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Tapovardhan Prakritik Chikitsa Kendra Nature Cure for all chronic ailments is done here, our approach is holistic with scientific angle. Treatment of Kidney disease is our speciality.

18 दिसंबर 1954 को ही तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना हुई थी।आज इस स्थापना के 70 साल पूरे हुए। इन 70 सालों ...
18/12/2024

18 दिसंबर 1954 को ही तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना हुई थी।

आज इस स्थापना के 70 साल पूरे हुए।

इन 70 सालों में केन्द्र ने उतारों और चढ़ावों से भरी हुई एक लंबी यात्रा की है।

आज सभी कर्मचारी और सदस्यों ने मिलकर तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का 70 वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास से मनाया। इस अवसर पर केंद्र के सभी कर्मचारीगण और पदाधिकारी सभी ने संस्थापक - स्व० सदानन्द सिंह, उद्घाटनकर्ता - लोकनायक जयप्रकाश नारायण, तपोवर्धन जी (जिनके नाम पर इस केन्द्र का नामांकरण किया गया है),
केन्द्र की प्रथम महासचिव सुधावती अग्रवाल और पूर्व सचिव विनोद बाला सिंह सभी दिवंगत आत्माओं की तस्वीर पर पुष्पांजलि श्रद्धांजलि और केंद्र की भावी तस्वीर पर चर्चा की गई।

इस अवसर पर महासचिव सत्यजित सहाय, निदेशक जेता सिंह, लेखा विभाग से राजीव कुमार वर्मा, रवि कुमार, बबीता देवी, शालिनी केसरी, निरंजन कुमार, लवली रानी, शिवानी कुमारी, अभियंता दीपक कुमार, अभियंता धर्मेंद्र जाटव एवं सभी कर्मचारी गण उपस्थित थे।

11/10/2024

श्री रतन टाटा के जीवन की सबसे बड़ी खुशी

"मैं आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं, तो मैं आपको पहचान सकूं और एक बार फिर आपका धन्यवाद कर सकूं।"

यह वाक्य रतन टाटा के जीवन का वह क्षण था, जिसने उन्हें सच्चे सुख का अर्थ समझाया। जब एक टेलीफोन साक्षात्कार में भारतीय अरबपति श्री रतन टाटा से रेडियो प्रस्तोता ने पूछा, "सर, आपको जीवन में सबसे अधिक खुशी कब मिली?" तब उन्होंने एक मार्मिक जवाब दिया।

जीवन के चार चरणों में खुशी की तलाश
रतन टाटा ने कहा, "मैंने जीवन में चार चरणों से गुजरा और अंततः मुझे सच्चे सुख का अर्थ समझ में आया।"
पहला चरण धन और साधन संचय करने का था। इस दौरान, मुझे वह खुशी नहीं मिली, जिसकी मुझे उम्मीद थी।
फिर दूसरा चरण आया, जब मैंने कीमती सामान और वस्त्रों को इकट्ठा करना शुरू किया। लेकिन मुझे जल्द ही यह एहसास हुआ कि इस सुख का प्रभाव भी अस्थायी है, क्योंकि इन वस्तुओं की चमक ज्यादा देर तक नहीं रहती।

तीसरा चरण तब आया जब मैंने बड़े-बड़े प्रोजेक्ट हासिल किए। उस समय मेरे पास भारत और अफ्रीका में डीजल की आपूर्ति का 95% हिस्सा था, और मैं भारत और एशिया में सबसे बड़े इस्पात कारखाने का मालिक था। फिर भी, मुझे वह खुशी नहीं मिली, जिसकी मैंने कल्पना की थी।

चौथा और निर्णायक चरण
फिर चौथा चरण आया, जिसने मेरे जीवन की दिशा बदल दी। मेरे एक मित्र ने मुझे विकलांग बच्चों के लिए व्हीलचेयर खरीदने के लिए कहा। करीब 200 बच्चे थे। मैंने अपने दोस्त के अनुरोध पर तुरन्त व्हीलचेयर खरीदीं। लेकिन मेरे मित्र ने आग्रह किया कि मैं उनके साथ जाकर खुद उन बच्चों को व्हीलचेयर भेंट करूं।

