Arun Maurya 1986

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Arun Maurya 1986 Total Enjoy

15/10/2024

*जिनको घुटने मोड़कर सोना आ गया उनके लिए जीवन में कोई भी चादर छोटी नहीं पड़ती*
*शिक्षा कहीं से भी प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन संस्कार सदा परिवार से ही मिलते है, इसलिए कहा जाता है, कि हमारे संस्कार बताते हैं, कि हम किस परिवार से हैं,।*
*मनुष्य को हमेशा यह नही सोचना चाहिए की वो अपने जीवन में कितना खुश है,*
*बल्कि यह सोचना चाहिये की उस मनुष्य की वजह से दूसरे कितने खुश है*
*जितना आसान किसी की तरफ उंगली उठाना हैं, उतना ही…* *मुश्किल हैं, किसी को उठाने के लिए उसकी उंगली पकड़ना।**।। श्रीकृष्ण ।।* *श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे,* *हे नाथ नारायण वासुदेवाय!!!* *Զเधे_Զเधे Զเधे_Զเधे* 🌹 *जय श्री कृष्ण*🌹🙏🙏

12/10/2024
28/09/2024

क्या आप को भी पता है?
एक बार लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू उनसे रूठ गया तो लक्ष्मी जी ने पूछा क्या हुआ.
इतने में उल्लू बोला अरे आप की सब पूजा करते हैं मगर मुझे कोई नही पूजता तो फिर मुस्कुरा कर लक्ष्मी जी बोली आज से हर साल मेरी पूजा से ठीक 11 दिन पहले तुम्हारी भी पूजा होगी उस दिन उल्लू भी पूजे जाएंगे और तब से लेकर आज तक दिवाली से ठीक 11 दिन पहले उन्ही को पूजा जाने लगा ।
जय हो🙏

ओ कोन सा त्योहार है जरूर बताएं

08/09/2024

साभार.....
ुराना_था

तन ढँकने को कपड़े न थे,
फिर भी लोग तन ढँकने का
प्रयास करते थे ...!
आज कपड़ों के भंडार हैं,
फिर भी तन दिखाने का
प्रयास करते हैं
समाज सभ्य जो हो गया हैं ।

समय पुराना था,
आवागमन के साधन कम थे।
फिर भी लोग परिजनों से
मिला करते थे ...!
आज आवागमन के
साधनों की भरमार है।
फिर भी लोग न मिलने के
बहाने बनाते हैं ।
समाज सभ्य जो हो गया हैं ।

समय पुराना था,
घर की बेटी,
पूरे गाँव की बेटी होती थी।
आज की बेटी पड़ोसी से ही
असुरक्षित हैं ...!
समाज सभ्य जो हो गया हैं !

समय पुराना था,
लोग नगर-मोहल्ले के बुजुर्गों
का हालचाल पूछते थे ...!
आज माँ-बाप तक को
वृद्धाश्रम में डाल देते हैं ।
समाज सभ्य जो हो गया हैं ।

समय पुराना था,
खिलौनों की कमी थी ।
फिर भी मोहल्ले भर के बच्चों
के साथ खेला करते थे ...!
आज खिलौनों की भरमार है,
पर बच्चे मोबाइल की जकड़
में बंद हैं ...!!
समाज सभ्य जो हो गया हैं ।

समय पुराना था,
गली-मोहल्ले के पशुओं
तक को रोटी दी जाती थी ...!
आज पड़ोसी के बच्चे भी
भूखे सो जाते हैं ...!!
समाज सभ्य जो हो गया हैं ।

समय पुराना था,
पड़ोसी के घर मे आए
रिश्तेदार का भी पूरा
परिचय पूछ लेते थे ...!
आज तो पड़ोसी का नाम
तक नहीं जानते ...!!
समाज सभ्य जो हो गया हैं ।
वाह रे आधुनिक एवं
सभ्य समाज
नोट:

05/08/2024

_*।। शुभ श्रावण मास ।।*_
भूतभावन महादेव

प्रेम की वास्तविक परिभाषा हमें भगवान शिव से सीखनी चाहिए।दुनिया वाले भी प्रेम करते हैं पर केवल उस वस्तु को जो उनके उपयोग की हो। अनुपयोगी अथवा बिना कारण किसी से यदि कोई प्रेम करता है तो वो भगवान शिव ही हैं इसलिए वो भूतभावन भी कहलाते हैं। भूत-प्रेतों से प्रेम करना अर्थात समाज में उन लोगों से भी प्रेम करना जो समाज द्वारा तिरस्कृत हों, समाज की नजरों में उपेक्षित हों।

भोलेनाथ जी का अपनत्व उनके लिए भी है, जो समाज की दृष्टि में अनुपयोगी बन चुके हों। भूत-भावन भगवान शिव से हमें यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि समाज का चाहे कोई भी वर्ग अथवा चाहे कोई भी व्यक्ति क्यों न हो यदि आप उन्हें ज्यादा कुछ न दे सको तो कोई बात नहीं, कम से कम थोड़ा सा अपनत्व अवश्य दे दिया करो। प्राणीमात्र के प्रति प्रेम, सम्मान अथवा अपनत्व की भावना ही शिवत्व की अवधारणा है।

*आज का दिन शुभ मंगलमय हो।*

🙏🙏💐🙏🙏

28/07/2024

*🚩🌷 हरे कृष्णा....... 🌷🚩*

*नेकियाँ करते रहिए, क्योंकि*
*ये जीवन की सुरक्षा निधि है,*
*जीवन में जब भी कभी तूफान आएगा,*
*तो यही नेकियाँ, कश्ती का काम करेंगी।*



🌸🌸राम राम जी🌹

🪷🪷 राधे राधे 🪷🪷

26/07/2024

हमे लगता है और आप को पता भी है की आप भी यही चाहते है ।

वेटिंग टिकट का कंफरमेशन 4 घंटे पहले पता चलता है और अगर कन्फर्म नही हुआ तो यात्री कहीं का नहीं रहा कम से कम तीन दिन पहले पता चलना चाहिए जिस से यात्री अपना दूसरा इंतजाम कर सके ????

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24/07/2024

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