10/01/2021
*च्यवनप्राश अवलेह*
भारतीय चिकित्सा पद्धति, जो चिकित्सा की एक वैश्विक प्रणाली भी है, आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार की कायाकल्प करने वाली जड़ी-बूटियाँ बताई गई है। इसके अलावा, शारंगधर और चरक जैसे महान आयुर्वेद आचार्यों ने इसे बनाया है। उन्होंने इस च्यवनप्राश के उत्कृष्ट गुणों और शारीरिक और मानसिक लाभों को भी दिखाया है। आज के आधुनिक युग में और यहां तक कि वर्तमान कोरोना महामारी के समय में, च्यवनप्राश की उपयोगिता सबसे अच्छी साबित हुई है। इसलिए, आयुष मंत्रालय ने कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक दवाओं की सूची में च्यवनप्राश को भी शामिल किया है।
लाभ:
1. इस च्यवनप्राश का सेवन 1 साल से ऊपर के सभी लोग कर सकते हैं।
2. च्यवनप्राश शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों से लड़ने के लिए एक उत्कृष्ट औषधि है।
3. सर्दी, खांसी, फेफड़े के रोग, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण वायरल बुखार, हृदय रोग, अपच और गैस और एसिडिटी की समस्या, कमजोरी, सिरदर्द, बच्चों का खराब विकास, एलर्जी संबंधी बीमारियां और चिकित्सा सलाह के साथ कई अन्य बीमारियो में उपयोगी है ।
वर्तमान समय में सबसे अच्छा च्यवनप्राश प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। आपको इस च्यवनप्राश को बनाने वाले कई फ़ार्मेसी मिल जाएगी जो आपको 150 रुपे से लेकर अलग-अलग कीमतों पर च्यवनप्राश देती है। लेकिन च्यवनप्राश जो आपको मिलता है वह शास्त्रों में वर्णित विधि और सिद्धांत रूप में बनाया होना चाहिए
* उचित रूप से बना च्यवनप्राश उपरोक्त सभी लाभ प्रदान कर सकता है। *
हमने बेहतरीन च्यवनप्राश बनाने के उद्देश्य से च्यवनप्राश बनाया है।
जैसे की,
1. च्यवनप्राश के लिए मुख्य फल आंवला है। आंवला को ठीक से लेना बहुत महत्वपूर्ण है। हमने पहले आंवले के पेड़ की पूजा की है, जिसमें आयुर्वेद में वर्णित विधि का उपयोग करते हुए मंत्रों के साथ आंवला एकत्र किया गया है।
2. एकत्रित पके हुए आंवले को शास्त्र के माप के अनुसार साफ किया गया है।
3. सही जगह से २३ से अधिक उबालने योग्य औषधियों को इकट्ठा करके काढ़ा बनाया गया है।
4. च्यवनप्राश के आधार के लिए, नैसर्गिक शर्करा का उपयोग किया है जिसमें चीनी का कोई हानिकारक रसायन नहीं होता है।
5. इसके अतिरिक्त हमने इस च्यवनप्राश को ग्रामीण परिवेश में स्वच्छ वातावरण और ब्राह्म मुहूर्त में बनाया है।
6. च्यवनप्राश बनाने की पूरी प्रक्रिया लकड़ी के चूल्हे से होती है। किसी भी कृत्रिम (कुकिंग गैस) का उपयोग नहि किया है ।
7. गुजरात के सर्वश्रेष्ठ गाय, गिर के गाय का ताजा घी, पूरे च्यवनप्राश बनाने की विधि में इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा, कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रमाणित जैविक शहद का उपयोग किया गया है।
8. ऊपर से च्यवनप्राश में २० अन्य जड़ी-बूटियों (जैसे, दालचीनी, इलायची आदि) का पाउडर मिलाया गया है।
9. च्यवनप्राश बनाने की प्रक्रिया सर्वश्रेष्ठ पुष्य नक्षत्र में की गई है।
10. संपूर्ण च्यवनप्राश निर्माण आयुर्वेद वैद्यों द्वारा किया गया है, किसी भी मशीन या अन्य श्रम का उपयोग नहीं किया है।
नोट: ये सभी प्रयास केवल धन अर्जित करने के उद्देश्य से नहि बल्कि आयुर्वेद की सर्वश्रेष्ठ औषधि बनाने के उद्देश्य से और आयुर्वेद में भारत के लोगों का विश्वास बढ़ाने और सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेद उपचार प्राप्त करने के लिए किए गए हैं।
(स्टॉक सीमित है।)
For order
VD.Dhruvik katariya
8511156693