मैंने बच्चों को अपनी हाथों से व्हीलचेयर दीं और उनकी आंखों में जो खुशी की चमक देखी, वह मेरे जीवन में एक नया एहसास लेकर आई। उन बच्चों को व्हीलचेयर पर घूमते और मस्ती करते देखना ऐसा था, मानो वे किसी पिकनिक स्पॉट पर हों और किसी बड़े उपहार का आनंद ले रहे हों।

जीवन बदल देने वाला पल
जब मैं वापस जाने की तैयारी कर रहा था, तभी एक बच्चे ने मेरी टांग पकड़ ली। मैंने धीरे से पैर छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन उसने और जोर से पकड़ लिया। तब मैं झुककर उससे पूछा, "क्या तुम्हें कुछ और चाहिए?"

उस बच्चे का जवाब जीवन बदलने वाला था। उसने कहा, "मैं आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं, तो मैं आपको पहचान सकूं और एक बार फिर आपका धन्यवाद कर सकूं।"

सच्चे सुख का अर्थ
इस एक वाक्य ने न केवल रतन टाटा को झकझोर दिया, बल्कि उनके जीवन के प्रति दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदल दिया। यह अनुभव उन्हें समझा गया कि सच्ची खुशी दूसरों की सेवा में है, न कि भौतिक संपत्तियों में।

जीवन का मर्म
इस कहानी का मर्म यह है कि हमें यह सोचने की आवश्यकता है कि जब हम इस संसार को छोड़ेंगे, तो हमें किस लिए याद किया जाएगा। क्या हमारा जीवन किसी के लिए इतना महत्वपूर्ण होगा कि वह हमें फिर से देखना चाहे? यही सबसे बड़ा सवाल है, जो हमें अपने जीवन के सच्चे उद्देश्य पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है।

रतन टाटा: 25 वर्ष से 87 वर्ष तक का सफर
रतन टाटा ने अपने जीवन के इस सफर में, 25 वर्ष से 87 वर्ष तक, आखिरकार सच्चे सुख का अर्थ समझा, जो निस्वार्थ सेवा में निहित है।

विनम्र श्रद्धांजलि देश के सच्चे रत्न स्वर्गीय श्री रतन टाटा जी को 🙏

आज एक खोई हुई दुर्लभ पुस्तक मां के किताबों के संकलन से मिल गई।झारखंडी झा लिखित भागलपुर दर्पण।मैंने सुना है कि इस ग्रंथ क...
21/04/2024

आज एक खोई हुई दुर्लभ पुस्तक मां के किताबों के संकलन से मिल गई।

झारखंडी झा लिखित भागलपुर दर्पण।

मैंने सुना है कि इस ग्रंथ का मात्र 80 पुस्तकों का मुद्रण हुआ था।

पुस्तक की अवस्था जीर्ण शीर्ण है किंतु सभी पृष्ठ यथावत हैं। इसकी थोड़ी मरम्मत कर डाली, अब इसका लाइफ बढ़ गया।

पुलिस जिला नवगछिया पुन: सुयोग्य, मजबूत और ईमानदार हाथों में।मैं वर्षों से इसका गवाह रहा हूं कि श्री पूरन झा (आईपीएस) ने ...
01/02/2024

पुलिस जिला नवगछिया पुन: सुयोग्य, मजबूत और ईमानदार हाथों में।

मैं वर्षों से इसका गवाह रहा हूं कि श्री पूरन झा (आईपीएस) ने दी गई हर जिम्मेदारी को मजबूती से निभाया है और कर्तव्य में कभी कोई समझौता नहीं किया।

आज दिनांक 10 जनवरी 2024 को भागलपुर के जिला पदाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन द्वारा तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र का...
10/01/2024

