12/11/2025
#गुरु_बृहस्पति_वक्री #
बृहस्पति ग्रह को नवग्रहों में सबसे बड़ा और सबसे शुभ माना गया है, इन्हें गुरु ग्रह भी कहा जाता है। यह देवताओं के गुरु कहे जाते हैं। ज्योतिष में गुरु ज्ञान, बुद्धि, धर्म, अध्यात्म, शिक्षा, नैतिकता, भाग्य, संतान, और समृद्धि का कारक ग्रह है। 11 नवंबर 2025 की शाम 6:31 बजे गुरु ग्रह कर्क राशि में वक्री हो रहे हैं। इससे पहले गुरु अतिचारी होकर कर्क राशि में प्रवेश कर चुके थे। अब वे 5 दिसंबर तक इसी राशि में उल्टी चाल चलेंगे। 11 नवंबर से गुरु ग्रह कर्क राशि में वक्री होने जा रहा है जो 11 मार्च 2026 में जाकर मार्गी होंगे।
ज्योतिष शास्त्र में गुरु (बृहस्पति) का वक्री होना अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। यह स्थिति अक्सर आत्मचिंतन, जीवन सुधार और नई शुरुआत का संकेत देती है। गुरु धनु और मीन राशियों के स्वामी हैं और जब ये वक्री होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में सोच, कर्म और भाग्य से जुड़ी नई ऊर्जा लेकर आते हैं।
शैलेश दुबे
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