Ramraj hahnemann homoeopathic clinic

Ramraj hahnemann homoeopathic clinic Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from Ramraj hahnemann homoeopathic clinic, Doctor, in frunt of arora resort (near krishna puram) kabbakhera, Unnao.

29/06/2022
- It's Holi. Wash away your worries with the festival of colours
27/03/2021

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06/03/2021
30/10/2019
लीवर में सूजन की होम्योपैथिक मेडिसिन- आजकल स्वास्थ्य समस्याओं का सबसे बड़ा कारण अनहेल्थी जीवन शैली है. इसमें लीवर पर फैट...
25/08/2019

लीवर में सूजन की होम्योपैथिक मेडिसिन-

आजकल स्वास्थ्य समस्याओं का सबसे बड़ा कारण अनहेल्थी जीवन शैली है. इसमें लीवर पर फैट जमा हो जाता है. लीवर हमारे खून से हानिकारक पदार्थों को फिल्टर करता हैं. अगर लीवर में बहुत अधिक फैट जमा हो जाता है, तो इस प्रक्रिया रूकावट आ जाती है. ये फैट लीवर कोशिकाएं के ऊतकों की सूजन करती हैं. जो समय के साथ गंभीर होकर जलन और लीवर फाइब्रोसिस का कारण बन सकती हैं. लीवर पर फैट होना अपने आप में हानिरहित होता है. लेकिन जब यह ज्यादा स्तर तक पहुंच जाता है, तो जीवन को खतरा पैदा कर सकता है.

फैटी लीवर के कारण मदिरा, गलत आहार, मोटापा, मधुमेह, या दवा का अधिक उपयोग हो सकता है..

होम्योपैथिक दवाएं, प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अनुभव किए जाने वाले अनूठे लक्षणों का अध्ययन करने के बाद रोगियों को दी जाती हैं. होम्योपैथी दवा की सबसे लोकप्रिय समग्र प्रणालियों में से एक है. उपाय का चयन संपूर्णतावादी दृष्टिकोण का उपयोग करके व्यक्तिगतकरण और लक्षणों की समानता के सिद्धांत पर आधारित है. फैटी लीवर रोग के सभी लक्षणों के प्रबंधन में होम्योपैथी बहुत कुशल है और इसके अलावा हालत के पतन को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

वसायुक्त जिगर के लिए सबसे आम होम्योपैथिक दवाएं हैं

1-चेलिडोनियम:- यह अक्सर दाएं ऊपरी पेट में दर्द के साथ एक फैटी यकृत का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है. ऐसे मामलों में, जिगर का विस्तार किया जा सकता है और मरीज को भी आमतौर पर कब्ज या अनुभव मतली और उल्टी से ग्रस्त है. मरीज को भी अत्यधिक कमजोरी से पीड़ित होगा और गर्म भोजन और पेय के लिए इच्छा है.
2-लाइकोपीडियम: -अम्लता के साथ फैटी लिवर के साथ इस प्रकार की होम्योपैथिक दवाओं का उपचार किया जा सकता है. ऐसे मामलों में, रोगी भी जलती हुई संवेदना के साथ सूजन की शिकायत करता है. इन लक्षण के कारण मरीज की मिठाई और गर्म पेय के लिए तीव्र इच्छा हो सकती है.
3-फास्फोरस:-यह फैटी एसिड के मामलों का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है. कुछ मामलों में, रोगी को लीवर में दर्द और अत्यधिक पेट फूलना भी अनुभव हो सकता है. मल के पास होने के दौरान कमजोरी के साथ उल्टी भी हो सकती है.
4-कैलेक्वेयर कार्ब:- इस हालत से ग्रस्त मोटापे से ग्रस्त मरीजों का इलाज कैलेंसेरा कार्ब के साथ किया जा सकता है. यह लोगों में अक्सर पेट में लैक्टोज असहिष्णु होते हैं और पुरानी कब्ज से पीड़ित होते हैं. वे ठंड हवा के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं और सिर से ज़्यादा पसीना पड़ते हैं.

