25/10/2021
शहद के बारे में कुछ रोचक जानकारियां / शहद इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक / शहद प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है / शहद का नियमित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
शहद एक ऐसा पदार्थ है, जिसकी रासायनिक संरचना काफी कुछ इंसान के रक्त से मिलती जुलती है। शरीर पर शहद का प्रभाव काफी कुछ इसके इस्तेमाल के तरीके पर निर्भर करता है। यानी अगर आप सीधे शहद खाते हैं तो उसका प्रभाव अलग होगा, गर्म पानी या ठंडे पानी के साथ लेते हैं तो वह अलग तरह से असर करेगा। शहद मानवजाति के लिए प्रकृति का उपहार, एक सुपाच्य खाद्य पदार्थ और उसे आहार का एक अहम हिस्सा माना गया।
भारत मे ज्यादातर कंपनिया शहद को प्रोसेस्ड या पेस्च्युराइस (processed या heated) ( हीटिंग और कूलिंग प्रोसेस ) करके बेचती हैं, जो कि सामान्य रूप से जमता नहीं है। शहद को एक बार उबाल देने से उसमें जमने का स्वाभाविक गुण नष्ट हो जाता है । लेकिन उसके साथ ही शहद के औषधीय गुण भी नष्ट हो जाते हैं। ऐसा शहद शुगर-सिरप से बढ़कर कुछ नहीं होता है। जबकि यह औषधीय तत्व ही शरीर को आरोग्यता प्रदान करते हैं और कई रोगों से लड़ने की शक्ति देते हैं। इसीलिए ज्यादातर आयुर्वेद चिकित्सक “Raw honey” (Ksh*tiz Honey) का उपयोग करने की सलाह देते हैं।
आप रोजाना एक से दो चम्मच शहद सीधे तौर पर खा सकते हैं या इसे दूध में इसे मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा खाली पेट हल्के गुनगुने पानी के साथ शहद का सेवन वजन कम करने में बहुत उपयोगी माना जाता है। कुछ लोग हल्के गुनगुने पानी और शहद के मिश्रण में नींबू मिलाकर भी सेवन करते हैं।
शहद दूध के साथ मिलाकर सम्पूर्ण आहार बन जाता है। इससे प्रतिरोधम क्षमता मजबूत होती है, पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है, नींद अच्छी आती है, पाचन क्रिया ठीक करती है, कब्ज की समस्या खत्म हो जाती है, हड्डियां मजबूत होती हैं, शारीरिक और मानसिक क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है, शरीर में स्फूर्ति आती है, इससे दिमाग भी तेज चलता है, दूध और शहद का सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है
इसमें मुख्यतः अवकारक शर्कराएं, कुछ प्रोटीन, विटामिन तथा लवण उपस्थित होते हैं। शहद सभी आयु के लोगों के लिए श्रेष्ठ आहार माना जाता है और रक्त में हीमोग्लोबीन निर्माण में सहायक होता है। एक किलोग्राम शहद से लगभग 5500 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। एक किलोग्राम शहद से प्राप्त ऊर्जा के तुल्य दूसरे प्रकार के खाद्य पदार्थो में 65 अण्डों, 13 कि.ग्रा. दूध, 8 कि.ग्रा. प्लम, 19 कि.ग्रा. हरी मटर, 13 कि.ग्रा. सेब व 20 कि.ग्रा. गाजर 45 संतरे, 2kg.मछली, 1.7kg मांस, 5kg पनीर के बराबर हो सकता है। शहद उच्च रक्तचाप, दिल के रोग, सर्दी जुकाम, पाचन और साथ ही खून की कमी में फायदेमंद है। शहद एक बलवर्धक खाद्य पदार्थ (एनर्जी फूड) है पारंपरिक औषधि में शहद का एक महत्वपूर्ण प्रयोग एक त्वरित बलवर्धक के रूप में किया जाता है, संयुक्त राष्ट्र राष्ट्रीय शहद बोर्ड शहद के सेवन का सुझाव देता है क्योंकि इसमें कम मात्रा में बहुत से विटामिन और मिनरल होते हैं। इनमें कैल्शियम, कॉपर, आयरन, मैगनीशियम, फॉसफोरस, पोटैशियम और जिंक शामिल हैं। शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण आपको तमाम तरह की बीमारियों से बचाते हैं। शहद का नियमित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शहद का चरकसंहिता में, 27 अध्याय "अन्नापांनविधि (श्लोक 242)"मैं मधु शर्करा का स्पष्ट वर्णन है।
‘’रूक्षा वम्यतिसारध्नि च्छेदनी मधुशर्करा।
तृष्णसृक् पित्तदाहेषु प्रशस्ताः सर्वशर्करा।।"
अनुवाद: शहद से निर्मित चीनी रुक्ष, उल्टी को रोकने वाली, दस्त को रोकने वाली, कफ को तोड़ने वाली, तृषा का समन करने वाली, रक्तपित्त और दाह (जलन) को मिटाने वाली है।
प्रवीण सिंह
निदेशक, क्षितिज ग्रुप
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