी जानते हैं, जो लोग इसके बारे में जानते हैं, वे इसका सेवन जरूर करते हैं।
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सहजन का फूल पेट और कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, साइटिका, गठिया आदि में उपयोगी है।
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इसकी छाल का सेवन साइटिका, गठिया, लीवर में लाभकारी होता है। सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात और कफ रोग खत्म हो जाते हैं।
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इसकी पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया, साइटिका, मधुमेह, पक्षाघात, वायु विकार में शीघ्र लाभ पहुंचता है। साइटिका के तीव्र वेग में इसकी जड़ का काढ़ा तीव्र गति से चमत्कारी प्रभाव दिखता है।
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मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं और मोच के स्थान पर लगाने से जल्दी ही लाभ मिलने लगता है।
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सहजन की फली की सब्जी खाने से पुराने गठिया, जोड़ों के दर्द , वायु संचय , वात रोगों में लाभ होता है।
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इसके ताजे पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है साथ ही इसकी सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है।
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सहजन के पौष्टिक गुणों की तुलना-
1. 100 ग्राम सहजन फली में – 5 गिलास दूध जितनी ताकतवर होता है।
2. विटामिन C – संतरे से सात गुना (1 ग्राम सहजन) होती है।
3. विटामिन A – गाजर से चार गुना (1 ग्राम सहजन) होती है।
4. कैलशियम – दूध से चार गुना (1 ग्राम सहजन) होता है।
5. पोटेशियम – केले से तीन गुना (1 ग्राम सहजन) होता है।
6. प्रोटीन – दही की तुलना में तीन गुना (1 ग्राम सहजन) होता है।
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सहजन के फूल, फल, छाल और पत्ती के गुण-
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इसकी जड़ की छाल का काढ़ा सेंधा नमक और हिंग डालकर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है।