5-नक्स वोमिका- किसी भी पेट की समस्या के लिए जाना जाता है. जिसमें फैटी लीवर के कारण अत्यधिक शराब की खपत होती है. इन रोगियों को अक्सर खट्टे या कड़वा चखने वाले झरनों से खाने के कुछ घंटों के दौरान पेट में दर्द से पीड़ित होते हैं. वे मल को पास करने की इच्छा को लगातार महसूस कर सकते हैं. लेकिन ऐसा करने में असमर्थ होते हैं.

हालांकि कम मात्रा में लेते समय होम्योपैथिक उपचारों के दुष्प्रभावों में नगण्य प्रभाव पड़ता है. लेकिन उन्हें कभी भी स्वयं-निर्धारित नहीं होना चाहिए. यदि आप वसायुक्त जिगर से पीड़ित हैं, तो तुरंत होमियोपैथिक डॉक्टर से परामर्श करें जो इसे ठीक से निदान कर सकते हैं और तदनुसार इलाज कर सकते हैं.

7 Days after taking homoeopathic medicine result in case of alopecia nd To day I'm very happy to see again after 45 days...
24/09/2018

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निःशुल्क होम्योपैथिक शिविर का आयोजन                   - 24 जुलाई 2018  ( स्थान -उन्नाव तहसील)           ☺️मुख्य अतिथि -प...
22/07/2018

निःशुल्क होम्योपैथिक शिविर का आयोजन - 24 जुलाई 2018 ( स्थान -उन्नाव तहसील) ☺️मुख्य अतिथि -पूजा अग्निहोत्री जी , उपजिलाधिकारी उन्नाव विशिष्ट अतिथि - दशरथ कुमार जी ,तहसीलदार उन्नाव. भारत विकास परिषद (चन्द्र शेखर आजाद शाखा उन्नाव )के अध्यक्ष -जी एस भदौरिया जी , प्रांतीय उपाध्यक्ष-अजीतपाल जी, प्रांतीय शाखा विस्तारक -राम तनेजा जी, सचिव -डॉ प्रभात सिन्हा जी , कोषाध्यक्ष -राजेश भारती जी, निम्मी अरोड़ा जी , एवम शिविर में सहयोगी चिकित्सक। डॉ संजय भदौरिया,डॉ शिखा सिंह ,डॉ श्रद्धा दीक्षित सभी सहयोगियों का धन्यवाद . डॉ जितेन्द्र यादव (रामराज हैनीमैन होम्योपैथिक क्लिनिक ) अरोड़ा रेसॉर्ट के सामने, कब्बा खेड़ा, उन्नाव। मो.8707560008,9772609964

Case of bony growth 15 yrs male. pain ful bony growth ,pain when touch or pressure.complete relief in pain nd grwoth.
14/07/2018

Case of bony growth 15 yrs male. pain ful bony growth ,pain when touch or pressure.complete relief in pain nd grwoth.

'वर्ड हैपेरटेंशन डे' के दिन घर घर बनी हुई इस आम समस्या हाई ब्लड प्रेशर की जानकारी देना उचित लगा।।।।  हाई-ब्लड-प्रेशर के ...
17/05/2018

'वर्ड हैपेरटेंशन डे' के दिन घर घर बनी हुई इस आम समस्या हाई ब्लड प्रेशर की जानकारी देना उचित लगा।।।। हाई-ब्लड-प्रेशर के लक्षण – काम करने से अरुचि, नींद न आना, सिर की गुद्दी तथा खोपड़ी में दर्द, सिर में भारीपन का अनुभव, श्वास फूलना, नींद की झपकियाँ आते रहना, स्वभाव में चिड़चिड़ाहट, कभी-कभी नकसीर फूटना तथा हृदय-प्रदेश में दर्द होना, शारीरिक अंगों का सो जाना (सुन्नता), शारीरिक अवयवों में सुरसुराहट का अनुभव, दिल बैठता हुआ सा लगना, किसी न किसी हृदय-रोग का बने रहना तथा आलस्य आदि ।

हाई-ब्लड-प्रेशर में लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियाँ लाभ करती हैं :-

