02/01/2025
𝐋4-5 𝐃𝐢𝐬𝐜 𝐩𝐫𝐨𝐥𝐚𝐩𝐬𝐞 𝐭𝐫𝐞𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐯𝐢𝐚 𝐌𝐈𝐒 𝐚𝐩𝐩𝐫𝐨𝐚𝐜𝐡 (𝐬𝐭𝐢𝐭𝐜𝐡𝐥𝐞𝐬𝐬) 𝐭𝐡𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡 1𝐜𝐦 𝐢𝐧𝐜𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧.
1cm के चीरे द्वारा दूरबीन पद्धति से बिना टांके के L4-5 डिस्क प्रोलैप्स/ सियाटिका का सफल इलाज़
यह 28 वर्षीय मरीज पिछले 1 वर्ष से कमर व पैर में हो रहे तीव्र दर्द (सियाटिका ) से परेशान थी। समय के साथ वो दर्द बढ़ता ही जा रहा था और उसकी रीढ़ की हड्डी भी टेढ़ी होती जा रही थी एवं वह सिर्फ झुक कर ही चल पा रही थी। MRI की जांच करवाने पर L4-L5 डिस्क प्रोल्पेस होने का पता चला जिसकी वजह से पैर की नस दब रही थी। लंबे समय तक दवाईय़ां एवं फिजियोथेरेपी लेने के बाद भी उसको लाभ प्राप्त नहीं हुआ I बाईं तरफ़ उसके आपरेशन के पहले का विडियो है I
30 दिन पूर्व उसका दूरबीन द्वारा बिरला हॉस्पिटल/ BIMR Hospital Gwalior में 1 cm के चीरे से आपरेशन किया I ऑपरेशन के तुरंत बाद ही उसके दर्द में तुरंत लाभ मिल गया। उसकी चाल एवम रीढ़ की हड्डी के टेढ़ेपन में भी अब काफी सुधार है जैसा कि आप दाईं तरफ के वीडिओ में देख पा रहे हैं।
This 25 year old gentleman was suffering from severe back pain radiating towards left lower limb for past one year. Gradually he started developing scoliosis because of the pain. There was no relief despite continuous medical treatment and physiotherapy at multiple centre. On MRI she was found to have L4-5 Extruded disc which was causing severe compression of the exiting nerve root. We operated him at BIMR hospital Gwalior, her pain was relieved immediately after the surgery, she was ambulated on the same day and was discharged on the next day.
आवश्यक बिंदु (salient points)
1- अगर एक माह से अधिक दवाई खाने के पश्चात भी दवाई बंद करने पर दर्द हो रहा है तो ऑपरेशन करवाना बेहतर विकल्प है।
2- मिनिमाली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी में आपको कम से कम हॉस्पिटल में रहने की आवश्यकता होती है व आप चलना फिरना भी उसी दिन से प्रारंभ कर सकते हैं।
3- पैरों में कमजोरी आना, सुन्नपन या झनझनाहट आना नस के सूखने की निशानी होती है व ऐसा होने पर अगर नस में दबाव है तो फिर तुरंत ऑपरेशन करवाना आवश्यक है।
4- लंबे समय तक दर्द निवारक गोली का सेवन पेट, किडनी, लीवर एवम हड्डियों के लिए बेहद खतरनाक है।
5- कमजोरी आने के काफी समय बाद ऑपरेशन करवाने से कमजोरी में सुधार आने की संभावना समय के साथ काम होती जाती है।
6- ऑपरेशन के पश्चात अगर हम अपनी जीवन शैली ( अत्यधिक वजन, कसरत न करना) को नहीं सुधारते व बताई हुई सावधानी नहीं बरतते तो फिर दोबारा उसी जगह या अन्य स्थान पर समस्या होने की संभावना बनी रहती है।