आज दिनांक 10 जनवरी 2024 को भागलपुर के जिला पदाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन द्वारा तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र का भ्रमण किया गया। जिला पदाधिकारी महोदय के साथ अनुमण्डल पदाधिकारी सदर श्री धनंजय कुमार एवं जिला पदाधिकारी के निजी सचिव श्री शलभ कुमार भ्रमण में मौजूद रहे। भम्रण के क्रम में बिहार सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान से निर्माणाधीन परियोजना, वर्तमान में चल रही प्राकृतिक चिकित्सा सुविधाएँ, पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 15 फरवरी 1962 को रखी गई तपोवर्धन केन्द्र की आधार शिला का स्थल, केन्द्र के उद्घाटनकर्ता लोकनायक जयप्रकाश नारायण का प्रतिमा स्थल, मिट्टी से बने काॅटेज, विभिन्न चिकित्सा कक्षों जैसे - मिट्टी चिकित्सा, वरूण चिकित्सा एवं जल चिकित्सा आदि के उपकरणों की जानकारी प्राप्त करते हुए निरीक्षण किया। जिला पदाधिकारी महोदय को केन्द्र की कार्यकारिणी समिति की सदस्या श्रीमती जागृति सिंह एवं अभियंताओं द्वारा भ्रमण कराया गया। केन्द्र में चिकित्साधीन गुजरात से आए श्री राजेन्द्र आनंद राय देसाई एवं श्रीमती इला देसाई तथा अमेरिका से आए हुए मरीज़ों, श्रीमती हिना देसाई एवं श्री मपीन देसाई से मिलकर जिला पदाधिकारी द्वारा चिकित्सा के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की गई और उनकी चिकित्सा एवं चिकित्सा से हुए लाभों के सम्बंध में जानकारी प्राप्त की गई।
जिला पदाधिकारी महोदय केन्द्र की प्रगति और चिकित्सा व्यवस्थाओं से प्रसन्न हुए और केन्द्र के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए विदा ली।
इस अवसर पर उनके साथ श्री तारकनाथ भंडारी, श्री शमशाद रब्बानी, श्री देवव्रत मैती, श्री रवि कुमार, श्री राजीव कुमार वर्मा, श्री अश्वनी कुमार, श्री अमित कुमार, श्रीमती बबीता देवी, सुश्री शालिनी केशरी, सुश्री नुसरत फातमा, सुश्री प्रतीक्षा कुमारी, सुश्री लवली रानी, सुश्री शिवानी कुमारी एवं केन्द्र के सभी कर्मचारीगण् मौजूद रहे।

दिनांक - 10 जनवरी 2024

(नुसरत फातमा)
विशेष कार्य पदाधिकारी सह कार्यालय सचिव,
तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र,
भागलपुर।

कल दिनांक 18 दिसंबर 2023 को तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र ने अपना स्थापना दिवस मनाया आज ही के दिन सन 1954  में इस क...
19/12/2023

कल दिनांक 18 दिसंबर 2023 को तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र ने अपना स्थापना दिवस मनाया आज ही के दिन सन 1954 में इस केंद्र की स्थापना की गई थी।

14/08/2023

तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, भागलपुर की परियोजना में अनेक सिविल इंजीनियरों एवं अनेक साईट सुपरवाइज़रों की आवश्यकता है।

सिविल इंजीनियरों हेतु कार्य अनुभव - कम से कम 5 वर्ष।

सुपरवाइजर हेतु कार्य अनुभव - कम से कम 8 वर्ष।

मानदेयः योग्यता एवं अनुभव के अनुसार।

नोटः भागलपुर एवं आसपास के जिलों के रहने वाले स्थानीय आवेदकों/उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।

आवेदन की अंतिम तिथिः 20 अगस्त 2023

आवेदन हेतु अपना परिपूर्ण बायोडाटा नीचे दिए गए नंबर पर व्हाट्सएप से प्रेषित करें अथवा ईमेल करें।

व्हाट्सएप से बायोडाटा भेजने हेतु नम्बरः 7870548822

बायोडाटा भेजने हेतु ईमेल: recruitmenttpck@gmail.com

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28/07/2023

अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को enjoy ही करता है आदमी ...