प्लम्बम 3, 30 – यह औषध हाई-ब्लड-प्रेशर में लाभ करती है । इस औषध को उच्च शक्ति में देना हितकर रहता है।

बैराइटा-म्यूर 6x – यह इस रोग की मुख्य औषध मानी जाती है । किसी भी कारण से होने वाले हाई-ब्लड-प्रेशर में यह औषध लाभ करती है। रात को सोने के लिए बिस्तर पर लेटते समय भयंकर सिरदर्द होने के लक्षण में यह औषध बहुत हितकर है। वृद्ध लोगों की इस शिकायत में तो इसे रामबाण ही समझना चाहिए। यदि ‘संकोचन’ अधिक ऊँचा हो तथा ‘प्रसारण’ कम हो तो उस स्थिति में यह विशेष लाभ करती है । इसे 3, 6 अथवा 30 में से किसी भी शक्ति में अधिक समय तक प्रयोग में लाना चाहिए ।

लैकेसिस 1M – यह भी इस रोग की मुख्य औषध मानी जाती है । सोने के बाद तकलीफ का बढ़ जाना, तंग कपड़ा न पहन पाना अथवा गले में टाई अथवा कमर में कपड़ा कस कर न बाँध पाना-इन लक्षणों में इस औषध का प्रयोग करना चाहिए ।

पिकरिक-एसिड 6, 30 – यदि गुर्दे की बीमारी के कारण यह रोग हो तो इसका प्रयोग हितकर सिद्ध होता है ।

ग्लोनाइन 6, 30 – अँगुलियों के किनारे तक हृदय की धड़कन का अनुभव होना, सम्पूर्ण शरीर में नाड़ी के स्पन्दन की अनुभूति, रक्त के सिर में चढ़ने अथवा हृदय में जाने की अनुभूति, सिर की धमनियों का उभर आना, सूर्य की गर्मी से सिर में दर्द हो उठना, सीधे बैठने पर चक्कर आना तथा सिर-दर्द एवं हृदय में दर्द होना-इन लक्षणों वाले हाई-ब्लड-प्रेशर में यह औषध बहुत लाभ करती है।

विरेट्रम-विरिडि 6x – ‘हृदय प्रसारण के दबाव को’ कम करने की यह उत्तम औषध है ।

बेलाडोना 30 – यदि रोगी का चेहरा लाल तथा तमतमाया हुआ हो, आँखें बाहर को उभर आई हों, गले की नसों में तपकन हो, मुँह तथा गला सूख रहा हो, फिर भी रोगी पानी नहीं पीना चाहता हो, स्नायुओं में दर्द तेजी से आता और चला जाता हो एवं मन में उत्तेजना हो तो इन लक्षणों वाले हाई-ब्लड-प्रेशर में यह औषध हितकर सिद्ध होती है । इसे कई बार दुहराने की आवश्यकता पड़ती है ।

आरम-म्युरियेटिकम 2x, 3x – यदि स्नायु-संस्थान के उत्तेजित अथवा अशान्त होने के कारण हाई-ब्लड-प्रेशर हो तो यह औषध लाभ करती है । थोड़ा-सा परिश्रम करने अथवा चढ़ाई पर चढ़ते समय छाती पर एकदम बोझ का सा अनुभव होने पर इसका प्रयोग करना चाहिए।

आरम-मेट 30 – हार्ड-ब्लड-प्रेशर में इसको भी लाभकर माना जाता है ।

एसिड-फॉस 1x, 30, 200 – स्नायु-संस्थान की कमजोरी के कारण होने वाले हाई अथवा लो – दोनों ही प्रकार के ब्लड-प्रेशर में यह औषध लाभ करती है ।

नेट्रम-म्यूर 200 – अधिक नमक खाने की इच्छा करने वाले, सदैव चिन्ताशील अथवा क्रोध को मन में दबाये रखने वाले लोगों के हाई-ब्लड-प्रेशर में यह औषध अत्युत्तम लाभ करती है।

जेल्सीमियम 1M – यदि किसी अशुभ समाचार को सुनने के कारण मानसिक आघात से ब्लड-प्रेशर ‘हाई’ हो जाय तथा सिर-दर्द, माथे में सुन्नता, भारीपन, सिर की गुद्दी में दर्द, आलस्य एवं तन्द्रालुता के लक्षण दिखाई दें तो इस औषध का प्रयोग हितकर रहेगा ।

