Arogyadev Vedic Science Foundation

Arogyadev Vedic Science Foundation Our mission to create global awereness about the benefits of AGNIHOTRA (YAGYA/HAVAN) and YOGA.

यज्ञ – एक विज्ञान लेखक : योगाचार्य राजीव कुमारभारतीय संस्कृति में यज्ञ का स्थान अत्यंत ऊँचा और वैज्ञानिक दृष्टि से गूढ़ ...
08/10/2025

यज्ञ – एक विज्ञान
लेखक : योगाचार्य राजीव कुमार
भारतीय संस्कृति में यज्ञ का स्थान अत्यंत ऊँचा और वैज्ञानिक दृष्टि से गूढ़ है। यज्ञ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है — जो पर्यावरण, शरीर, मन और समाज - चारों स्तरों पर शुद्धि और संतुलन स्थापित करती है।

यज्ञ का वास्तविक अर्थ:-

संस्कृत शब्द “यज्ञ” का अर्थ है - सामूहिक कल्याण हेतु किए गए श्रेष्ठ कर्म। ‘यज्’ धातु से उत्पन्न यह शब्द देवपूजन, संगतिकरण और दान— इन तीन भावनाओं का संगम है। अतः यज्ञ केवल अग्नि में आहुति देना नहीं, बल्कि सद्भाव, समर्पण और विज्ञान का संगठित प्रयोग है।

यज्ञ का वैज्ञानिक पक्ष:-

1. वातावरण शुद्धि:-
जब घी, हवन सामग्री, जड़ी-बूटियाँ और औषधियाँ अग्नि में आहुति के रूप में डाली जाती हैं, तब दहन प्रक्रिया में सुगंधित एवं औषधीय वाष्प बनते हैं जो वायु में फैलकर वातावरण को जीवाणु-मुक्त करते हैं। वैज्ञानिक परीक्षणों से यह सिद्ध हुआ है कि यज्ञ से वायु में उपस्थित बैक्टीरिया, वायरस और हानिकारक गैसों की मात्रा कम होती है।

2. ऊर्जा परिवर्तन:-
यज्ञ एक ऊर्जा-परिवर्तन तंत्र है। पदार्थ जब अग्नि के संपर्क में आता है तो वह ऊष्मा, प्रकाश और वाष्पीय ऊर्जा के रूप में परिवर्तित होकर वातावरण में प्रसारित होता है। यह ऊर्जा हमारे प्राण-तत्व को जाग्रत करती है।

3. ध्वनि तरंगों का प्रभाव:-
मंत्रोच्चारण के समय निकलने वाली ध्वनि तरंगें विशेष कंपन उत्पन्न करती हैं। यह कंपन हमारे मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को शुद्ध करते हैं। आधुनिक विज्ञान में इसे सोनिक थेरेपी के समान माना जा सकता है।

4. मानसिक संतुलन और ध्यान:-
यज्ञ में बैठने वाला व्यक्ति जब ध्यानपूर्वक मंत्रोच्चारण और आहुति करता है, तब उसकी चिंता, क्रोध और तनाव का नाश होता है। उसका मन शांत, एकाग्र और सकारात्मक बनता है। यह प्रक्रिया एक प्रकार की मेडिटेशन प्रैक्टिस है।

5. पर्यावरणीय योगदान:-
आज जब प्रदूषण और मानसिक अशांति का युग है, यज्ञ एक इको-फ्रेंडली समाधान के रूप में हमारे सामने है। यज्ञ से उत्पन्न धुआँ कार्बन डाइऑक्साइड को स्थायी रूप में बाँधने में मदद करता है और पौधों की वृद्धि में सहायक होता है।

निष्कर्ष:-

यज्ञ केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि विज्ञान, दर्शन और जीवनशैली का अद्भुत संगम है। यह हमें सिखाता है कि आहुति केवल अग्नि में नहीं, बल्कि अपने अहंकार, नकारात्मकता और स्वार्थ में भी देनी चाहिए।
यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में नित्य एक छोटा-सा यज्ञ करे - चाहे वह अग्निहोत्र के रूप में हो या अच्छे कर्म के रूप में - तो निश्चित ही पर्यावरण शुद्ध, समाज स्वस्थ और जीवन समृद्ध बनेगा।

