11/10/2025
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आर्थराइटिस : बढ़ती चिंता, समय पर पहचान ही बचाव है
विश्व में 35 करोड़, भारत में करीब 18 करोड़ लोग आर्थराइटिस से प्रभावित हैं।
60 वर्ष से अधिक उम्र के हर चार में से एक व्यक्ति को रहता है किसी न किसी प्रकार का जोड़ों का दर्द या सूजन।
भारत में करीब 18 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी रूप में आर्थराइटिस से पीड़ित हैं।
महिलाओं में यह समस्या पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक पाई जाती है।
30 वर्ष की आयु के बाद युवाओं में भी तेज़ी से बढ़ रही है जोड़ों के दर्द की समस्या
आर्थराइटिस के मुख्य प्रकार:
1. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) – जोड़ों के घिसने से दर्द और सूजन।
2. रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) – इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी से सूजन और अकड़न।
3. गाउट (Gout) – यूरिक एसिड के बढ़ने से होने वाली तीव्र सूजन।
लक्षण - जोड़ों में दर्द, सूजन या जकड़न, सुबह उठने पर अकड़न, चलने या सीढ़ियाँ चढ़ने में कठिनाई, जोड़ों के आसपास गर्माहट या लालिमा
बचाव - संतुलित वजन बनाए रखें, नियमित व्यायाम और फिजियोथैरेपी करें, कैल्शियम, विटामिन D और ओमेगा-3 युक्त आहार लें, धूम्रपान और अत्यधिक शराब से परहेज़ करें, दर्द या सूजन बढ़ने पर समय पर विशेषज्ञ से सलाह लें
समस्या गंभीर होने पर नवीनतम तकनीकों द्वारा पूर्ण या आंशिक जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी उपलब्ध। नवीनतम तकनीकों जैसे दूरबीन विधि से रोबोटिक जोड़ प्रत्यारोपण द्वारा सटीक उपचार उपलब्ध।
“आर्थराइटिस बढ़ती उम्र की सामान्य समस्या नहीं — यह एक इलाज़ योग्य स्थिति है। समय पर पहचान और जीवनशैली में बदलाव से दर्द-मुक्त जीवन संभव है।”
एपेक्स सुपर स्पैशलिटी हॉस्पिटल, भिखारीपुर, वाराणसी।
24 घंटे हेल्पलाइन – 911-960-1990