आर्सेनिक-एल्बम 30 – हाई-ब्लड-प्रेशर के साथ अत्यधिक बेचैनी, साँस लेने में परेशानी, रात को बिस्तर पर लेटने से दम घुटना, सीढ़ियों पर चढ़ते समय श्वास-फूलना, आँखों का फूलना तथा पाँवों में सूजन होना – इन लक्षणों में लाभकर है।

क्रेटेगस Q – यह औषध धमनियों के कड़ेपन को दूर कर हाई-ब्लड-प्रेशर में लाभकर सिद्ध होती है। इसे 5 से 10 बूंद तक की मात्रा में हर 8 घण्टे बाद लगातार देते रहना चाहिए। इसे अधिक समय तक इस्तेमाल करना पड़ता है। यह औषध हृदय को बल देती है । जब इसका प्रभाव परिलक्षित हो, तब इसे देना बन्द कर देना चाहिए। यह औषध लो-ब्लड-प्रेशर में भी लाभ करती है ।। नोट-होम्योपैथिक मेडिसिन के सही उपयोग के लिए बिना डॉ के परामर्श के ये दवाएं प्रयोग न करे क्यों कि इसमें 1 रोगी की दवाओं का चुनाव उसके सिम्पटम्स के अनुसार होता है ।।डॉ जितेन्द्र यादव उन्नाव 8707560008(रामराज हैनिमैन होम्योपैथीक क्लिनिक ) निकट अरोरा रिसोर्ट उन्नाव

होम्योपैथिक दवाओं को खाते समय रखे इन बातों का ध्यान।।।।                                                  1-दवाई को खुले ...
19/04/2018

होम्योपैथिक दवाओं को खाते समय रखे इन बातों का ध्यान।।।। 1-दवाई को खुले और धूप में न रखें, ठंडे स्थान पर ही रखे। 2-दवाओं को खाने से पहले मुह को अच्छी तरह से साफ कर ले ।। 3-दवाओं को किसी दूसरी दवाई ,एलोपैथिक,आयुर्वेदिक दवाओं के साथ न रखे ,ऐसा करने से होम्योपैथिक दवाओं का असर कम हो जाता है।। 4-दवाओं को खाते वक़्त हथेली में न डाले ,बोतल के ढक्कन य किसी साफ़ ग्लास में डाल कर खाये।। 5-दवाई खाने के 15 मिनट पहले और बाद तक किसी और खाने की चीज का सेवन न करे।। 6-किसी प्रकार का नशा न करे ,इनमे स्ट्रांग सप्पलीमेंट होते है जो दवाओं के असर को खत्म करते हैं।। 7-दवाई के सेवन के वक्त चाय ,कॉफी का सेवन नही करे।।। ।।।।इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करे ,बीमारियो से निजात पाए और स्वास्थ्य जीवन की ओर कदम रखे।।। डॉ जितेन्द्र यादव (8707560008,9772609964) रामराज हैनिमैन होम्योपैथिक क्लीनिक। (निकट -अरोरा रिसोर्ट कब्बखेड़ा उन्नाव) (नोट-चेचक की दवाई निःशुल्क पिलाई जाती है)

05/02/2018

खाँसी (cough) का होम्योपैथिक उपचार. कारण (Cause) - ठंड लगना, धूल-धुयें भरे वातावरण में रहना, शरीर को ताजा हवा या धूप न मिल पाना, ठंडे-गर्म पदार्थ एक साथ खाना, पौष्टिक पदार्थों का अभाव, अधिक परिश्रम, अधिक भोग आदि।

लक्षण - बार-बार खाँसी उठती है, रोगी परेशान हो जाता है।

● इपिकैक 30-10 बूंद, सेनेगा 30-10 बूंद, जस्टिसिया 3X-10 बूंद, एक्वा - 2 औंस। सभी को मिला लें। यह 4 मात्रा है। प्रतिदिन 4 मात्रा देने से प्रत्येक प्रकार की खांसी, विशेष कर सूखी और कफ वाली खाँसी में आराम होता है।। रामराज हैनीमैन होम्योपैथिक क्लिनिक .