🕉️ “यज्ञो वै श्रेष्ठतमं कर्म” - वेदों का यह वाक्य हमें याद दिलाता है कि यज्ञ केवल आग नहीं, बल्कि आत्मा की अग्नि से जीवन को प्रकाशित करने का विज्ञान है।

✍️ योगाचार्य राजीव कुमार
योग एवं वैदिक जीवनशैली विशेषज्ञ
www.arogyadev.com

🌧️ बरसात के मौसम में यज्ञ क्यों करें? 🔥बरसात का मौसम प्रकृति की अनुपम खूबसूरती का समय होता है। हर ओर हरियाली, मधुर बूँदो...
11/09/2025

🌧️ बरसात के मौसम में यज्ञ क्यों करें? 🔥

बरसात का मौसम प्रकृति की अनुपम खूबसूरती का समय होता है। हर ओर हरियाली, मधुर बूँदों की बूछ और मन को शांति देने वाली ठंडी हवाएं मिलती हैं। लेकिन यही समय यज्ञ करने के लिए भी बहुत श्रेष्ठ माना गया है।
आध्यात्मिक ग्रंथों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बरसात में यज्ञ करने के कई लाभ बताए गए हैं।

🌿 1. प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना

यज्ञ के दौरान आग के माध्यम से मंत्रोच्चारण और हवन सामग्री का उपयोग वातावरण को शुद्ध करता है। बरसात में जब वायुमंडल पहले से ही नम और भारी होता है, तो यज्ञ के द्वारा वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे पूरे वातावरण में संतुलन बना रहता है।

🌱 2. मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ

बरसात की फुहारें मन को सुकून देती हैं, लेकिन कभी-कभी अधिक नमी और परिवेश की गहराई से चिंता, अवसाद या थकान भी बढ़ जाती है। यज्ञ करने से मन को एकाग्रता मिलती है, मानसिक तनाव दूर होता है और एक गहरी मानसिक शांति का अनुभव होता है। यह वैज्ञानिक रूप से भी साबित हुआ है कि हवन के दौरान उत्सर्जित धुएं में एंटीबैक्टीरियल और एन्टीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो सेहत के लिए लाभकारी हैं।

🔔 3. प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा

पुराणों के अनुसार यज्ञ करना प्राकृतिक आपदाओं जैसे अत्यधिक वर्षा, बाढ़, और बिजली गिरने जैसी घटनाओं से सुरक्षा का उपाय भी माना गया है। इससे वातावरण में सकारात्मक वाइब्स का संचार होता है, जो प्रकृति की अनियमितताओं को संतुलित करने में मदद करता है।

🌸 4. आध्यात्मिक वृद्धि का साधन

बरसात का समय ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए अनुकूल माना जाता है। यज्ञ के माध्यम से हम ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं और आत्मा की शुद्धि करते हैं।

🌧️ निष्कर्ष:
बरसात में यज्ञ न केवल एक आध्यात्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह हमारी सेहत, मानसिक संतुलन और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने का एक वैज्ञानिक तरीका भी है। इसलिए, इस पावन मौसम में यज्ञ करने की परंपरा को आगे बढ़ाएं और अपने जीवन में शांति व समृद्धि लाएं।

योगाचार्य राजीव कुमार
www.arogyadev.com

बरसात के मौसम में आरोग्यदेव यज्ञ / Homa Therapy के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक लाभबरसात का मौसम प्रकृति की अनमोल देन है, जो...
10/09/2025

बरसात के मौसम में आरोग्यदेव यज्ञ / Homa Therapy के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक लाभ

बरसात का मौसम प्रकृति की अनमोल देन है, जो हरियाली, ठंडी बयार और जीवनदायिनी वर्षा से हमारे वातावरण को समृद्ध बनाता है। परंतु, इसी मौसम में वायु में नमी अधिक होती है, जिससे वातावरण में सूक्ष्म जीवाणु, वायरस, फफूंदी, एलर्जी आदि के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे समय में आरोग्यदेव यज्ञ (Homa Therapy) का आयोजन एक प्रभावी उपाय के रूप में सामने आता है, जो न केवल हमारे स्वास्थ्य को संवारता है, बल्कि मानसिक व आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होता है।