थोड़ा समय निकाल कर अंत तक पूरा पढ़ना

मौत के स्वाद का चटखारे लेता मनुष्य ...
थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है ...

मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है.....

बकरे का,
गाय का,
भेंस का,
ऊँट का,
सुअर,
हिरण का,
तीतर का,
मुर्गे का,
हलाल का,
बिना हलाल का,
ताजा बकरे का,
भुना हुआ,
छोटी मछली,
बड़ी मछली,

हल्की आंच पर सिका हुआ। न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के।
क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा....

स्वाद से कारोबार बन गई मौत।
मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स।
नाम *पालन* और मक़सद *हत्या*❗
स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी ऑफिशियल। गली गली में खुले नान वेज रेस्टॉरेंट, मौत का कारोबार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका कारोबार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है।

जो हमारी तरह बोल नही सकते, अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं...

उनकी असहायता को हमने अपना बल कैसे मान लिया ?

कैसे मान लिया कि उनमें भावनाएं नहीं होतीं ?
या उनकी आहें नहीं निकलतीं ?

डाइनिंग टेबल पर हड्डियां नोचते बाप बच्चों को सीख देते है, बेटा कभी किसी का दिल नही दुखाना ! किसी की आहें मत लेना ! किसी की आंख में तुम्हारी वजह से आंसू नहीं आना चाहिए !

बच्चों में झुठे संस्कार डालते बाप को, अपने हाथ मे वो हडडी दिखाई नही देती, जो इससे पहले एक शरीर थी, जिसके अंदर इससे पहले एक आत्मा थी, उसकी भी एक मां थी ...??
जिसे काटा गया होगा ?
जो कराहा होगा ?
जो तड़पा होगा ?
जिसकी आहें निकली होंगी ?
जिसने बद्दुआ भी दी होगी ?

कैसे मान लिया कि जब जब धरती पर अत्याचार बढ़ेंगे तो भगवान सिर्फ तुम इंसानों की रक्षा के लिए अवतार लेंगे ..❓

क्या मूक जानवर उस परमपिता परमेश्वर की संतान नहीं हैं .❓

क्या उस ईश्वर को उनकी रक्षा की चिंता नहीं है ..❓

धर्म की आड़ में उस परमपिता के नाम पर अपने स्वाद के लिए कभी ईद पर बकरे काटते हो, कभी दुर्गा मां या भैरव बाबा के सामने बकरे की बली चढ़ाते हो। कहीं तुम अपने स्वाद के लिए मछली का भोग लगाते हो ।

कभी सोचा ...!!!
क्या ईश्वर का स्वाद होता है ? ....क्या है उनका भोजन ?

किसे ठग रहे हो ?
भगवान को ?
अल्लाह को ?
जीसस को?
या खुद को ?

मंगलवार को नानवेज नही खाता ...!!!
आज शनिवार है इसलिए नहीं ...!!!
अभी रोज़े चल रहे हैं ....!!!
नवरात्रि में तो सवाल ही नही उठता ....!!!

झूठ पर झूठ......झूठ पर झूठ।।

23/07/2023

तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, भागलपुर में उपचार के कार्य के लिए परिचारक और परिचारिका के कार्य हेतु प्रशिक्षण एवं संविदा के आधार पर नियुक्ति (नौकरी) के इच्छुक पुरुष और महिला आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन हेतु अपना बायोडाटा नीचे दिए गए नंबर पर व्हाट्सएप से प्रेषित करें।

योग्यताः इंटर अथवा 12वीं उत्तीर्ण। हिंदी भाषा का अच्छा ज्ञान आवश्यक है। अंग्रेजी भाषा का साधारण ज्ञान होना चाहिए।

उम्रः 18 से 40 साल के इच्छुक महिला और पुरुष।

आवेदन की अन्तिम तिथिः 31 जुलाई 2023 तक

व्हाट्सएप से बायोडाटा भेजने हेतु नम्बरः 7870548822

*सभी मित्रों से विनम्र आग्रह है इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की कृपा करें।*

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