● एकोनाइट 30-5 बूंद, इपिकाक 30-5 बूंद, स्पांजिया टोस्टा 30-5 बूंद, हिपर सल्फर 30-5 बूंद, एक्वा-2 औंस। इन्हें मिला लें। यह दो मात्रायें हैं। इस प्रकार प्रतिदिन चार मात्रायें देने से खाँसी, ठण्ड लगना, बुखार आदि में आराम होता है।

● जस्टीशिया अधाटीडा Q-5 बुंद, सेनेगा Q-5 बूंद, ड्रोसेरा Q-5 बूंद, औसिमम सैंक्टम Q-5 बुँद, इपिकाक Q-3 बूंद, एक्वा-1 औंस। इन्हें मिला लें। यह एक मात्रा है। इस प्रकार की प्रतिदिन तीन मात्रायें देने से सभी प्रकार की खाँसी में विशेष लाभ होता है।

● यर्बा सैन्टा Q-5 बूंद, जस्टीशिया अधाटोडा Q-5 बूंद, इपिकाक Q-3 बूंद, मकरध्वज Q-3 बूंद, मैन्थापिप Q-2 बूंद, ब्रायोनिया Q-1 बूंद, एक्वा-1 औंस। इन सभी को मिला लें। यह एक मात्रा है। इस प्रकार प्रतिदिन तीन मात्रा देने से सभी प्रकार की खाँसी विशेषकर सूखी और कफज खाँसी में आराम होता है।

21/10/2017

Homeopathic Remedies For Insomnia ....

1-बेचैनी के साथ नींद न आये, खासकर कमजोर छोटे बच्चों या बुजुर्गों में जो चिन्ता करते हों या काम ज्यादा करते हों – पैसीफ्लोरा Q, 20-30 बूंद सोते समय

2-जब किसी खुशखबरी के कारण नींद न आये – कॉफिया 200, आवश्कतानुसार

3-जब डर, आतंक या किसी बुरी खबर के कारण नींद न आये – जल्सेमियम 30, दिन में 3 बार

4-मस्तिष्क में रक्त संचय के कारण नींद न आए – बेलाडोना 30, दिन में 3 बार

5-निराशा या दुःख, किसी निकट संबंधी की मौत के कारण नींद न आये – इग्नेशिया 200, या 1M, की 3 खुराक दें

6-जब लगातार विचारों के कारण मस्तिष्क आराम न पा सके और नींद न आये – नक्स वोमिका 30, दिन में 3 बार

7-जरा सी आवाज़ से नींद टूट जाये और फिर नींद न आये – सल्फर 30, दिन में 2 बार

8-खास कर बूढ़े व्यक्तियों में, जब दिन में तो नींद आये मगर रात में नहीं – फॉस्फोरस 30, दिन में 2 बार

9-चिंताओं के कारण नींद न आये – एम्ब्रा ग्रीसिया 30, दिन में 2-3 बार

10-स्नायविक कमजोरी आदि की वजह से, चिंता या उत्तेजना के कारण नींद न आये – काली फॉस 6x या 30 आवश्कतानुसार

नींद न आने की बायोकैमिक दवा – फेरम फॉस 30x. नोट -क्यों की हौम्‍ओपाथिक दवाइयों का की dose ऐवम potency का सेलेक्शन हर व्यक्ति मे 1जैसा नही होता इसलिये इन दवाओं के उपयोग से पहले हौम्‍ओपाथिक डॉक्टर से सम्पर्क करे ......डॉ.जितेन्द्र यादव रामराज़ हैनीमन हौम्‍ओपाथिक क्लिनिक उन्न।व .मोबाइल -9772609964

निःशुल्क हौम्‍ओपाथिक कैम्प........
10/09/2017

निःशुल्क हौम्‍ओपाथिक कैम्प........

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In Frunt Of Arora Resort (near Krishna Puram) Kabbakhera
Unnao
209801

Telephone

9772609964

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