
16/04/2025
🍔 “टुंडू तोंद का पेट-फाड़ू किस्सा!” 😆
एक समय की बात है, एक बहुत ही मोटा और मस्तमौला पेट था, नाम था – टुंडू तोंद।
टुंडू का जन्म किसी इंसान के शरीर पर नहीं, बल्कि रोज़ के जलेबी, समोसे, बर्गर और कोल्ड ड्रिंक की गोद में हुआ था। वो इतना खुश था कि उसे लगा कि ये दुनिया सिर्फ खाने के लिए बनी है!
टुंडू कहता था –"सेहत-वहत छोड़ो, ज़िंदगी छोटी है – तो खाओ मोटी-मोटी चीज़ें!"
दिन में चार बार आलू के परांठे, रात में बटर चिकन और सोने से पहले गुलाब जामुन। एक्सरसाइज़ का नाम सुनते ही टुंडू को पसीना आ जाता था – पर खाने से नहीं, सुनने भर से!
टुंडू की तबाही की शुरुआत-एक दिन टुंडू अपने मालिक को लेकर टहलने निकला। अचानक दीवार से टकरा गया। मालिक का मुँह, नाक, दांत सब ठीक रहे – लेकिन टुंडू तोंद सबसे पहले टकराई!
पास से एक बुज़ुर्ग बोले –"बेटा, तोंद अब एयरबैग बन चुकी है!"
पूरी कॉलोनी हँसी से लोटपोट। टुंडू शर्म से लाल हो गया। वो बोला, "अब मैं मज़ाक नहीं, सम्मान चाहता हूँ!"
बदलाव की घंटी बजी 🔔 उसी रात टुंडू ने मन बना लिया कि अब बस! अब से पिज़्ज़ा नहीं, पालक!
अब से फ्राई नहीं, फ्रूट!
उसने गूगल किया – "तोंद घटाने के घरेलू उपाय" एक पोस्ट में लिखा था: “सुबह की सैर, नींबू पानी, कम खाना – ज्यादा मुस्कराना!” अगले दिन से टुंडू दौड़ने लगा। जलेबी की जगह नारियल पानी, कोल्ड ड्रिंक की जगह छाछ, और बर्गर की जगह मूँग की दाल!
लोग हैरान – ये वही टुंडू है? एक महीने में टुंडू 3 इंच सिकुड़ गया। कॉलोनी वालों ने नाम रख दिया – “टुंडू से फिटू!”
अब टुंडू जब भी सामने आता है, सब कहते हैं – "अरे वाह! अब तोंद नहीं, एब्स दिख रहे हैं!"
टुंडू मुस्कराता है और कहता है –
"जिंदगी सिर्फ खाने के लिए नहीं, हँसते-खेलते जीने के लिए है।"
अब आपकी बारी – क्या आपके पेट का नाम भी “टुंडू” है? 🤭
👉 क्या आप भी जलेबी के चक्कर में हेल्थ को भूला बैठे हैं?
👉 क्या आपकी तोंद भी खुद को “एयरबैग” समझने लगी है?
तो बताइए – आप कब से शुरू कर रहे हैं अपना #फिटनेस_मिशन?