🌿 आध्यात्मिक लाभ
आरोग्यदेव यज्ञ एक पवित्र कर्म है, जिसमें मंत्रों के उच्चारण, अग्नि का पूजन और औषधीय हवन सामग्रियों का समर्पण शामिल होता है। इस पवित्र कर्म के माध्यम से मनुष्य अपने आंतरिक ऊर्जा स्रोत से जुड़ता है। यज्ञ करने से मन को गहरी शांति मिलती है और ध्यान की अवस्था में पहुँचने में सहायता मिलती है। नियमित यज्ञ कर्म से व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है, उसके विचार सकारात्मक बनते हैं और उसकी आध्यात्मिक चेतना विकसित होती है।
साथ ही, यज्ञ सामूहिक रूप से करने से समाज में एकता, सहयोग और सामूहिक चेतना का विकास होता है। यह सामाजिक समरसता बढ़ाने का भी एक सशक्त माध्यम बनता है।
मंत्रोच्चारण की ध्वनि तरंगें मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं, जिससे व्यक्ति में ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढ़ती है और मानसिक स्पष्टता आती है।

🔬 वैज्ञानिक लाभ
विज्ञान भी आरोग्यदेव यज्ञ के प्रभाव को मान्यता देता है। यज्ञ के दौरान जलने वाली हवन सामग्री जैसे घी, गुड़, हल्दी, जड़ी-बूटियां आदि से निकलने वाला धुआँ अनेक रोगाणुओं का नाश करता है। वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि हवन से निकलने वाले नेगेटिव आयन वायु को शुद्ध करते हैं, जिससे वातावरण स्वच्छ बनता है। यह नेगेटिव आयन मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं।

बरसात के मौसम में, जब वातावरण अधिक नमीयुक्त होता है, तब बैक्टीरिया, वायरस और फफूंदी का प्रसार बढ़ जाता है। यज्ञ से निकलने वाला शुद्ध धुआँ इन हानिकारक सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर, वातावरण को रोगमुक्त बनाता है।
इसके अलावा, यज्ञ के दौरान मंत्रोच्चारण और विधिपूर्वक अग्नि कर्म मनुष्य के मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे तनाव घटता है, मानसिक ऊर्जा बढ़ती है, और नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। यज्ञ के माध्यम से शारीरिक रोगों से मुक्ति पाने की संभावना भी बढ़ जाती है।

🌧️ बरसात के विशेष लाभ
बरसात के मौसम में वातावरण विशेष रूप से संवेदनशील हो जाता है। इस मौसम में वातावरण में नमी बढ़ने के कारण संक्रमण का खतरा अधिक होता है। ऐसे समय में आरोग्यदेव यज्ञ का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है।
वातावरण में व्याप्त रोगजनक सूक्ष्मजीव नष्ट होते हैं।
वायुमंडल शुद्ध होकर स्वास्थ्यवर्धक बनता है।
मानस शांत होता है और ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है।
प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।

🌟 निष्कर्ष
आरोग्यदेव यज्ञ या Homa Therapy न केवल एक पवित्र आध्यात्मिक कर्म है, बल्कि यह वैज्ञानिक रूप से भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। बरसात के मौसम में इसका आयोजन विशेष रूप से उपयोगी रहता है, क्योंकि यह स्वास्थ्य की रक्षा के साथ-साथ मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और सामूहिक चेतना के विकास का माध्यम बनता है।
हम सभी को चाहिए कि इस पवित्र यज्ञ को नियमित रूप से अपनाएं, ताकि हम स्वस्थ, संतुलित और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर जीवन जी सकें।

आओ यज्ञ करना सीखे -आध्यात्म ओर विज्ञान का बेजोड़ संगम -अग्निहोत्र /यज्ञ          #आरोग्यदेव
30/08/2025

आओ यज्ञ करना सीखे -
आध्यात्म ओर विज्ञान का बेजोड़ संगम -अग्निहोत्र /यज्ञ

#आरोग्यदेव

Invitation to Learn Agnihotra/Yajna Science with ArogyadevDear Seeker of Health and Harmony,We warmly invite you to a tr...
04/08/2025

Invitation to Learn Agnihotra/Yajna Science with Arogyadev

Dear Seeker of Health and Harmony,

We warmly invite you to a transformative journey into the ancient wisdom of Agnihotra/Yajna Science, guided by Arogyadev.

