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क्या आप होम्योपैथी की कम्बीनेशन दवाएं खा रहे हैं?होम्योपैथी का सिद्धान्त, बुनियादी रूप से मरीज के सभी महत्वपूर्ण लक्षणों...
20/04/2024

क्या आप होम्योपैथी की कम्बीनेशन दवाएं खा रहे हैं?

होम्योपैथी का सिद्धान्त, बुनियादी रूप से मरीज के सभी महत्वपूर्ण लक्षणों (Symptoms) को आधार बना कर ऐसी दवा देने का है, जो उन सभी लक्षणों को समाहित करता हो. यानी ऐसी दवा दी जाए जिसमें मरीज के सभी लक्षण हों. ( मरीज व रोग के लक्षण दो अलग बातें हैं)

जब आप होम्योपैथिक चिकित्सक के पास जाते हैं, तो वह आपसे बहुत से प्रश्न करता है क्योंकि एक रोगी के रुप में आपके लक्षणों के बारे में उसे विस्तृत जानकारी चाहिये. होम्योपैथिक चिकित्सा के तरीके में "रोगी" को केंद्र में रखा जाता है, "रोग" को नहीं. रोगी को रोग से अधिक महत्व दिया जाना ही होम्योपैथी को अन्य चिकित्सा पद्धतियों से अलग बनाता है.

होम्योपैथी के इसी मूल सिद्धांत के आधार पर होम्योपैथी दवाएँ देने के तरीके को "क्लासिकल होम्योपैथी" कहा जाता है.

लेकिन अभी हाल के वर्षों में कुछ बदलाव बड़ी तेजी से हुए हैं. होम्योपैथिक दवा कम्पनियाँ, "रोग" को केंद्र में रखकर होम्योपैथी की दवाओं के विभिन्न कम्बीनेशन बना रही हैं. इन कम्बीनेशन्स में 5 से 10 या अधिक दवाएँ भी हो सकती हैं.

यदि आप होम्योपैथिक कम्बीनेशन इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह जान लें कि आप होम्योपैथी की दवाएँ तो ले रहे हैं लेकिन आप इन दवाओं को होम्योपैथी के नियमों व सिध्दांतों के अनुसार नहीं ले रहे हैं.

होम्योपैथी में कम्बीनेशन्स पिछले 30 वर्ष से भी पहले से शुरू हो चुके हैं, लेकिन कुछ समय से होम्योपैथिक कम्पनियाँ इन कम्बीनेशनस की मार्केटिंग पर जोर-शोर से ध्यान दे रही हैं. बेशक, इससे दवा कम्पनियों के मुनाफ़े बढ़ रहे हैं, लेकिन होम्योपैथी प्रैक्टिस के स्तर में गिरावट आ रही है.

इसके, दो तरफ़ा नुकसान हैं.

1. अक़्सर, इन कम्बीनेशन्स में 5 से 10 दवाएं हैं, लेकिन देखने में यह आता है कि किसी भी रोगी में उन दवाओं में से, अधिक से अधिक एक या दो दवाओं की ही जरूरत होती है, लेकिन रोगी अन्य सभी दवाओं को निरर्थक ही इस्तेमाल कर रहा है.

यदि आप ये मानते हैं कि होम्योपैथिक दवाओं के साईड- इफ़ेक्ट नहीं होते, तो यक़ीन मानिये आप तथ्यों की कम जानकारी रखते हैं, ये कम्बीनेशन्स निश्चित ही साईड-इफ़ेक्ट कर सकते हैं.

2. यदि आपका होम्योपैथिक चिकित्सक, अधिकतर मरीज़ों को या आपको भी, बार-बार कम्बीनेशन्स ही दे रहा है तो या तो वह आपके केस में मेहनत से बच रहा है या फिर उसकी दक्षता में कमी है. ऐसी स्थिति में आप अपने होम्योपैथ से आग्रह करें कि वह होम्योपैथी के बुनियादी तरीकों से ही दवा दे. आप ये जान लें, कि कम्बीनेशन्स कुछ लाभ तो आपको पहुँचा सकते हैं, लेकिन पूर्णतया ठीक कभी नहीं करेंगे, जबकि आप व अन्य लोग भी होम्योपैथी में पूरी तरह से ठीक होने के लिए ही आते हैं.

होम्योपैथी में कम्बीनेशन दवाओं का प्रचलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन ये कम्बीनेशन्स रोग के लक्षणों को कुछ समय के लिए राहत देने से ज़्यादा कुछ नहीं करते. साथ ही कम्बीनेशन्स में ज्यादा दवाओं की वजह से साईड-इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं.

होम्योपैथिक चिकित्सा से बेहतरीन लाभ पाने के लिए आपका जागरूक होना बेहद जरूरी है.

डॉ रविंद्र सिंह मान

10/04/2024
22/10/2023

ब्लड प्रेशर का संबंध दो महत्वपूर्ण आदतों से है।

आप जब भी कुछ खाते हैं हो सकता है आपको नमक तेज न महसूस हो, लेकिन 24 घंटे में नमक की मात्रा 5 ग्राम से ज्यादा होने पर ब्लैड प्रेशर बढ़ सकता है। यह नमक की मात्रा पर निर्भर करता है, स्वाद में तेज लगने पर नहीं।

ठीक ऐसे ही, मौसम के बदलाव के साथ हो सकता है आप अभी ठंड महसूस न कर रहे हों, लेकिन आपके ठंड महसूस न करने पर भी आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

झाईंया ठीक हो सकती हैंChloasma/Melasma (झाईंया)  तुलनात्मक रूप से महिलाओं में अधिक मिलता है। प्रेगनेंसी के दौरान हार्मों...
10/06/2023

झाईंया ठीक हो सकती हैं

Chloasma/Melasma (झाईंया) तुलनात्मक रूप से महिलाओं में अधिक मिलता है। प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोंस के बदलाव से चेहरे की स्किन पर पिगमेंट अधिक बनने लगता है।
एक बार झाईंया बनना शुरू होने पर धूप इन्हें बढ़ाने लगती है।

होम्योपैथिक दवाओं से इन्हें पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इनके ईलाज में 6 महीने से अधिक समय लगता है। लंबे समय तक होम्योपैथिक दवाओं के उपयोग से कोई साईड इफेक्ट नहीं होता है।

डा वन्दना पाटनी
शिखर होम्योपैथिक क्लीनिक
हल्द्वानी

मो 098972 71337

27/05/2023

In his book, Keynotes Of The Leading Remedies, H. C. Allen quote-

" It is rarely advisable to begin the treatment of a chronic disease with Lycopodium unless clearly indicated; it is better to give first another antipsoric."

First half of this statement is true but misleading. It is indeed, rarely advisable to begin treatment of a chronic disease with any remedy unless it is clearly indicated.

Lycopodium is no exception.

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