
05/01/2025
#बीकानेर_शासक_गोदारा
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट आगे आई तो सहज ही जिज्ञासा हुई कि क्या वास्तव में ही बीकानेर पर जाट जाति की गोदारा गोत्र का राज था? यह बात सुनते तो बुजुर्गों से भी रहे हैं परंतु इतिहास की पुस्तकों में पढ़ा नही। किसी इतिहासकार की पुस्तक में इसका जिक्र होगा तो भी मालूम नही परंतु सामान्य तौर से स्कूल, कॉलेज, या कंपीटीशन के पाठ्यक्रम में पढ़ा नही।
अब बात करते हैं सामान्य तथ्यों पर जिसका मुझे ज्ञान है-
1 बाड़मेर में बसने वाले लगभग सभी गोदारा गोत्र के लोगों का मूल स्थान बीकानेर है, ये हमारे बुजुर्ग बताते आए हैं। इसका मतलब इस जाति के बहुतायत लोगों का मूल स्थान होने के कारण ये यहां राज भी करते होंगे।
2 हमारे ब्राह्मण, ढाढ़ी, भाट इत्यादि आज भी बीकानेर से ही आते हैं, और लगभग बाड़मेर के सभी गोदारों के भी यहीं से आते होंगे।
3 तेहरवीं, चोहदवीं शताब्दी से पहले राजस्थान के विभिन्न भागों में जैसे मारवाड़ गुर्जर- प्रतिहार, सपालदक्ष चहमान (चौहान) आदि राजवंशों के शासन को हम पढ़ते हैं परंतु जांगल प्रदेश (बीकानेर) में किस राजवंश का शासन था इसका जिक्र कहीं नहीं देखा। यहां भी किसी राजवंश का राज तो होगा ही।
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए तथा बुजर्गों एवम बीकानेर से आने वाले भाटों, ढाढियों के बताए अनुसार राठौड़ राजपूतों से पहले बीकानेर पर गोदारा जाटों का शासन था। बाद में पांडुजी गोदारा ने बीकाजी को कुछ शर्तों के साथ राज सौंप दिया था। उसके बाद से पांडुजी के वंशज ही बीकानेर के नए उतराधिकारी का राजतिलक करते आ रहे हैं। अब क्यों सौंपा इस पर बहुत सी किंवदंतियां चल रही हैं।
बात यह नही है कि राज बीकाजी को क्यों दिया? जो भी रही होगी उस समय की परिस्थितियां। बात यह है कि इतिहास कि पुस्तकों में इस बात का जिक्र क्यों नहीं है कि बीकाजी से पहले इस क्षेत्र पर किसका राज था?
और मैं यह सवाल इसलिए भी नही उठा रहा हूं कि मैं जाट हूं, या गोदारा गोत्र से हूं, क्योंकि मेरे इस जाति में जन्म लेने का मेरा खुद का निर्णय नही था। ये तो ईश्वर ने जहां भेजा वहां जन्म लेना पड़ा।
परंतु मैं सवाल इसलिए उठा रहा हूं कि जो बातें बुजुर्गों से, भाटों से, ढाढियों से सुनते आ रहें है, गूगल पर देखा तो कुछ लेखक भी जिक्र कर रहे हैं, उनका इतिहास में कहीं भी नाम मात्र का भी उल्लेख नहीं होना अपने आप में विरोधाभासी लग रहा है। इसलिए यह जानने की इच्छा हो रही है कि इस राजवंश का वास्तव में ही राज था या नही, यदि राज था तो इतिहास के पन्नों पर उपस्थिति क्यों नहीं हैं?
✍️✍️ हुकमा राम गोदारा 'जिज्ञासु'