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Yogacharya Rajeev Kumar
Team -Arogyadev

आरोग्यदेव मिशन (Arogyadev Agnihotra Mission) एक स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ा पहल है, जो अग्निहोत्र (Agnihotra वा Homa ...
29/07/2025

आरोग्यदेव मिशन (Arogyadev Agnihotra Mission) एक स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ा पहल है, जो अग्निहोत्र (Agnihotra वा Homa Therapy)के माध्यम से व्यक्तिगत और सामूहिक कल्याण को बढ़ावा देता है। जो शिष्यों को इस वैदिक विज्ञान के माध्यम से जीवन, पर्यावरण और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करता है

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🌿 अग्निहोत्र / यज्ञ क्या है?

प्राचीन वैदिक आग्रिमीय यज्ञ (Vedic fire ritual) जिसे सुबह और शाम सूर्य के उदय‑अस्त समय पर किया जाता है। इसमें तांबे की पिरामिड आकृति की पात्र में गाय के गोबर से बने चटानों, घी और अक्षत (चावल) / आयुर्वेदिक जड़ी बुटियाँ देकर वैदिक मंत्रों के साथ अग्नि की आहुति दी जाती है इसे Homa Therapy भी कहा जाता है यह वातावरण में शुद्धि, रोगाणु नियंत्रण और मानसिक शांति का कारण बनता है

🧘आरोग्यदेव मिशन की विशेषताएँ

योग और ध्यान सेवाएँ--
नैचुरोपैथी, नेयूरोथेरेपी, एक्यूप्रेशर, योग चिकित्सा, प्राकृतिक आहार, गाईशाला, और Agnihotra / होमा थेरेपी के प्रशिक्षण एवं कार्यशालाएँ प्रदान करता है
मिशन की फोकस वाले क्षेत्रों में कॉर्पोरेट योग एवं ट्रेनिंग, स्वास्थ्य सुधार, मानसिक शांति और समाज में सामंजस्य लाना शामिल है।

अग्निहोत्र के लाभ

पर्यावरणीय शुद्धि- माना जाता है कि अग्निहोत्र से 12 किमी तक वातावरण शुद्ध होता है, जल‑मिट्टी की गुणवत्ता सुधारती है और कीटाणुओं की कमी होती है|

स्वास्थ्य और मानसिक लाभ-
तनाव कम होता है, नींद में सुधार होता है, इम्यूनिटी बढ़ती है, मानसिक एकाग्रता और ऊर्जा में वृद्धि होती है

चमत्कारी अग्निहोत्र भस्म राख में पाए जाने वाले कई रासायनिक तत्वों (लगभग 92 तत्व) कृषि एवं घरेलू उपयोग में लाभदायी माने जाते हैं। इसे खेती में बीज उपचार और मिट्टी उर्वरक के तौर पर भी उपयोग किया जाता है

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यज्ञ के बाद जो राख (भस्म) बचती है, उसे एक साफ कंटेनर में रख लेते हैं; यह कृषि या औषधि निर्माण में उपयोगी होती है।

आरोग्यदेव-

आरोग्यदेव अग्निहोत्र मिशन एक समग्र स्वास्थ्य एवं पर्यावरण मिशन है जो वैदिक यज्ञ पर आधारित है — इसे व्यक्ति और प्रकृति के बीच तालमेल बनाने वाला माध्यम माना जाता है। इसके समर्थकों के अनुसार यह स्वास्थ्य, मानसिक शांति, कृषि एवं पर्यावरणीय संतुलन में मददगार है।
Arogyadev Vedic Science Foundation (Trust) Reg.

यज्ञ: श्रेष्ठ कर्म, श्रेष्ठ जीवन की ओर एक कदम।आरोग्यदेव वैदिक साइंस फाउंडेशन (ट्रस्ट ) - वैदिक ज्ञान और आरोग्य का संगम। ...
28/07/2025

यज्ञ: श्रेष्ठ कर्म, श्रेष्ठ जीवन की ओर एक कदम।

आरोग्यदेव वैदिक साइंस फाउंडेशन (ट्रस्ट ) - वैदिक ज्ञान और आरोग्य का संगम।

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